राष्ट्रपति शासन की मांग पर पप्पू यादव ने BJP पर निकाली भड़ास

राष्ट्रपति शासन की स्थिति में किसी राज्य की निर्वाचित सरकार को भंग या निलंबित कर दिया जाता है. फिर राज्य का प्रशासन केंद्र सरकार के अधीन आ जाता है. बंगाल में भी अब राष्ट्रपति शासन की मांग उठी है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मुर्शिदाबाद की हिंसा और पूरे पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर बीजेपी ने वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि वक्फ एक्ट के विरोध के नाम पर जिहादियों के जरिए वहां हिंसा फैलाई जा रही है. हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है और राष्ट्र विरोधी ताकतों को खुली छूट दी गई है. पश्चिम बंगाल पूरी तरह जल रहा है. सरकार और प्रशासन स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम है. ऐसे वहां राष्ट्रपति शासन लगना ही चाहिए. बीजेपी नेताओं की इस डिमांड के बाद विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है.

सांसद पप्पू यादव ने क्या कहा?

वहीं बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, “भाजपा भारत में कभी भी अकेले चुनाव नहीं जीत सकती. ये किसी के कंधे पर बंदूक रख कर ही जीत सकते हैं. भाजपा किसी के सहारे ही जीत सकती है और उसको मार कर अपनी सरकार बना सकती है. भाजपा जहां सरकार नहीं बनाएगी वहां राष्ट्रपति शासन के तहत राज करना चाहती है. इस जन्म में भाजपा बंगाल में जीत नहीं सकती, इसलिए अब ये पिछले दरवाजे से बंगाल में राज करना चाहते हैं.”

कैसे लगता है राष्ट्रपति शासन?

आपको बता दें कि राष्ट्रपति शासन की स्थिति में किसी राज्य की निर्वाचित सरकार को भंग या निलंबित कर दिया जाता है. फिर राज्य का प्रशासन केंद्र सरकार के अधीन आ जाता है. इसे संवैधानिक आपातकाल भी कहते है. इस अवधि के दौरान राज्य का शासन राष्ट्रपति के माध्यम से चलता है. राज्यपाल को कार्यकारी शक्तियां प्राप्त होती हैं. राज्यपाल अधिकारियों की एक सलाहकार प्रणाली बनाकर सरकार चलाता है. इसकी व्यवस्था संविधान की धारा 356 और 355 के तहत लागू की जाती है. यही वजह है कि टीएनसी समेत देश का तमाम विपक्षी पार्टियां ये कह रही हैं कि बीजेपी पिछले दरवाजे से बंगाल में शासन करना चाहती है.

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