साबिर हुसैन का बड़ा बयान, कहा- हिंसा फैलाने के लिए बार-बार धर्म का गलत इस्तेमाल किया जाता है..,

साबिर हुसैन ने कहा, "हिंसा फैलाने के लिए बार-बार धर्म का गलत इस्तेमाल किया जाता है, जो बिल्कुल गलत है। मैं किसी धर्म का अनादर नहीं कर रहा हूं।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को जो कुछ भी हुआ, उससे शायद ही कोई कभी भुला पाएगा. 28 टूरिस्ट्स को आतंकियों ने निशाना बनाते हुए बेरहमी से मार डाला. कई अन्य टूरिस्ट इस हमले में घायल भी हुए. आए तो वो यहां अच्छी यादें संजोने के लिए थे, लेकिन न जाने कितने ही परिवारों ने यहां अपनों को हमेशा- हमेशा के लिए खो दिया. पूरे देश में इस घटना को लेकर रोष व्याप्त है. वहीं, इस हमले से निराश होकर पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम टीचर साबिर हुसैन ने इस्लाम मजहब छोड़ने का फैसला लिया है.

जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में आतंकियों ने लोगों को मारने से पहले यह भी सुनिश्चित किया कि वे किस धर्म के हैं. साबिर दक्षिण 24 परगना जिले के बादुरिया स्थित निर्माण आदर्श विद्यापीठ में विज्ञान के शिक्षक हैं. स्कूल टीचर साबिर हुसैन ने कहा है कि देश में आए दिन मजहब के नाम पर हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे वो बेहद दुखी हैं. पहलगाम आतंकी हमले से आहत बदुरिया के साबिर हुसैन ने इस्लाम छोड़ने के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है.

साबिर हुसैन ने कहा, “हिंसा फैलाने के लिए बार-बार धर्म का गलत इस्तेमाल किया जाता है, जो बिल्कुल गलत है। मैं किसी धर्म का अनादर नहीं कर रहा हूं। यह मेरा निजी फैसला है। मैंने देखा है कि किस तरह हिंसा फैलाने के लिए एक हथियार के रूप में धर्म का इस्तेमाल किया जाता है। कश्मीर में ऐसा कई बार हुआ है। मैं अब इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।”

‘मुझे आहत करता है ये सब’
अपने फैसले की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि वह किसी धार्मिक पहचान की बजाय एक इंसान के रूप में पहचाना जाना चाहते हैं। “मैं सिर्फ एक इंसान के रूप में जाना जाऊं यही चाहता हूं, किसी धार्मिक पहचान की वजह से नहीं। इसलिए मैं कोर्ट में आवेदन करने आया हूं। पहलगाम जैसी हिंसक घटनाओं में मजहब का गलत इस्तेमाल किया जाता है। किसी को उसके धर्म की वजह से मारना कैसे ठीक है? ये मुझे बहुत आहत करता है,” उन्होंने कहा। मौजूदा सामाजिक माहौल पर टिप्पणी करते हुए साबिर हुसैन ने कहा, “आजकल सब कुछ धर्म के इर्द-गिर्द घूमता हुआ लगता है। मैं ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहता।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका स्वतंत्र रूप से लिया गया फैसला है और उनके परिवार पर इसका कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी और मेरे बच्चे जो भी रास्ता चुनें, उन्हें उसकी पूरी आज़ादी है।”

आपको बता दें, कि साबिर बोले- मौजूदा माहौल पर टिप्पणी करते हुए हुसैन ने कहा कि वह ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहते हैं, जहां सब कुछ मजहब के इर्द-गिर्द घूमता रहता है. उन्होंने कहा- आजकल सब कुछ धर्म के इर्द-गिर्द घूमता हुआ लगता है. मैं ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहता. साबिर हुसैन के मुताबिक उन्होंने यह फैसला स्वतंत्र रूप से लिया है और कहा है कि उनकी पत्नी और उनके बच्चे जो भी रास्ता चुने वह उन्हें पूरी आजादी देंगे.

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