Shah- Rajnath का झूठ Exposed, ‘The Hindu’ ने छाप दिया सारा सच!
पहलगाम हमले की आग अभी ठंडी नहीं हुई है... आतंकी हमले को लेकर मोदी सरकार जबरदस्त राजनीति कर रही है... जनता को गुमराह करने के लिए रोज एक...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पहलगाम हमले को लेकर आज पांच दिन हो गए है….. लेकिन मोदी सरकार लगातार झूठ बोल रही है…. खबरें लगातार आ रही है….. खबरें रूक नहीं रहीं है….. लेकिन मोदी सरकार का झूठ बोलना भी रुक नहीं रहा है….. बता दें कि मोदी सरकार विदेश, मन की बात, संसद से लेकर तमाम प्लेटफार्म पर झूठ ही बोल रही है….. वहीं अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर मोदी सरकार कब तक झूठ बोलेगी….. आपको बता दें कि दो हजार चौदह में जब से मोदी सत्ता में आए हैं….. उसके बाद जब भी मोदी का मुंह खुला है…. झूठ ही बोला है….. पहलगाम हमले को लेकर देश में आक्रोश व्याप्त है….. बीजेपी हिंदू- मुसलमान में देश की जनता को उकसाने में जुटी हुई है….. वहीं मुसलमान पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत माता की जय और तिरंगा को हाथों में लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग कर रही है…. मोदी सरकार को विपक्ष का पूरा समर्थन मिला हुआ है…. उसके बाद मोदी सरकार किसका इंतजार कर रही है…..
वहीं गोदी मीडिया मोदी सरकार का गुणगान करने में जुटी है….. कि आतंकी हमले को लेकर मोदी सरकार में पाकिस्तान का पानी बंद कर दिया है…. लेकिन गोदी मीडिया ये क्यों नहीं बता रही है….. कि सिंधु नदीं पर किसी भी तरह का कोई डैम नहीं बना है…. तो किस तरीके से मोदी जी ने पाकिस्तान का पानी बंद कर दिया है…. य़ह सब सिर्फ जनता को समझाने और बहलाने के लिए और चुप कराने के लिए हल्ला मचाया गया है….. कि मोदी ने पाकिस्तान की हवा खराब कर दी….. लेकिन सच में ऐसा कुछ भी नहीं है….. वहीं अब सर्वदलीय बैठक में मोदी को जाकर सभी के सवालों का जवाब देना था….. लेकिन मोदी जी चुनावी रैली में व्यस्त थे….. और बैठक में नहीं गए….. और शाह- राजनाथ सिंह बैठक में पहुंचे और कहा कि सुरक्षा में चूक तो हुई है…. लेकिन बैसरान घाटी पर्यटकों के लिए पूरी तरीके से बंद है…. और वहां पर टूर गाइड की गलती से इतनी बड़ी घटना घटी है….. लेकिन सरकार का यह दावा भी पूरी तरह से गलत है…..
आपको बता दें कि मोदी सरकार के झूठ को एक्सपोज करते हुए द हिंदू ने अधिकारियों के माध्यम से सारा सच छाप दिया….. और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा एक सर्वदलीय बैठक में सूचित किए जाने के एक दिन बाद कि बैसरन मैदान को खोलने के लिए पुलिस की अनुमति नहीं मांगी गई थी…… जहां 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी…… जम्मू-कश्मीर सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द हिंदू को बताया कि पर्यटक स्थल के लिए कभी भी पुलिस प्राधिकरण की मांग नहीं की गई है…… जो बर्फीले महीनों को छोड़कर पूरे साल खुला रहता है……
जिसको लेकर अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अभी तक परमिट मुद्दे के संबंध में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के साथ औपचारिक रूप से संवाद नहीं किया है….. अधिकारी ने कहा, “बैसरन घास का मैदान वर्षों से पर्यटकों के लिए खुला रहा है…… “पिकनिक स्पॉट” के गेट पर लगे एक पोस्टर में कहा गया है कि यह अनंतनाग जिले में पहलगाम विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित है…… और प्रवेश टिकट की कीमत प्रति व्यक्ति ₹35 है…… आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर को 2019 में विधानसभा के साथ एक राज्य से यूटी में पदावनत किया गया था…… जिसके बाद 2024 में पहला चुनाव हुआ था……. कानून और व्यवस्था, पुलिस और सुरक्षा ग्रिड के रखरखाव की जिम्मेदारी उपराज्यपाल कार्यालय…. और एमएचए के पास है…… जबकि पर्यटन यूटी के निर्वाचित प्रशासन के दायरे में आता है…..
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक में सांसदों से कहा था कि 20 से 22 अप्रैल तक बैसरन घास के मैदान में सिर्फ एक हजार से कम पर्यटक आए थे…… और उन्होंने कहा कि पहलगाम में होटल….. और रिसॉर्ट मालिकों को जिम्मेदार होना चाहिए था…… और पर्यटकों को वहां भेजने से पहले सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए था……. बैठक में भाग लेने वाले सांसदों ने बताया….. वहीं इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने सांसदों को सूचित किया कि यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा…… और उसके प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े आतंकवादियों के ढीले समूहों द्वारा किया गया है….. जो “ऊंचे इलाकों में सक्रिय” हैं…….
वहीं शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने सीमा पर सात सुरंगों का पता लगाया है…… जिनका इस्तेमाल आतंकवादियों ने पाकिस्तान से घुसपैठ करने के लिए किया था…… और अब तक 35 लश्कर आतंकवादियों को मार गिराया है…… गृह मंत्रालय की प्रस्तुति में कहा गया है कि जून 2014 से मई 2024 के बीच एक दशक में 1,643 आतंकवादी घटनाएं हुईं…… इस दौरान घुसपैठ की 1,925 कोशिशें हुईं…… और 726 सफल घुसपैठ हुईं…… इसी अवधि के दौरान 576 सुरक्षाकर्मी और 1,607 आतंकवादी मारे गए…… वहीं बैठक में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक अधिकारी ने कहा कि जिस इलाके में हमला हुआ……. वहां सीआरपीएफ जवानों की कोई स्थायी तैनाती नहीं है…… बैसरन घास के मैदान तक केवल पैदल या टट्टू द्वारा ही पहुंचा जा सकता है…… और मंगलवार के हमले के बाद पहला प्रतिक्रियाकर्ता सीआरपीएफ का एक अधिकारी था……. जिसे घटनास्थल पर पहुंचने और रिपोर्ट भेजने में एक घंटा लगा…….. सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि अन्य सुरक्षा बल डेढ़ घंटे से अधिक समय के बाद मौके पर पहुंचे…..
आपको बता दे कि सेना के अधिकारी ने कहा कि सेना का निकटतम स्थायी शिविर 20 किमी दूर है….. बैसरन ऊंची पहाड़ियों की पृष्ठभूमि के साथ काफी ऊंचाई पर है….. केवल अमरनाथ यात्रा के दौरान ही ऊंचाई वाले इलाकों में सुरक्षा बलों का दबदबा रहता है…… और उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अन्य समान स्थान जैसे अरु और दूधपथरी, जहां अक्सर इजरायली पर्यटक आते हैं……. अब पर्यटकों के लिए अवरुद्ध कर दिए गए हैं……. जबकि उन स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है…… जहां अभी भी पर्यटकों को अनुमति है….. वहीं इस दावे से मोदी सरकार का झूट पूरी तरह से एक्सपोज हो गया है….. बैठक में सरकार ने दावा किया बैसरन घाटी पर्य़टकों के लिए बंद रहती है….. लेकिन द हिंदू ने पड़ताल कर सारे दावे झूठे साबित कर दिए…..
आपको बता दें कि पहलगाम विकास प्राधिकरण का रेवेन्यू जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार को जाता है……. पहलगाम विकास प्राधिकरण, राज्य सरकार द्वारा स्थापित एक प्राधिकरण है……. जो पहलगाम क्षेत्र के विकास और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है……. प्राधिकरण का रेवेन्यू राज्य सरकार के राजस्व में ही शामिल होता है….. पहलगाम विकास प्राधिकरण की स्थापना पहलगाम क्षेत्र में विकास….. और प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए की गई थी…… यह प्राधिकरण राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित होता है…… और इसके द्वारा अर्जित किया गया सारा रेवेन्यू राज्य सरकार को जाता है…… बता दें कि पहलगाम विकास प्राधिकरण को 599 कनाल राज्य भूमि 21 जुलाई, 2005 के आदेश द्वारा हस्तांतरित की गई थी…… इस भूमि को बाड़ लगाकर मनोरंजन पार्क, पार्किंग स्थल आदि के रूप में विकसित किया गया है……. शेष क्षेत्रों की देखभाल पहलगाम विकास प्राधिकरण द्वारा की जाती है…… प्राधिकरण द्वारा उत्पन्न सभी राजस्व का उपयोग पहलगाम क्षेत्र के विकास….. और बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए किया जाता है…..
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई सर्वदलीय बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने पर्यटक स्थल पर सुरक्षा में चूक का मामला उठाया……. साथ ही सवाल किया कि वहां पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती क्यों नहीं की गई थी…… राहुल की तरह राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सवाल किया कि सुरक्षा में चूक हुई है…… और हमले के बाद सरकार की ओर से तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई…… वहीं पहलगाम में 28 बेगुनाहों की मौत के पीछे 2 वर्ग के लोगों को भी वजह माना जा रहा है……. टूर ऑपरेटरों और स्ठानीय होटल मालिकों ने प्रशासन से ये बात छुपाई कि वे पर्यटकों को बैसरन ले जा रहे हैं……. ऐसे में पहलगाम में सैनिकों को मौजूद होने के बावजूद प्रशासन बैसरन में इन्हें भेज नहीं सका……
जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से बैठक में बताया गया कि पहलगाम में सैनिक मौजूद थे…… लेकिन उन्हें वहां पर तैनात नहीं किया गया था……., क्योंकि स्थानीय अधिकारियों को पर्यटकों को बैसरन ले जाने को लेकर कोई जानकारी ही नहीं थी…… और उन्होंने यह भी कहा कि टूर ऑपरेटरों और स्थानीय होटल मालिकों ने अधिकारियों को इस बारे में जानकारी ही नहीं दी थी…… कि पर्यटकों को वहां पर ले जाया जा रहा है…… बता दें कि दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान कई विपक्षी सांसदों ने अपनी-अपनी बात रखी…… लेकिन इस दौरान किसी के बीच कोई तीखी बहस नहीं हुई….. सांसदों ने सरकार की ओर के उठाए गए किसी भी कार्रवाई पर अपना समर्थन देने का ऐलान किया……



