डेडलाइन के बाद भी वापस नहीं गए पाकिस्तानी तो क्या होगा? जानें क्या होगा भारत का अगला कदम

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की आपात बैठक में कई अहम फैसले लिए

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की आपात बैठक में कई अहम फैसले लिए, जिनमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और अटारी-वाघा बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद करना शामिल है।सरकारी आदेश के अनुसार, मेडिकल वीजा धारकों को छोड़कर सभी पाकिस्तानी नागरिकों को निर्धारित समयसीमा के भीतर भारत छोड़ना था। यह समयसीमा रविवार को समाप्त हो गई है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि तय अवधि के बाद भारत में रुकने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट-2025 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लंघन करने वालों को तीन साल तक की जेल, तीन लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजा दी जा सकती है।यह कदम पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को भी सीमाओं पर हाई अलर्ट पर रखा गया है, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

चार दिन में 537 पाकिस्तानी लौटे, डिप्लोमेटिक स्टाफ भी घटाया गया

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए सख्त कदमों का असर दिखने लगा है। पिछले चार दिनों में कुल 537 पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत छोड़ दिया है। वहीं, इस दौरान 1,387 भारतीय नागरिक भी पाकिस्तान से स्वदेश लौट चुके हैं। प्रोटोकॉल अधिकारियों के मुताबिक, रविवार को 237 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौटे, जबकि 116 भारतीय नागरिक वहीं से भारत में दाखिल हुए। सरकार ने मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक भारत में रुकने की छूट दी है, इसके बाद उन्हें भी देश छोड़ना होगा।

डिप्लोमेटिक स्टाफ में भी कटौती
भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात राजनयिकों की संख्या भी कम कर दी है। अब तक 13 पाकिस्तानी राजनयिक और अधिकारी भारत छोड़कर पाकिस्तान वापस जा चुके हैं। यह निर्णय भी राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। सरकार का स्पष्ट कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और हर स्तर पर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है।

वीजा समाप्ति की टाइमलाइन
सार्क वीजा धारकों के लिए समय सीमा 26 अप्रैल निर्धारित थी.
अन्य सभी वीजा 27 अप्रैल को समाप्त कर दिए गए.
मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक का समय दिया गया है.
गृह मंत्रालय ने दिए थे सख्त निर्देश
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी कर पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने और
उन्हें समय सीमा के भीतर भारत छोड़ने को सुनिश्चित करने को कहा था. गृह मंत्री अमित शाह ने खुद मुख्यमंत्रियों से
बातचीत कर इस विषय पर गंभीरता बरतने के लिए कहा था. साथ ही गृह सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के
मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों से भी चर्चा की थी.

चेतावनी

पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों की श्रृंखला में अब पाकिस्तानी नागरिकों को अंतिम चेतावनी दी गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, जो पाक नागरिक तय समय सीमा के बाद भारत में पाए जाएंगे, उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल हो सकते हैं।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।

आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत
यह चेतावनी ऐसे समय में दी गई है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। प्रारंभिक जांच में इस हमले में पाकिस्तान के आतंकियों की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने, अटारी-वाघा बॉर्डर अस्थायी रूप से बंद करने और पाकिस्तानी राजनयिकों की संख्या घटाने जैसे कई सख्त निर्णय लिए थे। सरकार ने साफ किया है कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है, और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए किसी भी स्तर पर कड़ा कदम उठाया जाएगा।

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