Nishikant Dubey की नागरिकता पर उठे सवाल, SC में बुरे फंसे? जाएगी सांसदी!
देवघर में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की... उन्होंने कहा कि दुबे का रहन-सहन...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का विवादों से पुराना नाता है….. निशिकांत दुबे लगातार एक के बाद एक विवादित बयान देते ही रहते हैं….. और उनके बयान लगातार सुर्खियां भी बटोरते रहते हैं…… विपक्ष लगातार मोदी सरकार के नेताओं के नफरती बयानों को लेकर घेरती रहती है…. लेकिन मोदी सरकार अपने नफरत फैलाने वाले नेताओं पर कोई एक्शन नहीं लेती है….. जिससे साफ पता चलता है कि देश में नेताओं के द्वारा जितनी नफरत फैलाई जा रही है…. वह मोदी सरकार के इशारे पर फैलाई जा रही है.,…. निशिकांत जैसे नफरत फैलाने वाले नेताओं को मोदी-शाह का संरक्षण मिला हुआ है….. तभी एक के बाद एक नफरती बयान इन नेताओं के द्वारा दिया जा रहा है….. आपको बता दें कि जब संसद में बीजेपी सांसद रहे रमेश विधूड़ी ने विवादित बयान दिया था…… उसका भी निशिकांत दुबे ने समर्थन किया था….. वहीं हाल ही में वक्फ कानून को लेकर पूरे देश में जो विरोध देखा गया…. जिसको लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने जो बयान दिया…. और सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को लेकर उन्होंने यह कहा कि जो देश में गृह युद्ध चल रहा है….. उसके जिम्मेदार चीफ जस्टिस संजीव खन्ना हैं…..
तो वहीं अब निशिकांत दुबे के नफरती और विवाविद बयानों को लेकर देवघर में एक बार फिर सियासी तूफान खड़ा हो गया है…… और इस बार केंद्र में है झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर दिया गया विस्फोटक बयान है….. बता दें कि डॉ. अंसारी ने न केवल निशिकांत दुबे की भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाए……. बल्कि उनकी जीवनशैली, बोलने के तरीके और सोशल मीडिया पोस्ट्स को आधार बनाकर यह दावा किया कि दुबे भारतीय नहीं……. बल्कि शायद अमेरिकी हो सकते हैं……. यह बयान इतना तीखा और गंभीर है कि इसने न केवल झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी……. बल्कि केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है……. इसके साथ ही पहलगाम आतंकी हमले के बाद निशिकांत दुबे की वीवीआईपी सुरक्षा व्यवस्था…… और केंद्र सरकार की चुप्पी पर डॉ. अंसारी के तीखे हमले ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है……
आपको बता दें कि डॉ. इरफान अंसारी ने इस बार निशिकांत दुबे की भारतीय नागरिकता पर सीधा हमला बोला है…… और उन्होंने कहा कि मुझे शक है कि निशिकांत दुबे भारतीय नहीं हैं…… मैं उनकी नागरिकता की जांच करवाना चाहता हूं कि वह इंडियन हैं या अमेरिकन…… यह बयान कोई सामान्य राजनीतिक टिप्पणी नहीं……. बल्कि एक गंभीर आरोप है……. जो किसी सांसद की राष्ट्रीयता पर सवाल उठाता है…… निशिकांत दुबे गोड्डा से बीजेपी के सांसद हैं….. और लगातार चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं…….. पर इस तरह का आरोप लगना न केवल उनके लिए व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक है……. बल्कि बीजेपी और मोदी सरकार के लिए भी एक बड़ा सियासी संकट पैदा कर सकता है……. डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि दुबे की सोशल मीडिया गतिविधियां और उनके बयान देश की एकता…… और अखंडता के खिलाफ जाते हैं…… और उन्होंने विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले के बाद दुबे द्वारा किए गए कुछ पोस्ट्स का जिक्र किया…… जिसमें उन्होंने कथित तौर पर संवेदनशील मुद्दों को भड़काने की कोशिश की…..
वहीं यह पहली बार नहीं है जब निशिकांत दुबे विवादों में घिरे हैं……. इससे पहले भी उनके खिलाफ मेडिकल कॉलेज हड़पने के आरोप में एफआईआर दर्ज हो चुकी है……. और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर उनकी टिप्पणी ने झारखंड में सियासी बवाल मचाया था……. लेकिन नागरिकता पर सवाल उठना एक ऐसा मुद्दा है……. जो बीजेपी के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है……. क्या केंद्र सरकार इस आरोप की जांच करवाएगी…… या यह मामला भी बीजेपी की चुप्पी के साथ दब जाएगा……. यह सवाल हर भारतीय के मन में उठ रहा है…… डॉ. इरफान अंसारी ने अपने बयान में पहलगाम आतंकी हमले को केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की “घोर लापरवाही” का सबूत बताया…… तेइस अप्रैस को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अट्ठाइस लोग मारे गए…… जिनमें चौदह राज्यों के पर्यटक और दो विदेशी नागरिक शामिल थे……. यह दो हजार उन्नीस के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी का सबसे घातक हमला था……. हमले में आतंकियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर पुरुषों को सिर में गोली मारी……. जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया……
आपको बता दें कि डॉ. अंसारी ने इस हमले के बाद निशिकांत दुबे की वीवीआईपी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश में इतना बड़ा आतंकी हमला हो रहा था……. तब गोड्डा के सांसद कश्मीर में अपनी शादी की सालगिरह का शाही जश्न मना रहे थे…….. यह संवेदनहीनता उन परिवारों के जख्मों पर तमाचा है……. जिन्होंने अपनों को खोया…… उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर है कि आतंकी बेखौफ होकर इस तरह के हमले को अंजाम दे रहे हैं…… पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई कड़े कदम उठाए……. जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना…… वाघा-अटारी सीमा को बंद करना……. और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है……. लेकिन डॉ. अंसारी का कहना है कि ये कदम केवल दिखावटी हैं…… मोदी सरकार हर बार आतंकी हमले के बाद बड़ी-बड़ी बातें करती है……. लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं होता……. अगर सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत होती…… तो पहलगाम जैसा हमला कैसे हो सकता था…..
डॉ. इरफान अंसारी ने अपने बयान में न केवल निशिकांत दुबे, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और पूरी बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया…… और उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले ग्यारह सालों में देश को सिर्फ खोखले वादे दिए हैं……. आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली यह सरकार हर बार नाकाम साबित हुई है……. पहलगाम हमला इस बात का जीता-जागता सबूत है कि केंद्र सरकार की नीतियां…… और सुरक्षा तंत्र पूरी तरह फेल हो चुके हैं…… और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है…… जब देश को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए……. तब बीजेपी के नेता जैसे निशिकांत दुबे सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं……. यह देश के लिए खतरनाक है……
डॉ. अंसारी ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह तत्काल प्रभाव से निशिकांत दुबे की नागरिकता की जांच करवाए….. और पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे…… और केंद्र सरकार को पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता राशि जारी करनी चाहिए…… और हवाई सेवा कंपनियों की लूट पर लगाम लगानी चाहिए……. जिन्होंने हमले के बाद मनमाने तरीके से किराया वसूला….. वहीं अब सवाल यह है कि क्या नागरिकता पर उठा यह सवाल निशिकांत दुबे के लिए मुश्किल खड़ी करेगा…… या यह भी एक और विवाद बनकर रह जाएगा…… बीजेपी की चुप्पी इस मामले को और संदिग्ध बना रही है…… अगर केंद्र सरकार इस आरोप की जांच नहीं करवाती……. तो यह विपक्ष के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है…..
बता दें कि डॉ. इरफान अंसारी का यह बयान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा सियासी हथियार बन गया है……. पहले से ही पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर विपक्ष अब इस मुद्दे को और भुनाने की कोशिश करेगा……. कांग्रेस ने पहले ही मांग की थी कि पहलगाम हमले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए…….. और अब निशिकांत दुबे की नागरिकता का मुद्दा इसे और हवा दे सकता है…… झारखंड में पहले से ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी सियासी जंग चल रही है……. डॉ. अंसारी, जो जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक…… और हेमंत सोरेन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं……. और अपने बयानों से अक्सर बीजेपी को निशाने पर लेते रहे हैं…….. चाहे वह बीजेपी पर धार्मिक आधार पर देश को बांटने का आरोप हो……. या सुप्रीम कोर्ट और संविधान पर हमले का इल्जाम……. अंसारी ने हर बार बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया है……
आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले और निशिकांत दुबे की नागरिकता पर उठे सवालों ने आम जनता के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं…… लोग पूछ रहे हैं कि अगर एक सांसद की नागरिकता पर इतना बड़ा सवाल उठ सकता है……. तो क्या सरकार इसकी जांच करवाएगी…… क्या पहलगाम जैसे हमले बार-बार होते रहेंगे……. और केंद्र सरकार सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहेगी…… वहीं सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से वायरल हो रहा है……. कुछ लोग डॉ. अंसारी के बयान का समर्थन कर रहे हैं……. तो कुछ इसे सस्ती सियासत बता रहे हैं…… लेकिन एक बात साफ है कि यह मुद्दा जल्दी शांत होने वाला नहीं है…….



