जाति जनगणना को लेकर खड़गे का बयान, कहा-आरएसएस हमेशा से जाति जनगणना का विरोध करता रहा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दो साल पहले मैंने आम जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः सरकार ने हाल ही में देश में जाति जनगणना कराने की बात कही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस फैसले का स्वागत किया, लेकिन भाजपा पर राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होने का आरोप भी लगाया. खरगे ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले भी केंद्र सरकार को इस मसले पर पत्र लिखा था. उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस हमेशा से जाति जनगणना का विरोध करता रहा है और भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है.
मोदी सरकार ने सीसीपीए की बैठक में देश में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दो साल पहले मैंने आम जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था. उस समय वे सहमत नहीं हुए थे. अब कैबिनेट ने आम जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है.
खरगे ने कहा कि हम पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन उन्हें जवाहरलाल नेहरू या इस-उस पर अनावश्यक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. जनसंघ और आरएसएस जन्म से ही आरक्षण के खिलाफ हैं. अगर आरक्षण के खिलाफ ऐसे लोग कहते हैं कि कांग्रेस इसके खिलाफ है, तो क्या मैं दो साल पहले पत्र लिखता? इसलिए, वे फिर से लोगों के मन में भ्रम पैदा कर रहे हैं. राजनीतिक उद्देश्यों के लिए वे हमेशा ऐसी बातें करते हैं, लेकिन उन्होंने जो भी फैसला लिया है, उसे पूरा किया जाना चाहिए.
बिहार चुनाव की वजह से नहीं किया ऐसा
जाति जनगणना पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बिहार चुनाव नजदीक होने के कारण ऐसा किया गया है. आखिरकार, देश जरूरी है और लोग महत्वपूर्ण हैं. आरएसएस हमेशा जाति जनगणना के खिलाफ रहा है. इसलिए, उन्हें अपनी तरफ से दिए गए आरक्षण के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है. सभी विपक्षी दलों ने जाति जनगणना की मांग की थी. राहुल गांधी ने जाति जनगणना की मांग का नेतृत्व किया और आज हमने इसे हासिल कर लिया है. हम खुश हैं.
#WATCH | On caste census, Congress President Mallikarjun Kharge says," Two years ago, I wrote a letter (to Centre) on caste census to be held along with general census. At that time, they did not agree. Now, the cabinet has taken a decision to hold a caste census along with the… pic.twitter.com/Iaq6UF8ygl
— ANI (@ANI) May 1, 2025
बजट का प्रावधान कर पारदर्शिता से कराएं जातिजनगणना
उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में जनगणना के लिए मात्र 1.575 करोड़ रुपए का आवंटन है, इसलिए यह वाजिब सवाल है कि सरकार इसे कैसे और कब पूरा करेगी? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द बजट का प्रावधान करे और पूरी पारदर्शिता के साथ जनगणना व जाति जनगणना का काम शुरू करे. पिछली राष्ट्रव्यापी जनगणना देश में 2011 में पूरी हुई थी और अगली दशकीय जनगणना अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हो गई.



