फारूख अब्दुल्ला का बड़ा बयान, कहा- ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं..,
पहलगाम आतंकी हमले के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पहलगाम आतंकी हमले के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं. वे यहां कैसे और किस तरह से आए? मैंने पहले भी यही कहा था, जब मौलाना अजहर को रिहा किया गया था, तो मैंने इसके खिलाफ चेतावनी दी थी.
पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के सवाल पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “कोई भी हो सकता है, क्योंकि जब तक हम उन्हें पकड़ नहीं लेते, हम पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हैंडलर वही हैं, उन्होंने पहले भी ऐसा किया है. यह कोई नई बात नहीं है. उरी के पीछे भी वे (पाकिस्तान) ही थे. पुलवामा में जो हुआ, उसे देखिए, किसने किया? मुंबई, पठानकोट, बिलावर के पीछे कौन था? राजौरी और पुंछ में कौन काम कर रहा है? हैंडलर वही हैं”
बता दें कि पिछले 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की मौत हुई थी. पर्यटकों की मौत के बाद भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी कदम उठाये हैं. इससे भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार फारूख अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है, तो उन्होंने कहा, “अगर ऐसा नहीं होता, तो वे आज प्रधानमंत्री नहीं होते. प्रधानमंत्री के तौर पर हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है और वे उस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं.”
स्थानीय लोगों की संलिप्तता के बिना नहीं घट सकती ऐसी घटनाएं
पहलगाम आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की संभावित संलिप्तता पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं. वे यहां कैसे और किस तरह से आए? मैंने पहले भी यही कहा था, जब मौलाना अजहर को रिहा किया गया था, तो मैंने इसके खिलाफ चेतावनी दी थी. मैंने कहा था, उसे रिहा मत करो; वह रास्तों को जानता है और उन्हें मैप भी कर चुका है. कौन जानता है, हो सकता है कि इसमें उसका हाथ भी हो, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, वे उसे सीमा पार ले गए.”
पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बारे में फारूक अब्दुल्ला कहते हैं, “मैं वर्षों से कह रहा हूं कि इस संधि पर फिर से बातचीत होनी चाहिए. मेरा मानना है कि अब इस पर काम शुरू करने का सही समय है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जम्मू को पानी मिले. यह हमारा पानी है, ऐसा कैसे हो सकता है कि हम इसका इस्तेमाल न कर सकें? इसलिए अगर कुछ करना है तो इस संधि पर फिर से बातचीत करनी होगी.”
जाति जनगणना पर जानें क्या बोले फारूख अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने जाति जनगणना में मुस्लिम समुदाय को शामिल किए जाने के सवाल पर कहा, “यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि हर किसी के लिए यह जानना जरूरी है कि हर समुदाय से कितने लोग हैं. लोग अक्सर दलितों, मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों, पारसी और बौद्धों की संख्या के बारे में बात करते हैं. यह एक अच्छा कदम है, सभी को पता होना चाहिए, क्योंकि यह देश हम सभी का है.”



