कर्नाटक के मंत्री का विवादित बयान, कहा- सुसाइड बॉम्ब बनकर पाकिस्तान में हमला करने के लिए तैयार हूं..,

बीजेड जमीर अहमद खान ने शुक्रवार को कहा कि वो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर सुसाइड बोम्बर (Suicide Bomber) बनने और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में जाने के लिए तैयार हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पहलगाम अटैक के बीच कर्नाटक के आवास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान का एक बयान वायरल हो रहा है. उन्होंने पहलगाम अटैक का जिक्र करते हुए कहा कि अगर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इजाजत दें तो मैं सुसाइड बॉम्ब बन कर पाकिस्तान जाने और हमला करने के लिए तैयार हूं.

पहलगाम अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इसी बीच कर्नाटक के आवास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने शुक्रवार को कहा कि वो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर सुसाइड बोम्बर (Suicide Bomber) बनने और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में जाने के लिए तैयार हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के नेता ने यह बयान दिया. यह बयान तेजी से वायरल हो गया और इस पर सियासत छिड़ गई है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला हुआ. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई.

मंत्री ने क्या बयान दिया
बीजेड जमीर अहमद खान ने कहा, पाकिस्तान हमेशा से भारत का दुश्मन रहा है. उन्होंने आगे कहा, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मुझे इजाजत दें तो मैं सुसाइड बॉम्ब बन कर पाकिस्तान जाने और हमला करने के लिए तैयार हूं. मंत्री ने कहा कि वो देश के लिए अपना जिंदगी का बलिदान देने के लिए तैयार हैं और केंद्र से निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया. जबकि जमीर अहमद खान के आस-पास मौजूद सभी लोग हंस पड़े. इस पर उन्होंने कहा, मैं मजाक नहीं कर रहा हूं या मजाकिया तरीके से यह नहीं कह रहा हूं, मैं इसे लेकर बहुत गंभीर हूं.

पहलगाम में हुए हमले की निंदा की
मंत्री ने पहलगाम में हुए अटैक की निंदा की और इसे खान इसे निर्दोष नागरिकों के खिलाफ “बर्बर और अमानवीय कृत्य” बताया. उन्होंने कहा कि हर एक भारतीय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और साथ ही उन्होंने कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा उपायों की मांग की. जहां एक तरफ राज्य के मंत्री सुसाइड बॉम्बर बन कर पाकिस्तान जाने की बात कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का रुख इससे उलट है. उनका कहना है कि युद्ध समाधान नहीं है, इससे सिर्फ दोनों पक्षों में लोगों की जान का नुकसान होगा. हमें समझदारी से काम लेना चाहिए और राष्ट्रीय हित पर ध्यान देना चाहिए, न कि भावनात्मक विस्फोट पर.

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