पानी विवाद पर पंजाब-हरियाणा आमने-सामने, पंजाब ने हरियाणा को पानी देने से किया इनकार
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब ने अपनी सिंचाई प्रणाली में सुधार किया है, लेकिन उनके पास अतिरिक्त पानी नहीं है जो हरियाणा को दिया जा सके।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भाखड़ा डैम के पानी बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद गहराता जा रहा है। पंजाब सरकार ने स्पष्ट तोर पर कहा है कि वह हरियाणा को पानी नहीं देगी। इस मुद्दे पर अब बयानबाजी भी तेज हे गई है और राजनीतिक हलकों में गर्मा-गर्मी का माहौल है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब ने अपनी सिंचाई प्रणाली में सुधार किया है, लेकिन उनके पास अतिरिक्त पानी नहीं है जो हरियाणा को दिया जा सके। उन्होंने दो टूक कहा, “हम हरियाणा को पानी नहीं देंगे।”
पंजाब विधानसभा ने इस मुद्दे पर एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है, जो सोमवार सुबह 11 बजे शुरू होगा। माना जा रहा है कि इस सत्र में सरकार की तरफ से राज्य का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। वहीं, केंद्र सरकार ने भी इस विवाद पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र स्थिति को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभा सकता है। गौरतलब है कि भाखड़ा बांध से हरियाणा, पंजाब, और राजस्थान को पानी की आपूर्ति होती है, लेकिन वर्षों से पंजाब और हरियाणा के बीच इसके बंटवारे को लेकर मतभेद जारी हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के साथ जल बंटवारे के विवाद को खारिज करते हुए कहा है कि कोई विवाद नहीं है.
उन्होंने दावा किया कि आंकड़े पंजाब के पक्ष में हैं और हरियाणा अपने हिस्से से ज़्यादा पानी मांग रहा है. उन्हें 20 प्रतिशत पानी देने
की बात हुई थी, जिसे वो खर्च कर चुके हैं. अब उन्हें पानी नहीं दिया जाएगा.
सीएम मान ने कहा कि हरियाणा की तरफ से लगातार पानी मांगा जा रहा है, उनका तर्क है कि पहले भी उन्हें ज्यादा पानी मिलता रहा है, लेकिन पंजाब ने अपनी नहर प्रणाली में सुधार किया है और अब अतिरिक्त पानी नहीं है. हम पहले महज 21 प्रतिशत पानी ही यूज किया करते थे. आज सिस्टम सुधारने के कारण हम लोग 60 प्रतिशत तक पानी का सही यूज कर रहे हैं. यही कारण है कि हम अब पानी नहीं देने वाले हैं.
पंजाब विधानसभा सत्र पर सबकी निगाहें
आपको बता दें,कि इससे पहले पंजाब और हरियाणा, दोनों ही राज्यों ने अलग-अलग सर्वदलीय बैठक की थीं, जिनमें हर दल ने अपने-अपने राज्य के हितों की पैरवी करते हुए सरकारों के रुख का समर्थन किया था. बैठकों के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है. यही कारण है कि अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खटटर भी पंजाब पहुंच चुके हैं. हालांकि पंजाब के इस विशेष सत्र पर सबकी निगाहें रहने वाली हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस सत्र के जरिए रियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देने का प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा और बहुमत से पारित भी किया जा सकता है. मान सरकार पानी के मसले पर आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रही है. पंजाब सरकार पहले ही कह चुकी है कि हरियाणा को जरूरत के मुताबिक 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है. 8500 क्यूसेक पानी की मांग नाजायज है. अतिरिक्त पानी का उपयोग हरियाणा सिंचाई के लिए करेगा. इसको लेकर केंद्र सरकार ने भी अब दखल देना शुरू कर दिया है.



