नरेन्द्र-सरेंडर से मच गया पॉलिटिकल बवंडर
तेजी से पिघल रहा है ब्रांड मोदी का नाम

- डिजिटल लहर बन गया राहुल का बयान सिर्फ दो शब्दों में काम तमाम
- आपरेशन सिंदूर ने राष्ट्रवाद के मुददे पर कांग्रेस को बराबरी पर ला खड़ा कर दिया
- राहुल को घेरने की तैयारी अब बीजेपी की बारी
- तेजी से खत्म हो रही मोदी की लोकप्रियता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दो शब्दों ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है। मध्य प्रदेश के भोपाल में एक रैली के बीच में दिये गये बयान नरेन्द्र—सरेंडर ने ऐसी डिजिटल लहर पैदा की कि वह जन-संवाद में बदल गयी और सोशल मीडिया पर टं्रेड करने लगी। विपक्ष को वर्षों बाद ऐसा मुद्दा मिला है जिसने उसे राष्ट्रवाद की बहस में बराबरी पर ला खड़ा किया है। बीजेपी के सहयोगी दलों ने राहुल गांधी के इस बयान को गैरजिम्मेदारी वाला बयान बताया है और बयान की कड़ी निंदा आनी शुरू हो गयी है। बयानों में कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने देश के गौरव का अपमान किया। जब पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया जब उसे घुटनों पर ला दिया गया और उसे युद्धविराम की भीख मांगनी पड़ी, तो कोई कैसे कह सकता है कि पीएम मोदी ने आत्मसम्पर्ण किया है।
सोशल मीडिया आंकलन के बाद ऐसा प्रातीत हो रहा है कि ब्रांड मोदी में डेंट लगा है और वह तेजी से पिघलना शुरू हो गया है। मोदी को दशकों से एक मजबूत निर्णायक नेता के तौर पर पेश किया गया है। 56 इंच का सीना इसका ऐसा प्रतीक बना कि विपक्ष का कोई भी वार बेअसर हुआ। कोई भी बयान, कोई विरोध जनभावना के करीब भी नहीं पहुंच सका। लेकिन आपरेशन सिंदूर को बीच में रोकना और उसपर अमेरिकन प्रेसीडेंट का बयान कोढ़ में खाज बन गया और इस स्थिति का फायदा कांग्रेस ने बखूबी उठाया।
ये है नेता प्रतिपक्ष का बयान
राहुल गांधी ने भोपाल में एक रैली के दौरान विवादित टिप्पणी की जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि 10 मई को घोषित भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम समझौते के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के फोन के बाद पीएम मोदी ने तुरंत आत्मसमर्पण कर दिया था। राहुल गांधी ने स्थिति का फायदा उठाते हुए कहा कि पहले सिंदूर, फिर सरेंडर। यही है मोदी मॉडल। अब ये नरेंद्र काम सरेंडर सरकार है। यह बयान न सिर्फ शब्दों का खेल था, बल्कि मोदी सरकार की सैन्य और कूटनीतिक नीति पर एक जबरदस्त व्यंग्य था। विपक्ष को वर्षों बाद ऐसा मुद्दा मिला, जिससे वो राष्ट्रवाद की बहस में बराबरी से उतर सके। राजनीतिक विशलेषकों के मुताबिक राहुल का बयान सीधे पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत उनकी राष्ट्रवादी ब्रांडिंग पर हमला है।

बचाव की मुद्रा में बीजेपी
बीजेपी नेताओं की तरफ से राहुल गांधी को गद्दार, सेना विरोधी तक कहा गया। लेकिन खास बात यह रही कि कोई भी यह स्पष्ट नहीं कर सका कि ऑपरेशन सिंदूर को अचानक बीच में क्यों रोका गया और ट्रंप का बयान कैसे आया। जवाब की कमी ने लोगों को सोचने पर मजबूर किया और तेजी से नैरेटिव बदला। राहुल के सवाल और शंकाओं के साथ पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के भाषण और सोशल मीडिया कैंपेन ने सरकार की सैन्य रणनीतियों को कठघरे में खड़ा कर दिया। इससे पहले विपक्ष के पास केवल आर्थिक मुद्दे थे जिनके सहारे वह सरकार को घेरती थी लेकिन अब भावनात्मक और सुरक्षा से जुड़े प्रश्न भी विपक्ष के पास हैं। अभी तक राष्ट्रवाद का एजेंडा पूरी तरह बीजेपी के कब्जे में था, वहीं अब विपक्ष खासकर कांग्रेस को यह मौका मिला है कि वह इस मुददे पर सरकार से सवाल पूछ सके।
मालूक नागर ने की निंदा
राष्ट्रीय लोक दल नेता मलूक नागर ने कहा है कि राहुल गांधी ने देश के गौरव का अपमान किया। जब पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया जब उसे घुटनों पर ला दिया गया और उसे युद्धविराम की भीख मांगनी पड़ी तो कोई कैसे कह सकता है कि हमारे प्रधानमंत्री ने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने आत्मसमर्पण कर दिया तो आपका क्या मतलब है क्या उन्होंने देश के हितों को छोड़ दिया? यह बिल्कुल झूठ है। कोई भी बच्चा यह विश्वास नहीं करेगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मसमर्पण कर दिया। ये निराधार आरोप हैं।
पाकिस्तानी दुष्प्रचार का अगुआ बने राहुल : पूनावाला
भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गांधी पर पाकिस्तानी दुष्प्रचार का अगुआ होने का आरोप लगाते हुए उन पर हमला किया और उन्हें शशि थरूर एवं अपनी पार्टी के उन नेताओं की बात सुनने की सलाह दी, जिन्होंने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए किसी तीसरे पक्ष ने मध्यस्थता नहीं की है। शहजाद पूनावाला ने कहा, राहुल गांधी को एक बार फिर समझ आ गया है कि विपक्ष के नेता का मतलब पाकिस्तानी दुष्प्रचार का नेता होता है। जिस तरह का दुष्प्रचार पाकिस्तान भी नहीं कर पाया, वैसा वह कर रहे हैं। पूनावाला ने कहा, राहुल गांधी, डीजीएमओ ने जो कहा, विदेश मंत्रालय ने जो कहा, उस पर विश्वास करें… अगर उन पर नहीं तो कम से कम शशि (थरूर), मनीष (तिवारी) और सलमान (खुर्शीद) पर विश्वास करें। उन्होंने कहा है कि कोई मध्यस्थता नहीं हुई, भारत ने (पाकिस्तान को) फोन नहीं किया, उनके डीजीएमओ ने भारत से संपर्क किया।
पेड एजेंट हैं राहुल गांधी : संबित पात्रा
भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया और उन पर भारत-पाकिस्तान संघर्ष और ऑपरेशन सिंदूर से निपटने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तरीके पर सवाल उठाने के बाद भारत विरोधी भावनाओं को प्रतिध्वनित करने का आरोप लगाया। हाल ही में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान गांधी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ सैन्य गतिरोध के दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फोन आने के बाद मोदी ने आत्मसमर्पण कर दिया। उनकी टिप्पणी पर सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई। बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने गांधी पर भारतीय सशस्त्र बलों का अपमान करने और एक सफल सैन्य अभियान को कमजोर करने का आरोप लगाया। पात्रा ने कहा, राहुल गांधी जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस तरह के सवाल राहुल गांधी बार-बार पूछ रहे हैं, मुझे पूरा संदेह है कि वह चीन या पाकिस्तान के पेड एजेंट हैं।



