सोनिया गांधी के लेख से देश की राजनीति में भूचाल

  • इजरायल ने जताई नाराजगी, पीएम मोदी ने ईरानी प्रेसीडेंट से की फोन पर बात
  • ट्रंप के साथ लंच के 24 घंटे के भीतर पलटा पाकिस्तान चीन-रूस के साथ होने की कही बात
  • भारत के चावल निर्यातक चिंतित, पेंमेंट फंसने और बंदरगाहों पर माल खराब होने की संभावना
  • तेल की कीमतों में इजाफे के संकेत, शेयर बाजारों में गिरावट
  • राजनीति-कूटनीति के बाद खेमेबंदी और टीम बनाने का दौर
  • लंबी लड़ाई खींचने के मूड में ईरान, पूरी दुनिया खामियाजा भुगतने के लिए रहे तैयार
  • इस बार फ्रांस भी अमेरिका के साथ नहीं खड़ा दिखाई दे रहा है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ईरान-इजरायल युद्ध अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। तेजी से दो भागों में विभाजित होती दुनिया के बीच भारत में भी इस जंग का असर दिखाई दे रहा है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के लेख ने राजनीतिक तहलका मचा दिया है और देश की राजनीति में तेजी से ध्रुवीकरण हो रहा है। इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने सोनिया गांधी के ईरान के समर्थन में लिखे गए लेख पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, और इस विषय पर संभल कर लिखने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि ऐसे नेताओं को क्षेत्रीय हालात की सही जानकारी होनी चाहिए। पीएम मोदी ने ईरान के प्रेसीडेंट से फोन पर बात कर कूटनीतिक हल निकालने की बात कही है। वहीं भारत तेल की धार को लेकर सर्तक है। एक बार फिर पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने तेल के पर्याप्त भंडार की बात कही है।

इजरायल ने दी चेतावनी

भारत में इजरायली राजदूत अजार ने कहा है कि हमें यह देखकर निराशा हुई कि सोनिया गांधी ने 7 अक्टूबर, 2023 के हमलों की उस तरह निंदा नहीं की जैसी की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि ईरान द्वारा पिछले तीन दशकों से की जा रही आक्रामकता को नजरअंदाज करना पूरी तरह अस्वीकार्य है। जार ने कहा कि विचारों की स्वतंत्रता सभी को है लेकिन नेताओं को तथ्यों और वास्तविकता के आधार पर बयान देना चाहिए। इजरायली राजदूत के मुताबिक इजरायल और अमेरिका की हालिया सैन्य कार्रवाई ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाने के लिए थी जो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे थे। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा ईरान के राष्ट्रपति से बातचीत कर तनाव कम करने और कूटनीति के रास्ते समाधान की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर ईरान अन्य देशों को समाप्त करने की कोशिश छोड़ दे और अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम खत्म कर दे। क्षेत्रीय आक्रामकता से पीछे हटे तो कूटनीति के लिए अवश्य विकल्प है। हम चाहते हैं कि ईरान जिम्मेदार रुख अपनाए जिससे शांति और स्थिरता की बहाली हो सके।

पाकिस्तान ने मारी पलटी

ईरानी परमाणू ठिकानों पर अमेरिकन हमलों के बाद कच्चा तेल नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है। शेयर बाजारों में मातम का महौल है और विश्व में उथल—पुथल मची है। हजारों इजरायली जलमार्ग के जरिये इजरायल छोड़ रहे हैं शायद यह इजरायल की सोची समझी रणनीति है। रूस खुलकर ईरान के पक्ष में खड़ा है तो फ्रांस भी युद्ध के विस्तार से चिंतित है और इसे रोकना चाहता है। ताजा डेवलपमेंट पाकिस्तान की तरफ से है जो प्रेसीडेंट ट्रंप के लंच के 24 घंटों के भीतर पलटी मारता हुआ दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को झटका देते हुए ईरान मुद्दे पर चीन-रूस के साथ एकजुटता दिखाई है।

जंग का असर चावल व्यापार पर भी

जंग का असर भारत के बासमती चावल व्यापार पर पडऩे लगा है। भारत के चावल निर्यातकों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो भुगतान संकट उत्पन्न हो सकता है और चावलों की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ ने बताया है कि ईरान को भेजा जाने वाला एक लाख टन से अधिक बासमती चावल अभी भारतीय बंदरगाहों पर फंसा हुआ है। संघ के मुताबिक ईरान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण बाजार है। भारत के कुल चावल निर्यात का लगभग 18 से 20 प्रतिशत ईरान जाता है। हर साल हम उन्हें लगभग 10 लाख टन बासमती चावल निर्यात करते हैं।

अमेरिकन हमलों से फ्रांस भी नाराज

ईरान में तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद फ्रांस ने गहरी चिंता व्यक्त की है। फ्रांस ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि इन हमलों में न तो वह शामिल था और न ही इसकी कोई योजना का हिस्सा रहा। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, ईरान और इजरायल से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को फैलने से रोकना अत्यंत आवश्यक है। बयान में कहा गया है कि ईरान-इजरायल संघर्ष को देखते हुए फ्रांस की प्राथमिकता अपने नागरिकों, अधिकारियों और मध्य पूर्व में मौजूद फ्रांसीसी साझेदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

रूस-चीन ने बनाया युनाईटेड फ्रंट

ईरान युद्ध में इजरायल को बहुत बड़ा झटका लगा है। ईरान की हिफाजत के लिए रूस और चीन ने यूनाइटेड फ्रंट बनाने की घोषणा की है। दोनों नेताओं की ओर से बताया गया है कि चीन और रूस ने डोनाल्ड ट्रंप को सख्त संदेश भेजा है और कहा है कि कि इजरायल की जिस लड़ाई में अमेरिका एंट्री करने की कोशिश कर रहा है वह न करे इससे विश्व को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई टेलीफोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने इजरायल की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया है।

अमेरिकी बमबारी की निंदा करें पीएम मोदी : जयराम रमेश

इस पूरे मामले पर पीएम मोदी की शांति को लेकर कांग्रेस सवाल उठा रही है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले तथा इजराइली आक्रामकता की आलोचना या निंदा नहीं की है और वह गाजा में नरसंहार पर भी चुप है। मुख्य विपक्षी दल के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अब सरकार को पहले की तुलना में अधिक नैतिक साहस का परिचय देना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि ईरान के साथ कूटनीतिक बातचीत होनी चाहिए। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ईरान पर अमेरिकी वायुसेना की ताकत का इस्तेमाल करने का राष्ट्रपति ट्रंप का निर्णय ईरान के साथ बातचीत जारी रखने के उनके अपने आह्वान का मज़ाक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, ईरान के साथ तत्काल कूटनीति और बातचीत की अनिवार्यता को दोहराती है।

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