अतीक अहमद की मौत के बाद भी सक्रिय है गैंग, 5 करोड़ की रंगदारी मांगने को लेकर साढ़ू समेत 8 पर FIR

माफिया अतीक अहमद के खात्मे के बावजूद उसका नेटवर्क अब भी जिले में सक्रिय बना हुआ है। ताज़ा मामला पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां अतीक के साढ़ू इमरान अहमद समेत 8 लोगों के खिलाफ अवैध ज़मीन कब्जाने, फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए बिक्री करने और 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद बमरौली उपहार निवासी मनोज कुमार भारतीया की पुश्तैनी ज़मीन से जुड़ा है। पीड़ित के मुताबिक, साल 2001 में माफिया अतीक अहमद और उसके साढ़ू इमरान अहमद ने जमीन के असली मालिकों रामदास, शोभ लाल, राम आसरे और ओंकार को अगवा कर लिया और उन्हें धमकाकर ज़मीन का फर्जी बैनामा सुरेश द्विवेदी के नाम करवा दिया।
हालांकि 2003 में यह बैनामा निरस्त हो गया, लेकिन जल्द ही जमीन का फिर से फर्जी तरीके से हस्तांतरण कर दिया गया। इस बार नया नाम आया हरिश्चंद्र का। धीरे-धीरे यह ज़मीन कई हाथों से गुज़रती हुई आखिरकार 2022 में इमरान अहमद ने इसे मोहम्मद सलमान, समीर और नसीम को बेच डाली।
जब 5 मार्च 2025 को जमीन के असली दावेदार मनोज भारतीया ने इस बिक्री पर आपत्ति जताई, तो आरोप है कि इमरान अहमद और उसके साथियों ने उन्हें बुरी तरह पीटा और साफ कहा कि यदि वह ज़मीन पर खेती करना चाहते हैं तो 5 करोड़ रुपये देने होंगे। आरोपियों ने यह भी धमकी दी कि अगर रकम नहीं दी, तो ज़िंदगी भर जमीन तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा।
प्रशासन की जांच और मुकदमा दर्ज
मामला संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी प्रयागराज ने राजस्व विभाग को इसकी जांच सौंपी। जांच रिपोर्ट में पीड़ित के आरोपों की पुष्टि हुई, जिसके बाद पूरामुफ्ती थाने में इमरान अहमद, हरिश्चंद्र, बीएल भारतीया, मोहम्मद सलमान, समीर, नसीम, मोहम्मद रहमान और राना सिंह के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
फिलहाल क्या स्थिति है?
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस पूरे मामले को अतीक अहमद के माफिया नेटवर्क से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जिससे यह साफ हो रहा है कि उसकी मौत के बाद भी उसका प्रभाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।



