सौरभ भारद्वाज का बड़ा बयान, कहा- CAQM के पत्र ने बीजेपी सरकार की पोल खोली
सौरभ भारद्वाज ने कहा, "बीजेपी की सरकार हर दिन झूठ बोलती है. एक मार्च को सरकार बने अभी एक हफ्ता ही हुआ था और इनके मंत्री ने मीडिया में घोषणा कर दी कि 31 मार्च से पुराने वाहनों को फ्यूल नहीं मिलेगा.

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: CAQM ने पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध को 1 नवंबर तक टाल दिया है. AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने इसे BJP की साजिश बताते हुए कहा कि यह फैसला जनता नहीं, वाहन डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए है.
दिल्ली में पुराने या ‘एंड ऑफ लाइफ’ (ELV) वाहनों को पेट्रोल-डीजल भरवाने से रोकने के नियम में एक बार फिर से बदलाव किया गया है. यह निर्णय अब 1 नवंबर से लागू किया जाएगा. यह घोषणा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(CAQM) ने मंगलवार (8 जुलाई) को की. इससे पहले यह फैसला 1 जुलाई से लागू होना था, जिसे अब टाल दिया गया है. इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला बोला है.
हमारे विरोध के बाद वापस टला फैसला- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा, “बीजेपी की सरकार हर दिन झूठ बोलती है. एक मार्च को सरकार बने अभी एक हफ्ता ही हुआ था और इनके मंत्री ने मीडिया में घोषणा कर दी कि 31 मार्च से पुराने वाहनों को फ्यूल नहीं मिलेगा. फिर इस तारीख को बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया और खूब ढोल पीटा गया कि दिल्ली को अब प्रदूषण मुक्त बनाएंगे.” भारद्वाज ने कहा कि जब आम जनता और आप पार्टी ने इसका विरोध किया, तब आनन-फानन में फैसला वापस लेना पड़ा.
#WATCH | Delhi Fuel ban on End-of-Life vehicles to come into effect from November 1 | Delhi AAP president Saurabh Bhardwaj says, "The BJP government lies every day. To hide one lie, they are telling a hundred lies…The letter of CAQM has exposed the BJP government. The CAQM… pic.twitter.com/FgrceGVNQv
— ANI (@ANI) July 9, 2025
सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि अब CAQM के पत्र ने बीजेपी सरकार की पोल खोल दी है. उन्होंने कहा, “CAQM ने एनसीआर के राज्यों के विभागों के साथ मिलकर फैसला किया था कि 1 जुलाई से पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा. इसका मतलब है कि ये सभी राज्य सरकारें इस साजिश में शामिल थीं. अब ये सिर्फ नाटक कर रहे हैं और यह साजिश वाहन डीलरों और कार निर्माताओं को फायदा पहुंचाने के लिए की गई है.”
भारद्वाज ने यह भी कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ होती, तो वे संसद में अध्यादेश लाकर नया कानून बनाते. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जनता की नहीं, बल्कि उद्योगपतियों और कार कंपनियों की हितैषी बन चुकी है. दिल्ली की हवा को लेकर राजनीति की जा रही है, जबकि स्थायी समाधान के लिए ठोस नीति की जरूरत है. बता दें कि यह प्रतिबंध अब दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 5 अधिक वाहन घनत्व वाले जिलों- गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत- में एक साथ लागू होगा.



