सरकार के खिलाफ बिहार की सड़कों पर जनसैलाब

- जेपी जैसा आंदोलन खड़ा कर गये राहुल और तेजस्वी
- पूरे बिहार में सरकार विरोधी लहर
- चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट रिवीजन का जनता कर रही है विरोध
- जिसको जहां जो मिला उसे रोक दिया गया
- राहुल गांधी बोले लोकतंत्र का कत्ल कर रही है सरकार
- लालू यादव ने कहा- जनता चुनाव में पटक देगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी अब सिर्फ विरोध नहीं बल्कि विकल्प बनने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। आज का बिहार चक्का जाम की सफलता एक राजनीतिक मोड़ बन गयी जिसने राहुल—तेजस्वी को नए सिरे से परिभाषित कर दिया। आज बिहार की सड़कों पर अदभुत नजारा देखने को मिला। बिहार की जनता ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की अगुवाई में सड़कों पर उतर कर रेल, बस और बाजार सबकुछ बंद करवा दिया। सुबह से ट्रेन रोकने और बस रोकने की खबरें आना शुरू हो गयी। जनता ने बिहार सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाये और जगह-जगह टायर और पुतले भी फूंके। आज का चक्का जाम बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन पर रोक लगाने के लिए किया गया था। चक्का जाम की अगुवाई करते हुए तेजस्वी यादव ने पूछा है कि गुजरात के दो लोग आम बिहारी को वोट देने से कैसे रोक सकते हैं? राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी ने इस चक्का जाम को न सिर्फ नेतृत्व दिया, बल्कि इसे प्रतीक बना दिया उस डर और गुस्से का जो बिहार के लाखों मतदाताओं के दिल में पल रहा है।
विपक्ष को मिल गई जमीन
जिस प्रकार से बिहार की जनता ने तेजस्वी—राहुल के चक्का जाम को समर्थन किया उसे देख कर कहा जा सकता है कि आंदोलन से विपक्ष ने एनडीए गठबंधन पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली हो। सरकार ने बैठे बिठाये विपक्ष को ऐसा मुददा हाथ में दे दिया जिससे शांत बिहारी भी चार्ज हो गया। इस चक्का जाम के जरिए महागठबंधन ने अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। इसमें न सिर्फ कार्यकर्ताओं की संख्या दिखी बल्कि मुद्दों की समझ और जनता से जुड़ाव भी दिखा।
जो सरकार वोटर लिस्ट से नाम काटकर सत्ता में बने रहना चाहती है, उसे जनता चुनाव में सड़क पर पटक देगी।
लालू प्रसाद यादव
यह गरीबों का वोट छीनने का तरीका है : राहुल
पटना के इनकम टैक्स चौराहे से राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और दीपांकर भट्टाचार्य एक गाड़ी पर सवार होकर प्रदर्शन करते चुनाव आयोग के ऑफिस के लिए निकले। पुलिस ने सभी नेताओं को सचिवालय थाने के बाद बैरिकेडिंग कर रोका। उन्हें यहां से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। यहीं से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोगों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा मैं बिहार और हिंदुस्तान की जनता से स्पष्ट कह रहा हूं कि महाराष्ट्र का चुनाव चोरी से जीता गया था और वैसे ही बिहार में चुनाव चोरी करने की कोशिश की जा रही है। उन्हें पता है कि हमने महाराष्ट्र मॉडल समझ लिया है इसलिए वे बिहार मॉडल लाए हैं। ये गरीबों का वोट छीनने का तरीका है।
पूरा पटना जाम
बिहार के दूसरे अन्य राज्यों में जाम की व्यापक स्थिति दिखाई दी। जो जहां था वहीं खड़ा रहा। स्कूल, कालेज व सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले लोगों को व्यापक तकलीफों का सामना करना पड़ा। वहीं बिहार से गुजरने वाली तमाम ट्रेने देरी से चली और बसों की लंबी कतारे हाइवे पर खड़ी रही। कांग्रेस, आरजेडी, वाम दलों और छोटे दलों के हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे, टायर जलाए, राष्ट्रीय और राज्य मार्गों को अवरुद्ध किया गया। पटना के गांधी मैदान राजेंद्र नगर, बेली रोड, कंकड़बाग से लेकर मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सासाराम जैसे जिलों में सड़कों पर जाम और नारों का शोर एक नई लहर लेकर आया।
नेशनल हाईवे-83 जाम, पूरे बिहार में अफरा-तफरी का माहौल
बिहार बंद में कांग्रेस और राजद के अलावा महागठबंधन में शामिल अन्य दल हिस्सा ले रहे हैं। बंद के दौरान चुनाव आयोग के फैसले का विरोध किया जा रहा है। बिहार के भोजपुर के बिहिया में पूर्व विधायक दिनेश ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया। सैकड़ों समर्थकों ने श्रमजीवी एक्सप्रेस और विभूति एक्सप्रेस ट्रेन को रोककर नारेबाजी की। इसी तरह राजद कार्यकर्ताओं ने दरभंगा जंक्शन पर नमो भारत ट्रेन का चक्का जाम कर दिया। राजद नेता प्रेमचंद्र उर्फ भोलू यादव ने कहा कि केंद्र की सरकार चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर पुनरीक्षण कार्य करवा रही है। जहानाबाद में राजद की छात्र इकाई ने विरोध प्रदर्शन किया है। जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंचे और ट्रेन को रोक दिया। राजद समर्थकों ने जहानाबाद में रेलवे ट्रैक के अलावा नेशनल हाईवे- 83 को भी जाम कर दिया। पूरे बिहार में अफरा तफरी का माहौल देखने को मिला। हर कोई सरकार के वोटर लिस्ट रिवीजन फैसले को शक की निगाह से देखते हुए मिला और अपना विरोध दर्ज करवाया।



