सावन में रोडवेज बसों का बढ़ा किराया, प्रयागराज से वाराणसी और गोरखपुर जाने वालों की जेब पर पड़ेगा असर

सावन का पावन महीना शुरू होते ही रोडवेज यात्रियों को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कांवर यात्रा के मद्देनज़र प्रयागराज से वाराणसी और गोरखपुर जाने वाली रोडवेज बसों का किराया बढ़ा दिया गया है। यह व्यवस्था सावन के पहले दिन, शुक्रवार से लागू हो गई है और पूरे एक महीने तक जारी रहेगी। इस बार शास्त्री पुल से बसों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है, जिससे बसों को फाफामऊ के रास्ते डायवर्ट किया गया है। इससे न केवल यात्रा की दूरी बढ़ गई है, बल्कि किराया भी बढ़ा है।
कितना बढ़ा किराया?
फाफामऊ मार्ग से वाराणसी की दूरी अब 126 किमी से बढ़कर 144 किमी हो गई है। इसके चलते साधारण रोडवेज बस का किराया 197 रुपये से बढ़कर 225 रुपये हो गया है। वहीं, गोरखपुर की दूरी 582 किमी से बढ़कर 606 किमी हो जाने के कारण किराया अब 428 रुपये से बढ़कर 440 रुपये कर दिया गया है।
किन यात्रियों पर पड़ेगा असर?
इस बदलाव का असर सिर्फ वाराणसी और गोरखपुर ही नहीं, बल्कि गोपीगंज, जौनपुर, फूलपुर, आजमगढ़, गाजीपुर और देवरिया जैसे मार्गों पर यात्रा करने वालों पर भी पड़ेगा। इन रूटों पर भी यात्रियों को अतिरिक्त किराया चुकाना होगा।
क्या कहता है रोडवेज प्रशासन?
यूपी रोडवेज प्रयागराज रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक रविंद्र कुमार ने बताया कि शास्त्री पुल बंद होने की वजह से फाफामऊ मार्ग से संचालन अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि दूरी के हिसाब से ही किराए में बढ़ोतरी की गई है। यह व्यवस्था केवल सावन माह तक लागू रहेगी।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
कई यात्रियों का कहना है कि सावन में धार्मिक यात्रा करना पहले ही खर्चीला होता है, ऐसे में किराया बढ़ने से जेब पर और बोझ बढ़ेगा। हालांकि प्रशासन का कहना है कि यह बदलाव सिर्फ अस्थायी है और कांवर यात्रा के संपन्न होते ही पुराने रूट व किराया बहाल कर दिया जाएगा।
सावन में कांवर यात्रा की व्यवस्था को देखते हुए बसों का रूट डायवर्ट किया गया है, जिससे यात्रियों को थोड़ी परेशानी जरूर होगी, लेकिन यह एक अस्थायी व्यवस्था है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि यात्रा से पहले किराए और रूट की जानकारी लेकर ही सफर की योजना बनाएं।

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