नगर निगम की लापरवाही उजागर, एक ही बारिश ने करोड़ों की सफाई के दावों की खोली पोल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नगर निगम के अधिकारियों के कागज़ों पर किए गए करोड़ों के दावों की हकीकत एक दिन की बारिश ने उजागर कर दी। नगर आयुक्त से लेकर निचले अधिकारियों तक ने बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन हकीकत में न नाले ठीक से साफ हुए, न नालियों की सफाई हुई।
परिणामस्वरूप शहर की तमाम कॉलोनियों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए। गोमतीनगर, बालागंज, ठाकुरगंज, अमीनाबाद समेत मुख्यमंत्री आवास के आस-पास तक पानी भर गया। नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और नगर निगम की व्यवस्था की पोल पूरी तरह से खुलकर सामने आ गई। नगर निगम ने सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा किया था, लेकिन एक बारिश ने ही सारे दावों की सच्चाई दिखा दी। नागरिकों का कहना है कि यह सिर्फ प्रशासनिक उदासीनता ही नहीं, बल्कि करोड़ों के फंड की बंदरबांट का नतीजा भी है।
जोन 6 में हालात और भी बदतर
विशेष रूप से नगर निगम के जोन 6 में हालात और भी बदतर हैं। यहां कई नाले पिछले एक साल से बिना सफाई के खुले पड़े हैं। नागरिकों की तमाम शिकायतों के बावजूद जोन 6 के अधिकारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इस लापरवाही का खामियाजा इतना बड़ा साबित हुआ कि बारिश के दौरान एक युवक नाले में बह गया। फिलहाल युवक की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

सीएम पद को लेकर कर्नाटक में फिर गरमाई कुर्सी की सियासत
डीके शिवकुमार बोले- कुर्सी मिलना बहुत मुश्किल है
कर्नाटक में सीएम के पोस्ट को लेकर मचा है बवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। कर्नाटक में सीएम के पद को लेकर सियासत ठंडी नहीं हो रही है। राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर विवाद की चर्चा शुरू हो गई है।
डीके शिवकुमार ने कहा कि हम सब कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं. यहां कई कुर्सियां खाली रखी हैं। आइए और बैठ जाइए कुर्सी मिलना बहुत मुश्किल है. जब मिल जाए तो बैठ जाना चाहिए। उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने यह बातें बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट में बेंगलुरु बार एसोसिएशन की तरफ से आयोजित केम्पेगौड़ा जयंती कार्यक्रम में कहीं. उनके इस बयान ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर उनकी आकांक्षा को जाहिर कर दिया।
डीके की ये कुर्सी वाली टिप्पणी अब एक बार फिर मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के बीच सत्ता संघर्ष की अटकलों को हवा दे रही है। हालांकि सिद्धारमैया पहले ही साफ कर चुके हैं कि कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होने वाला, लेकिन शिवकुमार के बयानों से यह साफ है कि कांग्रेस में शीर्ष पद को लेकर अंतर्कलह अभी थमी नहीं है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था पांच साल रहूंगा सीएम
सिद्धारमैया ने बीते दिनों कहा था कि कांग्रेस सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी और मैं ही मुख्यमंत्री रहूंगा। यह हाईकमान का निर्णय है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब पार्टी के भीतर गुटबाजी की खबरें सुर्खियों में थीं। सिद्धारमैया के बयान से यह संकेत गया है कि कांग्रेस आलाकमान फिलहाल कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के मूड में नहीं है। सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने साफ किया कि यही मेरा जवाब है। साथ ही डीके शिवकुमार का हवाला देते हुए कहा कि खुद शिवकुमार ने कहा है कि सीएम पद खाली नहीं है। दोनों नेताओं ने यह भी दोहराया कि आलाकमान जो फैसला करेगा, वे उसका पूरी तरह पालन करेंगे।
भाजपा के आरोपों को सिद्धारमैया ने किया खारिज
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा नेता अमित मालवीय के इस आरोप का खंडन किया है कि राहुल गांधी ने मुलाकात से इनकार करके उन्हें अपमानित किया है। सिद्धारमैया ने कहा कि दिल्ली में उनका प्राथमिक उद्देश्य रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मैसूरु के दशहरा एयर शो पर चर्चा करना था। सिद्धारमैया ने पर एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली में मेरा मुख्य काम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मैसूर में दशहरा के दौरान होने वाले एयर शो पर चर्चा करना था। राहुल गांधी को कर्नाटक के लोगों से बहुत लगाव है। सिद्धारमैया ने आगे कहा कि उन्हें हमेशा याद रहता है कि कैसे इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी कर्नाटक से चुनी गई थीं और कैसे राज्य हर मुश्किल मोड़ पर कांग्रेस के साथ खड़ा रहा है। श्री राहुल गांधी सहित गांधी परिवार कर्नाटक के लोगों द्वारा दिए गए प्यार का ऋणी है और हमारे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े एक गौरवान्वित कन्नड़ हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर केंद्रीय धन देने से इनकार करके कन्नड़ लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कर्नाटक में सकारात्मक और परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मैं सावरकर पर बयान के लिए दोषी नहीं: राहुल गांधी
पुणे कोर्ट में नेता प्रतिपक्ष पर चल रहा मानहानि का केस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर पर अपनी टिप्पणी से जुड़े मानहानि के एक मामले में खुद को निर्दोष बताया। पुणे की एक अदालत में उनकी ओर से उनके वकील मिलिंद पवार ने यह याचिका दायर की, क्योंकि राहुल गांधी स्वयं कार्यवाही के दौरान मौजूद नहीं थे।
न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एवं विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) अमोल श्रीराम शिंदे के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने औपचारिक रूप से गांधी के खिलाफ आरोप पढ़े, जिस पर उनके वकील के माध्यम से उनकी ओर से निर्दोष होने की दलील दर्ज की गई। गौरतलब है कि यह मामला वीडी सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने दायर किया था। इस मामले पर बोलते हुए, शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के वकील संग्राम कोल्हटकर ने पुष्टि की कि आरोपी की याचिका दर्ज करने का चरण पूरा हो गया है। सत्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील संग्राम कोल्हटकर ने कहा कि चूँकि आरोपी की याचिका दर्ज करने का चरण पूरा हो गया है, इसलिए अब मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई के लिए निर्धारित की है। यह मामला लंदन में गांधीजी द्वारा दिए गए एक भाषण से उपजा है जिसमें उन्होंने सावरकर के कार्यों और विचारधारा की आलोचना की थी। भाषण के दौरान, गांधीजी ने कहा, उन्होंने (सावरकर और उनके दोस्तों ने) एक मुसलमान को पीटा और खुश हुए। अगर पाँच लोग एक व्यक्ति को पीटते हैं और कोई खुश हो रहा है, तो यह कायरता है। सावरकरजी के साथ पंद्रह लोग एक व्यक्ति को पीट रहे हैं। यह भी उनकी विचारधारा में है।
फिर कोर्ट पहुंचा राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता का मामला
लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में शुक्रवार एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की गयी है। याची एस विग्नेश शिशिर के अनुसार उन्होंने उक्त पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, जिसमें लंदन, वियतनाम और उज़्बेकिस्तान के वीडियो सहित अन्य साक्ष्य भी दाखिल किए हैं। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने बीती 5 मई को मूल याचिका को निस्तारित करते हुए याची को छूट दी थी कि वह अन्य विधिक वैकल्पिक उपाय अपना सकता है।
कोर्ट ने यह आदेश केंद्र सरकार की ओर से आये इस जवाब के बाद दिया था कि याची द्वारा की गई शिकायत के निस्तारण के लिए कोई समय सीमा नहीं बतायी जा सकती है, क्योंकि, यूनाइटेड किंगडम से जानकारियाँ मांगी गई हैं और उनके द्वारा मांगी गई जानकारियां देने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। कर्नाटक के एस विग्नेश शिशिर का कहना है कि उन्होंने शुक्रवार को हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, हालांकि रजिस्ट्री ने सुनवायी के लिए अभी याचिका को पास नहीं किया है। रजिस्ट्री से पास होने के बाद ही कोई भी याचिका हाईकोर्ट के समक्ष सुनवायी के लिए पेश की जाती है।
दिल्ली में चार मंजिला इमारत गिरी, दो की मौत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के वेलकम इलाके में चार मंजिला इमारत गिरने की खबर आ रही है। घटना शनिवार सुबह 7 बजे की है। बताया जा रहा है कि जिस समय ये हादसा हुआ उस दौरान इमारत में कई लोग मौजूद थे। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है. मौके पर दमकल विभाग की कई गाडिय़ां मौजूद हैं। इस हादसे में दो लोगों की मौत की खबर है। जबकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे बताए जा रहे हैं।
दमकल विभाग के अनुसार घटनास्थल पर अब तक 6 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि 5 से छह लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख अतुल गर्ग ने एक बयान में बताया कि सीलमपुर में ईदगाह रोड के पास जनता कॉलोनी की गली नंबर 5 में एक इमारत ढह गई। इससे पहले अप्रैल में, दिल्ली के मुस्तफाबाद में एक चार मंजिला इमारत के ढहने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई थी और 13 अन्य को बचा लिया गया था। एक अधिकारी ने इसे पैनकेक पतन बताया कि जिसमें, उनके अनुसार, बचने की संभावना काफी कम है।
फ्यूल स्वीच बंद होने से हुआ था भीषण विमान हादसा
अहमदाबाद में हुए भीषण विमान दुर्घटना की जांच रिपोर्ट में खुलासा
हादसे में 270 लोगों की बेहद दर्दनाक मौत हुई थी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए भीषण विमान दुर्घटना को पूरा एक महीना हो गया। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की ओर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ चुकी है। पिछले महीने 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट ,एआई 171 टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनट में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत पर क्रैश होकर गिर गई थी।
हादसे में 270 लोगों की बेहद दर्दनाक मौत हुई थी। मरने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी समेत 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है। 29 मेडिकल कॉलेज के छात्र व अन्य लोग थे। जांचकर्ताओं को हादसे के दूसरे दिन फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और तीसरे दिन कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) मिल गया था। अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है। विमान अमेरिकी कंपनी बनाती है, इसलिए अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड भी अलग से जांच कर रहा है।
अब तक विमान में नहीं मिली कोई खराबी
अहमदाबाद विमान हादसे की शुरुआती जांच में अभी तक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान और उसके जीई एयरोस्पेस इंजन में किसी तरह की तकनीक खराबी सामने नहीं आई है।अमेरिकी समाचार पत्र की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विमान के दोनों इंजन में ईंधन की सप्लाई कंट्रोल करने वाले स्विच बंद कर दिए गए थे। इस कारण प्लेन के टेक ऑफ के तुरंत बाद इंजन में ताकत खत्म हो गई। बता दें कि आमतौर पर पायलट इन स्विच को इंजन चालू करने, बंद करने या फिर किसी आपात स्थिति में रीसेट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
ब्लैक बॉक्स के डेटा में फ्यूल स्विच के मूवमेंट की बात कही
अमेरिका की विमानन वेबसाइट दि एयर कंट्रोल की रिपोर्ट की मानें तो विमान के ब्लैक बॉक्स के शुरुआती डेटा में दोनों इंजन के फ्यूल स्विच के मूवमेंट की बात कही गई। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इंजन के फ्यूल स्विच में मूवमेंट पायलट गलती थी या तकनीकी खामी या फिर किसी और वजह से हुआ।अमेरिका के विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स का कहना है कि यह स्विच इतना सेंसटिव नहीं होता है कि गलती से हाथ लगने से ऑन या ऑफ हो जाए। इस जमीन पर ही ऑन/ऑफ किया जा सकता है।



