Ahmedabad Plane Crash: पायलट पर दोष क्यों? Air India को कौन बचा रहा?

अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में चौंकाने वाला मोड़! जहां तकनीकी खामियों और मेंटेनेंस सिस्टम पर सवाल उठने चाहिए थे...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अहमदाबाद में 12 जून को हुआ एयर इंडिया का विमान हादसा भारत के इतिहास में सबसे भयानक विमान दुर्घटनाओं में से एक है…… इस हादसे में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रहा था….. टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में गिर गया……. इस दुर्घटना में 241 यात्री और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक व्यक्ति जीवित बचा…… जबकि 19 लोग जमीन पर मारे गए……. कुल मिलाकर इस हादसे में 260 लोगों की जान गई……. यह भारत की सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गई……

वहीं हादसे के बाद शुरू हुई जांच ने कई सवाल खड़े किए हैं……. खास तौर पर, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि विमान के दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद “रन” से “कटऑफ” स्थिति में चले गए…….. जिसके कारण इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई…… और विमान क्रैश हो गया……. इस खुलासे के बाद पायलटों पर सवाल उठ रहे हैं……. लेकिन क्या वाकई में पायलट ही इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं…… या फिर इसके पीछे कोई बड़ा खेल है…….. जिसमें बोइंग और एयर इंडिया को बचाने की कोशिश हो रही है…….

आपको बता दें कि एयर इंडिया विमान हादसे के एक महीने बाद……. 12 जुलाई को भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने अपनी 15 पन्नों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की……. इस रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए……. जो इस हादसे के कारणों को समझने में महत्वपूर्ण हैं…… रिपोर्ट के अनुसार टेकऑफ के तीन सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच “रन” से “कटऑफ” स्थिति में चले गए……. इससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई…….. जिसके परिणामस्वरूप दोनों इंजन बंद हो गए…… कुछ सेकंड बाद स्विच फिर से “रन” स्थिति में आए……. लेकिन तब तक विमान की ऊंचाई और गति इतनी कम हो चुकी थी कि वह उड़ान नहीं संभाल सका……..

वहीं कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को यह कहते सुना गया कि तुमने इंजन क्यों बंद किया……. जिसका जवाब दूसरे पायलट ने दिया कि मैंने नहीं किया……. इस बातचीत से यह सवाल उठता है कि स्विच का मूवमेंट किसके द्वारा हुआ…… दोनों पायलट, सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर……., बोइंग 787 विमान उड़ाने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित और लाइसेंसधारी थे……… सुमीत सभरवाल के पास 8,000 घंटों से अधिक का उड़ान अनुभव था……. वहीं जांच में पाया गया कि विमान पूरी तरह से हवाई योग्य था…… ईंधन की गुणवत्ता की जांच में भी कोई खराबी नहीं पाई गई……

वहीं इंजन बंद होने के बाद विमान का रैम एयर टरबाइन स्वचालित रूप से चालू हो गया……… जो आपातकाल में विमान को बिजली प्रदान करता है……. हालांकि, यह विमान को क्रैश होने से नहीं बचा सका……… बता दें कि AAIB ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग 787-8 या इसके GE GEnx-1B इंजन के लिए कोई तत्काल सिफारिश नहीं की…….. इसका मतलब है कि अभी तक विमान या इंजन में कोई यांत्रिक खराबी की पुष्टि नहीं हुई है……..

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में ईंधन नियंत्रण स्विच के “कटऑफ” स्थिति में चले जाने की बात ने पायलटों पर सवाल उठाए हैं…….. कई लोग इसे मानवीय भूल मान रहे हैं…….. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत…….. जिसमें एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने इंजन क्यों बंद किया…….. इस धारणा को और मजबूत किया है…… लेकिन क्या यह इतना सरल है…….

आपको बता दें कि ईंधन नियंत्रण स्विच को मैन्युअल रूप से “रन” से “कटऑफ” स्थिति में ले जाना पड़ता है…….. यह स्विच सामान्य रूप से लॉक रहता है……. ताकि गलती से इसे न हटाया जा सके…….. अगर स्विच हटा तो यह संभव है कि यह पायलटों की गलती से हुआ हो…….. कॉकपिट में दर्ज बातचीत से यह संकेत मिलता है कि एक पायलट को स्विच के मूवमेंट की जानकारी नहीं थी…….. जिससे यह सवाल उठता है कि क्या दूसरा पायलट गलती से स्विच को छू बैठा……..

जिसको लेकर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टेकऑफ के दौरान पायलटों को कई महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं…….. जैसे गियर अप करना और फ्लैप्स को समायोजित करना……. इस दौरान गलती से गलत स्विच को छूने की संभावना हो सकती है…… विमानन इतिहास में कई हादसे मानवीय भूल के कारण हुए हैं……. इसलिए, जांचकर्ता सबसे पहले पायलटों की भूमिका की जांच करते हैं……. दोनों पायलट अनुभवी और प्रशिक्षित थे……. सुमीत सभरवाल के पास 8,000 घंटों से अधिक का उड़ान अनुभव था…….. इतने अनुभवी पायलट से ऐसी बुनियादी गलती की उम्मीद कम ही होती है……

वहीं कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पता चलता है कि दोनों पायलटों में से किसी ने स्वीकार नहीं किया कि उसने स्विच को छुआ…….. इससे यह संभावना बढ़ती है कि स्विच का मूवमेंट गलती से नहीं…….. बल्कि किसी तकनीकी खराबी के कारण हुआ हो…… जिसको लेकर पूर्व भारतीय वायुसेना के निदेशक संजीव कपूर ने AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि यह निष्कर्ष अधूरे हैं……. और समयसीमा में देरी संदिग्ध है……. और उन्होंने पायलट गलती के सिद्धांत को खारिज किया……. और तकनीकी कारणों पर ध्यान देने की मांग की…….

वहीं एविएशन सुरक्षा विशेषज्ञ अमित सिंह ने कहा कि जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि लॉक किया हुआ ईंधन स्विच कैसे “कटऑफ” स्थिति में गया…….. तब तक पूरी सच्चाई सामने नहीं आएगी…… प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और इसके बाद की चर्चाओं ने कई सवाल खड़े किए हैं कि क्या इस हादसे की जिम्मेदारी से बोइंग……. और एयर इंडिया को बचाने की कोशिश हो रही है…… बता दें कि बोइंग पहले भी अपनी 737 मैक्स मॉडल की वजह से विवादों में रहा है……. जब 2018 और 2019 में दो घातक हादसों के बाद इस मॉडल को डेढ़ साल के लिए उड़ान से रोक दिया गया था……. इसके अलावा हाल ही में एक 737 मैक्स की उड़ान के दौरान एक पैनल के उड़ जाने की घटना ने बोइंग की मशीनरी……. और सॉफ्टवेयर पर सवाल उठाए हैं……

वहीं इस हादसे के बाद बोइंग ने तुरंत जांच में सहयोग करने का बयान दिया……. लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है…… जिसको लेकर पूर्व AAIB जांचकर्ता कैप्टन किशोर चिंता ने सुझाव दिया कि ईंधन स्विच का मूवमेंट इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ी या माइक्रोप्रोसेसर की खराबी के कारण हो सकता है…… वहीं मार्को चान बकिंघमशायर न्यू यूनिवर्सिटी में वरिष्ठ लेक्चरर और पूर्व पायलट हैं…… उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में “चिप मालफंक्शन” की ओर इशारा किया गया है……

इसके अलावा 2018 में अमेरिकी विमानन नियामक ने बोइंग 787-8 के ईंधन नियंत्रण स्विच की लॉकिंग सुविधा के संभावित निष्क्रिय होने के बारे में एक चेतावनी जारी की थी……. यह सवाल उठता है कि क्या बोइंग ने इस चेतावनी के बाद उचित कदम उठाए थे…… AAIB ने बोइंग 787-8 या इसके GE GEnx-1B इंजन के लिए कोई तत्काल सिफारिश नहीं की……. कुछ विशेषज्ञ इसे बोइंग को बचाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं……

वहीं अब एयर इंडिया के पायलटों के प्रशिक्षण और प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं……. हालांकि, एयर इंडिया ने हादसे के बाद अपने पायलटों के लिए एक विस्तृत समीक्षा सत्र आयोजित करने की घोषणा की है……. ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके….. एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने हादसे पर “गहरा दुख” व्यक्त किया…… और कहा कि जांच में समय लगेगा….. बता दें कि इस हादसे की जांच में भारत के AAIB के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी शामिल हैं……

अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने बोइंग, GE, और संघीय विमानन प्रशासन के तकनीकी सलाहकारों को जांच में सहायता के लिए नियुक्त किया है……. ब्रिटेन की AAIB ने भी भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर हादसे की जांच में सहयोग किया……. दोनों कंपनियां जांच में सक्रिय रूप से सहयोग कर रही हैं……. बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने कहा कि उनकी विशेषज्ञों की एक टीम भारत में जांच में मदद के लिए तैयार है….. वहीं जांच अभी भी जारी है…….. और AAIB ने कहा है कि वे और सबूतों और जानकारी की समीक्षा करेंगे……

आपको बता दें कि कुछ लोगों का मानना है कि पायलटों पर जल्दबाजी में दोष लगाना गलत है….. कॉकपिट में दर्ज भ्रम की स्थिति से पता चलता है कि पायलट भी इस घटना से हैरान थे……. वहीं बोइंग की हाल की घटनाओं और पिछले विवादों ने लोगों के बीच कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं……. कई लोग मानते हैं कि तकनीकी खराबी की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता……. इस हादसे ने एयर इंडिया की छवि को भी प्रभावित किया है……. हालांकि, एयर इंडिया ने पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने और जांच में सहयोग करने का वादा किया है…….

आपको बता दें कि अहमदाबाद विमान हादसा एक ऐसी त्रासदी है जिसने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया……. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है…….. लेकिन यह अभी भी कई सवालों के जवाब नहीं मिले है…… क्या यह हादसा पायलटों की गलती से हुआ…….. या इसके पीछे तकनीकी खराबी थी…… क्या बोइंग और एयर इंडिया को बचाने की कोशिश हो रही है……. ये सवाल अभी भी हवा में हैं……

 

 

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