ईरान-इजराइल के बीच युद्धविराम के बावजूद जारी है तनाव, ईरान ने जताई नई जंग की आशंका

रक्षा मंत्री ने तुर्की के समकक्ष से ये भी कहा कि हम क्षेत्र में युद्ध और असुरक्षा को बढ़ावा नहीं देना चाहते, लेकिन हम किसी भी आक्रामक कार्रवाई का कड़ा जवाब देने के लिए तैयार हैं,

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: ईरान के रक्षा मंत्री ने हाल ही में दिए एक बयान में इजराइल के साथ हुए युद्धविराम पर अविश्वास व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि  इस्लामी गणराज्य को इजराइल की नीयत पर भरोसा नहीं है और आने वाले समय में किसी भी नए संघर्ष की आशंका के मद्देनजर कई सैन्य परिदृश्य और रणनीतियां तैयार कर ली गई हैं।

रक्षा मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि ईरान क्षेत्रीय स्थिरता और शांति में विश्वास रखता है तथा बातचीत के लिए हमेशा  तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि ईरान पर कोई हमला किया गया, तो उसका जवाब बेहद कठोर और निर्णायक होगा।

हालांकि इजराइल और ईरान के बीच फिलहाल युद्धविराम लागू है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव अब भी बरकरार है। दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ खुफिया और मनोवैज्ञानिक युद्ध जारी रखे हुए हैं। कुछ विश्लेषकों का तो यह भी कहना है कि यह युद्धविराम एक बड़े संघर्ष की तैयारी के लिए सिर्फ एक अस्थायी विराम है।

ईरान के रक्षा मंत्री के हालिया बयान ने इन आशंकाओं को और बल दिया है। उन्होंने कहा कि “हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर हम पर थोपने की कोशिश की गई, तो हम हर संभव रणनीति के साथ तैयार हैं।” इस बयान से यह साफ हो गया है कि भले ही दोनों देशों के बीच सीधे युद्ध की स्थिति फिलहाल न हो, लेकिन तनाव की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

रक्षा मंत्री ने तुर्की के समकक्ष से ये भी कहा कि हम क्षेत्र में युद्ध और असुरक्षा को बढ़ावा नहीं देना चाहते, लेकिन हम किसी भी आक्रामक कार्रवाई का कड़ा जवाब देने के लिए तैयार हैं, जिससे दुश्मन को खेद होगा. नसीरजादेह ने हमलों के समय की आलोचना करते हुए कहा, “ईरान पर हमला वार्ता के दौरान हुआ. हमने दुनिया को साबित कर दिया है कि हम बातचीत और समझौते के विरोधी नहीं हैं.”

12 दिनों की लड़ाई
13 जून को इजराइल ने ईरान के खिलाफ बड़े पैमाने पर अचानक हवाई हमले कर दिए थे और 12 दिनों तक चले संघर्ष के शुरुआती चरण में कई परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला हुए. इजराइली हवाई हमलों में सैकड़ों ईरानी नागरिक मारे गए, ईरान के जवाबी हमलों ने भी 27 इजराइलियों की जान ली और कई इमारतों और सैन्य अड्डों को नुकसान पहुंचाया. इजराइली हमलों के बाद, 15 जून को मस्कत में होने वाली ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता रद्द कर दी गई थी.

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