भाजपा के सिस्टम ने की छात्रा की हत्या: राहुल गांधी

बालासोर में छात्रा की मौत के बाद भड़का विपक्ष, कांग्रेस, टीएमसी के बाद बीजद ने ओडिशा सरकार को घेरा  

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर में एक कॉलेज की छात्रा ने सीनियर प्रोफेसर से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। फकीर मोहन कॉलेज की इस छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद कांग्रेस, बीजद समेत कई पार्टियों ने भाजपा सरकार को बुरी तरह से घेर लिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करके कहा कि सिस्टम ने उसकी हत्या की है।
राहुल ने भारतीय जनता पार्टी पर भी तंज कसा है। राहुल ने बालासोर की घटना को लेकर एक्स पोस्ट के जरिए कहा, ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत, सीधे-सीधे भाजपा के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है. उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई – लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताडि़त किया गया, बार-बार अपमानित किया गया. जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे।

भाजपा का सिस्टम आरोपियों को बचाता है

उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, हर बार की तरह भाजपा का सिस्टम आरोपियों को बचाता रहा – और एक मासूम बेटी को खुद को आग लगाने पर मजबूर कर दिया। ये आत्महत्या नहीं, सिस्टम द्वारा संगठित हत्या है। मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर – देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, दम तोड़ रही हैं और आप? खामोश बने बैठे हैं, देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए. भारत की बेटियों को सुरक्षा और इंसाफ चाहिए। उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई – लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, बार-बार अपमानित किया गया।

बिहार में पीडि़त परिवार से मिले कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस अमानवीय घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीडि़त परिजनों से फोन पर बातचीत की है और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रविवार को पीडि़त परिजनों से फोन पर बात की और उन्हें ढांढ़स बंधाया। उन्होंने करीब पांच मिनट तक बातचीत कर परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। यह बातचीत अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस के राष्टï्रीय अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया के प्रयासों से संभव हुई, जो स्वयं टेटगामा गांव पहुंचे थे।

कॉलेज छात्रा का अंतिम संस्कार

एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीडऩ किए जाने के बाद आत्मदाह करने वाली कॉलेज छात्रा का अंतिम संस्कार मंगलवार को ओडिशा के बालासोर जिले में उसके पैतृक गांव में किया गया। गांव के श्मशान घाट में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बालासोर से सांसद प्रताप सारंगी और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित हजारों लोगों की मौजूदगी में छात्रा के चचेरे भाई ने उसे मुखाग्नि दी। स्थानीय लोगों ने नम आंखों से छात्रा को अंतिम विदाई दी। उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग श्मशान घाट पहुंचे। छात्रा के पिता की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी ने मुझे लडऩा सिखाया और मैं यह लड़ाई जारी रखूंगा। मुझे न धन की जरूरत है, न किसी मुआवजे की। मुझे मेरी बेटी चाहिए। क्या सरकार मेरी बच्ची को मुझे वापस ला सकती है?’’ जब छात्रा की मां से उनकी मांगों के बारे में पूछा गया तो वे बस इतना ही कह सकीं, ‘‘कृपया मुझे माफ कर दीजिए। मैं कुछ कहने की हालत में नहीं हूं।’’

प्रशासन मदद करने के बजाय खामोश बना रहा : नवीन पटनायक

ओडिशा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने मंगलवार को कहा कि एक शिक्षक द्वारा कथित यौन उत्पीडऩ किए जाने के बाद खुद को आग लगाने वाली कॉलेज छात्रा की मौत ‘‘सिस्टम की नाकामी’’ के कारण हुई। कॉलेज छात्रा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए, पटनायक ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘यह सोचकर और भी दुख होता है कि कैसे एक नाकाम सिस्टम किसी की जान ले सकता है। सबसे पीड़ादायक बात यह है कि यह कोई हादसा नहीं था, बल्कि एक ऐसे सिस्टम का नतीजा था जो मदद करने के बजाय खामोश बना रहा। न्याय के लिए लड़ते-लड़ते आखिरकार उस लडक़ी ने अपनी आंखें हमेशा के लिए बंद कर लीं।’’

लखनऊ कोर्ट पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने के लिए लखनऊ पहुंच गए हैं। उन पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सैनिकों पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में मुकदमा चल रहा है। एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मानहानि मामले में दायर शिकायत का संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को आरोपी के रूप में तलब किया है। कांग्रेस नेता ने समन के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की थी लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली।

योगी सरकार को फिर सुप्रीम कोर्ट की फटकार

कांवड़ यात्रा पथ पर दुकानों में अनिवार्य क्यूआर कोड मामले में अदालत सख्त
यूपी से 22 तक मांगा जवाब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा मार्ग पर बनी दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने और दुकान मालिकों की पहचान उजागर करने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही 22 जुलाई तक जवाब मांगा है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने शिक्षाविद् अपूर्वानंद झा एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से जवाब तलब किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल भी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश द्वारा जारी कांवड़ यात्रा मार्गों पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों, कर्मचारियों के नाम और अन्य विवरण प्रदर्शित करने के निर्देशों पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान 25 जून को यूपी सरकार द्वारा जारी निर्देश का हवाला देते हुए शिक्षाविद् अपूर्वानंद झा ने कहा कि नए निर्देश के तहत कांवड़ मार्ग पर बने सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है। इससे दुकान मालिकों के नाम और पहचान का पता चले। इससे दोबारा वही भेदभाव किया जा रहा है, जिसे पहले इस अदालत ने रोका था। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार का निर्देश, जिसमें स्टॉल मालिकों को कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान का खुलासा करने के लिए कहा गया है, दुकान, ढाबा और रेस्तरां मालिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। श्रावण मास के दौरान शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा से पवित्र जल लेकर विभिन्न स्थानों से कांवड़ लेकर आते हैं। कई श्रद्धालु इस महीने में मांसाहार से परहेज करते हैं। कई लोग तो प्याज और लहसुन वाला भोजन भी नहीं खाते।

सुप्रीम कोर्ट का एआईएमआईएम का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की याचिका पर सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की एक राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकरण को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता को व्यापक मुद्दों को उठाने के लिए एक नई रिट याचिका दाखिल करने की अनुमति दी, जिसमें धार्मिक उद्देश्यों वाली राजनीतिक पार्टियों की वैधता पर सवाल उठाया जा सके। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें एआईएमआईएम के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक राजनीतिक दल के रूप में रजिस्ट्रेशन के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया गया था। बेंच के सामने जब मामला आया और बेंच का रुख याची ने देखा तब उसने अपनी विशेष अनुमति याचिका को वापस लेने का निर्णय लिया।

जम्मू-कश्मीर में खाई में गिरी गाड़ी 5 लोगों की मौत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार (15 जुलाई) को एक गाड़ी के गहरी खाई में गिर जाने से 5 लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि टेंपो के चालक ने पोंडा के निकट डोडा-भर्थ मार्ग के एक मोड़ पर वाहन पर से नियंत्रण खो दिया, जिससे यह हादसा हो गया। अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया है. घायलों में तीन की हालत गंभीर है।
अधिकारियों ने कहा, गंभीर रूप से घायल लोगों में से एक पांच वर्षीय उज्मा जान को जम्मू रेफर किया गया है। मृतकों की पहचान मोहम्मद अशरफ (35), मंगता वानी (51), अत्ता मोहम्मद (33), तालिब हुसैन (35) और रफीका बेगम (60) के रूप में हुई है।

निमिषा प्रिया की फांसी टली, 2017 से यमन की जेल में बंद है केरल की नर्स

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केरल की नर्स निमिषा प्रिया को लेकर यमन से अहम खबर सामने आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक निमिषा की फांसी को फिलहाल टाल दिया गया है। उन्हें 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी। इस केस को लेकर भारत सरकार काफी कोशिश कर रही थी, आखिर में फांस टाल दी गई।
यमन की एक अदालत ने निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में फांसी की सजाई सुनाई थी। वे साल 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। निमिषा प्रिया पर यमन के नागरिक तलाल एब्दो महदी की हत्या का आरोप लगा था। वे इस मामले में दोषी भी पाई गईं। आरोप था कि उन्होंने महदी के पास जमा अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया और दवाई का ओवरडोज होने की वजह से उसकी मौत हो गई। निमिषा को इस केस में अदालत ने फांसी की सजा दे दी थी। हालांकि खबर के मुताबिक निमिषा की फांसी फिलहाल टल गई है।

प्रिया को यमन के कानून के तहत मिली सजा

यमन में शरिया कानून चलता है। लिहाजा निमिषा को भी इसी कानून के तहत मौत की सजा दी गई। इस कानून में माफी का भी एक प्रावधान है। ब्लड मनी नाम की एक ऐसी प्रथा है, जिसके तहत हत्या को दोषी को माफी मिल सकती है, लेकिन उसे इसके लिए मृतक के परिवार को मुआवजे के तौर पर मोटी रकम देनी होती है। निमिषा को भी इस कानून के तहत छोड़ा जा सकता है, लेकिन इसको लेकर किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।

आशनायी में मां ने बेटी को ही मार डाला

पति को फंसाने के लिए उठाया शर्मनाक कदम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ में एक मां ने पति को फंसाने के लिए अपनी 7 साल की बेटी की हत्या कर दी। वह लिव-इन में प्रेमी के साथ रहती थी। वारदात के बाद मां ने पुलिस को कॉल की। कहा- पति ने बेटी की हत्या कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच की मां बार-बार बयान बदल रही थी। पुलिस ने सख्ती की तो उसने गुनाह कबूल लिया।
वारदात कैसरबाग के खंदारी बाजार इलाके की है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी मां का नाम रोशनी खान है। करीब 8 साल पहले उसकी शादी शाहरुख खान नाम के युवक से हुई थी। दोनों की 7 साल की बेटी सोना थी। कुछ साल पहले रोशनी का उदित जायसवाल नाम के युवक के साथ अफेयर हो गया। रोशनी पति को छोडक़र उदित के साथ लिव-इन में रहने लगी थी।
इंस्पेक्टर कैसरबाग ने बताया कि रोशनी खान ने बेटी की हत्या की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी। उसने कहा कि पति शाहरुख ने बेटी की हत्या कर दी। मौके पर जांच पड़ताल की गई तो रोशनी की बात झूठ निकली। पता चला कि रोशनी का पति से विवाद चल रहा था। वह बेटी से मिलने आया था तो दोनों के बीच बहस हो गई। पति को फंसाने के लिए उसने गला दबाकर बेटी की हत्या कर दी। फिर पुलिस को कॉल की। आरोपी महिला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। जिस कमरे में बच्ची की लाश मिली है। उसे सील कर दिया गया है।

समिट बिल्डिंग में पार्टी के दौरान मिले थे दोनों

कुछ साल पहले समिट बिल्डिंग में पार्टी के दौरान शाहरुख और रोशनी की मुलाक़ात हुई थी। मुलाक़ात जल्द ही प्यार में बदली और दोनों ने नशे की हालत में शादी कर ली। लेकिन इस रिश्ते की बुनियाद पर साजिश की परतें धीरे-धीरे खुलती चली गई। जानकारी के मुताबिक, शादी के कुछ समय बाद ही रोशनी की नजर घर और संपत्ति पर टिक गई थी।

  • बताया जा रहा है कि रोशनी पहले भी पूरे परिवार को बलात्कार जैसे संगीन मुकदमों में फंसा चुकी है, जिसकी वजह से परिवार के कई लोग अब भी जेल की सजा काट रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह भी देख रही है कि हत्या की वारदात के पीछे मकसद सिर्फ घरेलू विवाद था या पहले से रची गई साजिश।

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