हादसे के बाद भाजपा को आई ‘विकास’ की याद, महिसागर पर टूटा पुल, अब 212 करोड़ की मंजूरी
महिसागर नदी पर टूटा पुल बना था हादसे की वजह… अब सरकार ने 212 करोड़ की लागत से दो लेन के नए पुल को दी मंजूरी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के वडोदरा जिले में 9 जुलाई को महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल अचानक ढह गया……. यह एक दुखद हादसा था……. जिसमें कई लोगों की जान गई और कई घायल हुए…… इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया……. बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया…….. हादसे के बाद गुजरात सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नदी पर एक नए दो-लेन वाले पुल के निर्माण को मंजूरी दी……. जिसके लिए 212 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है…… इस खबर में हादसे के कारणों, प्रभावों, सरकार की प्रतिक्रिया, और नए पुल के निर्माण की योजना पर विस्तार से चर्चा करेंगे….
महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता था……. जो लगभग 40 साल पुराना था……. यह पुल पादरा तालुका के गंभीरा गांव के पास स्थित था…… और मध्य गुजरात को सौराष्ट्र क्षेत्र से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था…… यह पुल स्थानीय यात्रियों, छात्रों और व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता था…….
आपको बता दें कि 9 जुलाई को सुबह इस पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया……. हादसे के समय पुल पर कई वाहन आ और जा रहे थे……. जिनमें दो ट्रक, दो कार, एक ऑटोरिक्शा और एक टैंकर शामिल थे……. ये सभी वाहन नदी में गिर गए……. जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए……. जानकारी के अनुसार इस हादसे में मृतकों की संख्या 19 बताई गई है…… जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है……. जिसकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है…….
वहीं हादसे के बाद स्थानीय लोग और प्रशासन तुरंत हरकत में आए……. स्थानीय लोगों ने राहत और बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई…….. जिसमें तीन लोग तैरकर सुरक्षित बाहर निकल आए……… पुलिस और बचाव दलों ने रबर की नावों और अन्य उपकरणों की सहायता से लोगों को नदी से निकाला और अस्पताल पहुंचाया……. बता दें कि गंभीरा पुल लगभग 40 साल पुराना था…….. जिसे 1981 के आसपास बनाया गया था……. पुराने ढांचे की नियमित रखरखाव और मरम्मत की कमी इसके ढहने का एक मुख्य कारण हो सकती है…….
जानकारी के अनुसार इस पुल की मरम्मत 2019 में 1.75 करोड़ रुपये की लागत से की गई थी……. इसके बावजूद पुल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ……. जिससे मरम्मत कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं…… पुल पर भारी वाहनों का लगातार आवागमन भी इसके ढांचे पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा था……. स्थानीय विधायक चैतन्य सिंह झाला ने पहले ही इस पुल की जर्जर स्थिति के बारे में चेतावनी दी थी…….. लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज किया गया……
वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि महिसागर नदी में उच्च ज्वार…… और नदी के बहाव ने पुल के आधार को कमजोर किया होगा….. जिसको लेकर विपक्षी दलों ने इस हादसे के लिए गुजरात की भाजपा सरकार पर प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है…… और उनका कहना है कि मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए…….. लेकिन कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया……. आपको बता दें कि गंभीरा पुल हादसे का स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर गहरा प्रभाव पड़ा है…..
वहीं इस हादसे में कई लोगों की जान गई…… जानकारी के अनुसार मृतकों की संख्या 19 हो गई है……. और कई लोग घायल हुए……. एक व्यक्ति अभी भी लापता है…….जिसकी तलाश जारी है……. इस हादसे ने कई परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई……. आपको बता दें कि गंभीरा पुल मध्य गुजरात और सौराष्ट्र को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग था……. इसके ढहने से यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुआ……. स्थानीय यात्रियों, छात्रों और व्यापारियों को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ा……. जिससे उनकी दैनिक दिनचर्या में असुविधा हुई…….
इस हादसे से स्थानीय व्यापार और परिवहन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा……. वाहनों के नदी में गिरने से कई लोगों की आजीविका प्रभावित हुई……. वहीं इस हादसे ने गुजरात की भाजपा सरकार पर सवाल उठाए…… कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सरकार पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया……. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि नाम विकास का, काम विनाश का……. वहीं आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय ने इसे भ्रष्टाचार का गुजरात मॉडल करार दिया…….
हादसे के तुरंत बाद गुजरात सरकार ने राहत और बचाव कार्य शुरू किए……. पुलिस, स्थानीय लोग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने मिलकर नदी में फंसे लोगों को निकाला……. घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया…… जिसके बाद गुजरात सरकार ने हादसे में मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए 62 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की……. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की……
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की……… इस समिति को 30 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है……. साथ ही सड़क और भवन विभाग के चार इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया…… हादसे के चार दिन बाद 13 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने महिसागर नदी पर एक नए दो-लेन वाले उच्च-स्तरीय पुल के निर्माण के लिए 212 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दी……. यह पुल पुराने पुल के समानांतर बनाया जाएगा…… और 18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है……..
आपको बता दें कि नए पुल के निर्माण के लिए 212 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है…… यह पुल 18 महीनों में बनकर तैयार होगा…… वहीं नया पुल दो-लेन वाला उच्च-स्तरीय ब्रिज होगा…….. जो आधुनिक तकनीक और मानकों के अनुसार बनाया जाएगा…….. सड़क और भवन विभाग ने इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है……. जिसमें यातायात के दबाव और नदी के बहाव को ध्यान में रखा गया है……..
वहीं यह पुल पुराने गंभीरा पुल के समानांतर बनाया जाएगा……. जो वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ेगा…….. इसका उद्देश्य मध्य गुजरात और सौराष्ट्र के बीच यातायात को सुचारु करना……. और स्थानीय लोगों की असुविधा को कम करना है……. वहीं नए पुल के साथ-साथ सड़क को चौड़ा करने की भी योजना है……. ताकि भारी वाहनों के आवागमन में आसानी हो…… और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके……. सरकार ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि इस बार निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा…….. इसके लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों की निगरानी में परियोजना को पूरा किया जाएगा।…….
गंभीरा पुल हादसे ने गुजरात में राजनीतिक बहस को तेज कर दिया…… विपक्षी दलों ने इस हादसे को भाजपा सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया…… कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और पवन खेड़ा ने हादसे को विकास के नाम पर विनाश करार दिया…… और उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले ऐसे हादसे अपराध की श्रेणी में आते हैं……. आप नेता अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय ने भाजपा के गुजरात मॉडल पर सवाल उठाए…… और इसे भ्रष्टाचार का परिणाम बताया…….
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और राजद नेता रोहिणी आचार्य ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा……. और इस हादसे को भ्रष्टाचार का परिणाम बताया…… गंभीरा पुल हादसा एक बार फिर देश में बुनियादी ढांचे की स्थिति……. और रखरखाव की कमी को उजागर करता है……. पुराने पुलों और ढांचों का नियमित निरीक्षण और रखरखाव जरूरी है…….. तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में समय-समय पर मरम्मत कार्य किए जाने चाहिए…….. मरम्मत और नए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को प्राथमिकता देनी होगी……. भ्रष्टाचार और लापरवाही को रोकने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी चाहिए……..
सरकार को ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए…….. निलंबन और जांच के साथ-साथ दीर्घकालिक सुधारों पर ध्यान देना होगा…… स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लेना चाहिए……. इस मामले में स्थानीय विधायक की चेतावनी को नजरअंदाज करना एक बड़ी चूक थी…….
आपको बता दें कि गंभीरा पुल हादसा एक दुखद घटना थी…… जिसने कई परिवारों को तोड़ दिया……. और गुजरात सरकार के सामने बुनियादी ढांचे की कमियों को उजागर किया…….. हादसे के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी……. जो एक सकारात्मक कदम है……. हालांकि इस हादसे ने यह भी सिखाया कि विकास के नाम पर केवल बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा काफी नहीं है…….. बल्कि गुणवत्तापूर्ण कार्य और जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है……



