कांग्रेस व आप ने राज ठाकरे पर साधा निशाना

- गुजरात की धरती पर राजनीति करने पर मिलेगा जवाब : अमित चावड़ा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। गुजरात में कांग्रेस, आप और पाटीदार नेताओं ने सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बारे में टिप्पणियों को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने ठाकरे के गुजरात में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की। ठाणे जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि जब गुजरात में बिहार के प्रवासियों को ‘पीटा गया और भगा दिया गया’ तो यह कोई मुद्दा नहीं बना, लेकिन महाराष्ट्र में एक छोटी सी घटना राष्ट्रीय मुद्दा बन गई।
उन्होंने स्वतंत्रता के बाद मोरारजी देसाई और सरदार पटेल के कथित मराठी विरोधी रुख का भी उल्लेख किया था। पिछले कुछ हफ्तों से मनसे कार्यकर्ता आक्रामक तरीके से मांग कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में रहने वाले लोग मराठी सीखें। उन्होंने मराठी में जवाब न देने पर कुछ दुकानदारों पर कथित तौर पर हमला भी किया। गुजरात कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा, गुजरात की धरती पर राजनीति करोगे तो जवाब मिलेगा।
गुजराती लोगों का अपमान कर रहे मनसे के लोग: इसुदान गढ़वी
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने कहा कि गुजराती ठाकरे की टिप्पणी को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी राजनीति काम नहीं कर रही है, इसलिए आप न केवल गुजराती लोगों का बल्कि पूरे देश के नेता सरदार पटेल का अपमान कर रहे हैं।’’ ‘आप’ नेता ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की अपील की।पाटीदार नेता मनोज पनारा ने मोरबी शहर में पुलिस को एक अर्जी सौंपकर ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने और उनके गुजरात प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
शिंदे ने उद्धव की तुलना नीरो से की
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए रोम के सम्राट नीरो और उनसे जुड़ी एक लोकप्रिय किंवदंती का जिक्र किया। उन्होंने विपक्ष के चुनाव हारने पर निर्वाचन आयोग की ‘‘चुनिंदा’’ आलोचना पर भी सवाल उठाया। शिवसेना प्रमुख शिंदे ने उद्धव का नाम लिए बिना कहा, ‘‘यह अजीब बात है कि कुछ लोग तब भी जश्न मना रहे हैं, जब लोग उनकी पार्टी (शिवसेना-उबाठा) छोड़ रहे हैं। हमने इस तरह का व्यवहार पहले कभी नहीं देखा। ‘जब रोम जल रहा था, नीरो बांसुरी बजा रहा था’। उन्होंने कहा कि आत्मनिरीक्षण करने के बजाय, कुछ नेता सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं और दूसरों को कोस रहे हैं।



