संसद में हंगामा, मानसून सत्र के पांच दिन पानी में गए
एसआईआर पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, शोर-शराबे के चलते लोस व रास स्थगित, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी और अखिलेश सिंह ने रास में नियम 267 के तहत दिया नोटिस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पांचवे दिन भी हंगामा जारी रहा। विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष लोकसभा व राज्यसभा में मोदी सरकार के खिलाफ जोरदार हमला बोला। इसी के साथ संसद के बाहर भी विपक्ष ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया। भारी हंगामें के बीच दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया।
शुक्रवार को राज्यसभा में कई विपक्षी नेताओं ने नियम 267 के तहत नोटिस पेश किए, जिसमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की मांग की गई। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी और अखिलेश प्रसाद सिंह ने शुक्रवार सुबह राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस पेश किए, जिसमें इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए एसआईआर प्रक्रिया पर चर्चा के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की मांग की गई। कांग्रेस के एक अन्य सांसद अशोक सिंह ने बिहार एसआईआर प्रक्रिया पर स्पष्टता और चर्चा की मांग करते हुए एक अलग नोटिस पेश किया।
केंद्र सरकार ने कहा है कि उनकी संविधान से समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द हटाने पर विचार करने की फिलहाल कोई मंशा या योजना नहीं है। सरकार ने कहा कि इस संबंध में कोई प्रक्रिया शुरू भी नहीं की गई है। राज्यसभा में सरकार ने यह जानकारी दी। राज्यसभा में सांसद रामजी लाल सुमन ने इस संबंध में सवाल किया था। जिस पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लिखित जवाब में बताया कि सरकार का आधिकारिक रुख यह है कि संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्दों पर पुनर्विचार करने या उन्हें हटाने की कोई योजना या मंशा नहीं है। प्रस्तावना में संशोधनों के संबंध में किसी भी चर्चा के लिए गहन विचार-विमर्श और व्यापक सहमति की जरूरत होगी, लेकिन अभी तक सरकार ने इन प्रावधानों को बदलने के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया शुरू नहीं की है।

बहुजन समाज को दूर रखने की हो रही है साजिश : राहुल गांधी
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों को लेकर केंद्र पर बरसे राहुल गांधी, कहा- यह कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी श्रेणी के तहत प्रोफेसरों के लगभग 80 प्रतिशत पद खाली रहने पर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और मांग की कि रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए। गांधी ने एक्स पर कहा कि बहुजनों को उनके अधिकार मिलने चाहिए, मनुवादी बहिष्कार नहीं। गांधी ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के तहत प्रोफेसर के 83 प्रतिशत पद, उसके बाद ओबीसी श्रेणी के तहत 80 प्रतिशत पद जानबूझकर खाली रखे गए हैं। उन्होंने आगे कहा,एससी (अनुसूचित जाति) के लिए 64 प्रतिशत (प्रोफेसर पद) जानबूझकर खाली रखे गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह, एसटी-65 प्रतिशत, ओबीसी-69 प्रतिशत, एससी- 51 प्रतिशत के एसोसिएट प्रोफेसर पद भी खाली हैं। राहुल गांधी ने तर्क दिया कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़े बहुजनों के वंचना और संस्थागत मनुवाद का ठोस सबूत हैं। बहुजनों को शिक्षा से दूर रखने की साजिश का आरोप लगाते हुए, गांधी ने हाशिए पर पड़े समुदायों और उनके मुद्दों को सार्वजनिक चर्चाओं से बाहर रखने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह महज़ लापरवाही नहीं, बल्कि बहुजनों को शिक्षा, शोध और नीति-निर्माण से दूर रखने की एक सुनियोजित साजिश है। विश्वविद्यालयों में बहुजनों की अपर्याप्त भागीदारी के कारण, हाशिए पर पड़े समुदायों के मुद्दों को जानबूझकर शोध और विमर्श से बाहर रखा जाता है। गांधी ने आगे कहा, एनएफएस (नॉट फाउंड सूटेबल) के नाम पर, मनुवादी मानसिकता के तहत हज़ारों योग्य एससी, एसटी, ओबीसी उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया जा रहा है, और सरकार कोई जवाबदेही लेने को तैयार नहीं है।
पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं : डिंपल यादव
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट है क्योंकि चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। अगर यह प्रक्रिया जरूरी थी तो पहले क्यों नहीं की गई? चुनाव से पहले अचानक क्यों की जा रही है? इससे लगभग 50 लाख वोटर प्रभावित होंगे और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है।
इस प्रक्रिया में दुर्भावना है : प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की भाषा से स्पष्ट है कि इस प्रक्रिया में दुर्भावना है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जिन दस्तावेजों को लाना मुश्किल है, उनकी मांग अनुचित है। चुनाव आयोग को वैकल्पिक दस्तावेजों को सूची में शामिल करना चाहिए।
एसआईआर संविधान के खिलाफ : मल्लिकार्जुन खरगे
नई दिल्ली। एक्टर और मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) प्रमुख कमल हासन ने आज (25 जुलाई) राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्होंने तमिल भाषा में शपथ पत्र पढ़ा। 69 वर्षीय अभिनेता से राजनेता बने हासन ने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, मैं बहुत गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। बता दें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कमल हासन की पार्टी ने डीएमके का समर्थन किया था। इसी समर्थन के बदले अब कमल हासन को डीएमके की तरफ से राज्यसभा सीट दी गई है। आधिकारिक तौर पर कमल हासन की पार्टी और डीएमके के बीच गठबंधन हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2026 में तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव में डीएमके और एमएनएम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
ये लोकतंत्र की हत्या है : प्रमोद तिवारी
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया लोकतंत्र की हत्या है। हम हर लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करते रहेंगे। सरकार जनता के संवैधानिक अधिकारों पर हमला कर रही है।
कमल हासन ने तमिल में ली राज्यसभा सांसद की शपथ
नई दिल्ली। एक्टर और मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) प्रमुख कमल हासन ने आज (25 जुलाई) राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्होंने तमिल भाषा में शपथ पत्र पढ़ा। 69 वर्षीय अभिनेता से राजनेता बने हासन ने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, मैं बहुत गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। बता दें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कमल हासन की पार्टी ने डीएमके का समर्थन किया था। इसी समर्थन के बदले अब कमल हासन को डीएमके की तरफ से राज्यसभा सीट दी गई है। आधिकारिक तौर पर कमल हासन की पार्टी और डीएमके के बीच गठबंधन हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2026 में तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव में डीएमके और एमएनएम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
राहुल और प्रियंका ने संभाला मोर्चा
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद परिसर में एसआईआर सूची फाडक़र विरोध जताया। उनके साथ प्रियंका गांधी वाड्रा और सपा सांसद डिंपल यादव भी थीं। प्रियंका गांधी ने कहा कि यह लोकतंत्र है। सभी राजनीतिक दलों को वोटर लिस्ट की जानकारी होनी चाहिए। जब हमने यह सूची मांगी, तो क्यों नहीं दी गई? आखिर क्या छुपाया जा रहा है?
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं : भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर
वहीं, भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। वे सिर्फ हंगामा करना जानते हैं। राज्य की जनता सब देख रही है। उन्होंने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया और कहा कि अगर उनके पास पारिवारिक संपत्ति न होती तो वे इस पद पर नहीं होते। वह एक भ्रमित नेता हैं।
मतदाता सूची को लेकर विपक्ष का संसद के बाहर हंगामा लिस्ट फाडक़र किया विरोध
बिहार में चल रही मतदाता सूची के पुनरीक्षण प्रक्रिया यानी एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, डिंपल यादव समेत कई सांसदों ने प्रतीकात्मक रूप से वोटर सूची की कॉपी फाडक़र उसे कूड़ेदान में फेंका और सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। नेताओं का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया चुनाव से ठीक पहले चलाकर जनता के मतदान अधिकार को छीनने की कोशिश है।
बिहार की कानून-व्यवस्था ध्वस्त: राबड़ी
पूर्व सीएम बोलीं : तेजस्वी यादव को मारने की चार बार हुई कोशिश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्टï्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि ये गलत काम है, सीएम को चाहिए वो आगे आकर इसका विरोध करें।
राबड़ी देवी ने ये बातें बिहार विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान कही। इस मौके पर राबड़ी देवी ने राज्य में मौजूद कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य कानून व्यवस्था की क्या हालत है ये किसी से छिपी नहीं है। पटना से लेकर दूसरे जिलों तक हत्याओं की घटनाएं अब आम हो चुकी है। खुद तेजस्वी यादव को बीते कुछ दिनों में चार बार मारने की कोशिश की गई है। हम लोगों को पता है कि कौन ये साजिश कर रहा है। हमने सरकार से उन्हें और बेहतर सुरक्षा देने की मांग की है।
एसआईआर पर सीएम नीतीश कुमार जवाब दें
राबड़ी देवी ने आगे कहा कि एसआईआर पर सीएम नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए। उन्हें अगड़ा-पिछड़ा सब वोट करते हैं। ये गलत काम हुआ है। ऐसे में उन्हें आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए। गरीब उनको वोट देता है, इसपर सीएम को जवाब देना चाहिए। नीतीश कुमार को बोलना चाहिए ये गलत काम हुआ है। इस बार के चुनाव में सूबे की जनता नीतीश कुमार को बता देगी कि वो एसआईआर को लेकर क्या कुछ सोचती है।
लोकतंत्र को लाठी तंत्र में बदलने का वातावरण बना रही राजद : सिन्हा
राबड़ी देवी के बयान पर बिहार के उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अगर वो सचमुच गंभीरता से बात कर रही हैं तो हम उनको बता देना चाहते हैं कि सरकार पहले से ही तेजस्वी यादव को सुरक्षा दी हुई है। और जरूरत है तो और सुरक्षा मिलेगा लेकिन इस तरह से अपनी अरजकता को छुपाने का जो खेल खेल रहे हैं। लोकतंत्र को लाठी तंत्र में बदलने का वातावरण सडक़ से सदन तक बना रहे हैं। यह नहीं चलेगा।
चुनाव के बहिष्कार की बात कर तेजस्वी ने मानी हार : ललन सिंह
एसआईआर को लेकर केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के नेता ललन सिंह ने भी एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव चुनाव के बहिष्कार की बात कर रहे हैं तो ये पक्का है कि उन्हें अभी से पता चल चुका है कि इस बार के चुनाव में वो पिटने वाले हैं। तेजस्वी यादव को पता है कि वो इस चुनाव में बुरी तरह पिट रहे हैं। यही वजह है कि वह चुनाव के बहिष्कार की बात कर रहे हैं। उनके पास कुछ है नहीं। उनके पिताजी और माताजी का राज बिहार की जनता पहले ही देख चुकी है ।
विधानसभा के बाद विधान परिषद का सत्र भी स्थगित
विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही करीब 5 मिनट में स्थगित हो गई तो दूसरी ओर विधान परिषद की कार्यवाही भी दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई. विधान परिषद में भी जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष के हाय-हाय का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सुनना चाहिए तो सुनते नहीं हैं. 10 मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ गई।
संविधान में किसी भी तरह के अनुचित बदलाव गलत हैं: मायावती
प्रस्तावना से सोशलिज्म और सेक्युलरिज्म नहीं हटाने के कें द्र के फैसले को बसपा ने सराहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से सदन में साफ कर दिया है कि वो संविधान की प्रस्तावना से सोशलिज्म और सेक्युलरिज्म नहीं हटा रही है जिस पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की प्रतिक्रिया आई हैं। उन्होंने इस बात का स्वागत किया है और कहा कि संविधान में इस तरह के अनुचित बदलाव गलत हैं, ये लोगों के लिए राहत की खबर है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर लिखा- देश के कानून मंत्री का कल संसद में दिया गया बयान कि संविधान की प्रस्तावना से ’सेक्युलरिज़्म’ (धर्मनिरपेक्षता) आदि शब्द हटाने सम्बंधी सरकार की ना कोई नीयत है और ना ही ऐसा कुछ विचाराधीन है, यह उचित एवं सराहनीय है। खासकर हमारी पार्टी बी.एस.पी. सहित देश व दुनिया भर में उन सभी लोगों के लिए राहत की ख़बर है व अच्छा आश्वासन है जो परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के संविधान में इस प्रकार के किसी भी अनुचित बदलाव या छेड़छाड़ के पूरी तरह विरुद्ध हैं तथा ऐसी उठने वाली गलत मांग को लेकर चिन्तित भी थे। वैसे भी यह सर्वविदित है कि अपना भारत देश हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व पारसी आदि विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोगों का विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है तथा संविधान के ज़रिए विविधता में एकता की विशेषता इसकी बेमिसाल पहचान दुनिया भर में है। सभी धर्मों के मानने वाले लोगों को एक समान आदर-सम्मान देने व समतामूलक समाज व्यवस्था आदि की सोच को लेकर ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान रचा और जिसकी झलक संविधान में हर कदम पर मिलती है।



