महाभियोग प्रस्ताव पर कांग्रेस का केंद्र पर हमला, सिंघवी बोले- बीजेपी की डिक्शनरी में ‘पाखंड’ मोटे अक्षरों में लिखा है

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार पाखंड कर रही है और देरी से जस्टिस वर्मा को बचाने की कोशिश कर रही है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस ने राज्यसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार पाखंड कर रही है और देरी से जस्टिस वर्मा को बचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों की संख्या काफी थी, लेकिन सरकार ने इसे रोक दिया.

जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव एडमिट खारिज किये जाने के सरकार के बयान पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को कहा कि बीजेपी के डिक्सनरी में पाखंड मोटी अक्षरों में लिखा गया है. उन्होंने कहा कि 21 जुलाई 2025 को कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने एक मोशन पेश किया. जस्टिस वर्मा के खिलाफ 63 राज्यसभा के और 152 लोकसभा के सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर दिया था.

उन्होंने कहा कि कल एक पूर्व कानून मंत्री (किरेन रिजिजू) ने बताया कि संसद में कोई मोशन मूव ही नहीं हुआ है, तो उस दिन धनखड़ इस मामले में जो बोल रहे थे वह क्या है? संसदीय कार्य मंत्री ने भी राज्यसभा में बताया था कि लोकसभा में सांसदों ने सहमति दी है. अगर मोशन नहीं मूव हुआ तो क्या ये सब कोई ड्रामा या फिल्म था.

शर्मिंदगी बचाने के लिए सरकार का कदम
उन्होंने कहा कि चूंकि यह मोशन कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों की ओर से था इसलिए अपनी शर्मिंदगी बचाने के लिए सरकार की ओर से यह सब किया गया. जस्टिस वर्मा मामले में सरकार देरी करके उनको अपना बचाव करने का मौका दे रही है.

उन्होंने कहा कि जिस कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराने की बात सामने आ रही है वह न तो जस्टिस वर्मा के लिए था और न ही शेखर यादव के लिए बल्कि यह तो भविष्य में लाये जाने वाले किसी तीसरे इम्पीचमेंट की तैयारी थी.

उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ का जस्टिस शेखर यादव पर चुप्पी भी सवाल उठाती है. इस सरकार में न संसद सुरक्षित है, न लोकतंत्र और न ही चेयर सुरक्षित है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के सबसे नजदीकी कारण जस्टिस वर्मा के लिए लाया जाने वाला मोशन था.

बिहार चुनाव में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार की धमकी पर उन्होंने कहा कि इस बयान के पीछे की भावना को समझने की जरूरत है. कौन सी ऐसी पार्टी है जो चुनाव नहीं लड़ना चाहती है. बांग्ला भाषी मुस्लिमों पर हो रहे पुलिस की कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना दिल्ली के पास गुरुग्राम में हुई है, जिसमे कई लोगों को बाद में छोड़ दिया गया. अगर गुरुग्राम में ऐसा हो रहा है तो अंदाजा लगा सकते हैं कि राज्यों के बॉर्डर के इलाकों में इन्होंने कितना आतंक मचाया होगा.

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