Plane Crash: मलबे में मिले 26 मानव अवशेष, 19 का अस्पताल प्रशासन ने किया अंतिम संस्कार 

अहमदाबाद प्लेन हादसे में मारे गए 26 लोगों के अवशेष का दोबारा अंतिम संस्कार 24 जुलाई को किया गया... इनमें से 19 लोगों का अंतिम संस्कार...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था….. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी…….. टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघाणी नगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई……. इस हादसे में 241 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सहित कुल 275 लोगों की मौत हो गई……. हादसे में मेडिकल कॉलेज के 5 छात्रों समेत 29 स्थानीय लोग भी मारे गए…….

हाल ही में 24 जुलाई को इस हादसे से जुड़ी एक और मार्मिक और संवेदनशील खबर सामने आई…….. जहां मलबा हटाने के दौरान 26 मृतकों के अवशेष मिले……. जिनकी पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की गई…….. हैरानी की बात यह थी कि ये अवशेष उन मृतकों के थे…… जिनके शव पहले ही उनके परिजनों को सौंपे जा चुके थे……. इसके बाद अहमदाबाद सिविल अस्पताल प्रबंधन ने इन 26 परिवारों से संपर्क किया…… और उन्हें दो विकल्प दिए…….. जिसमें या तो वे इन अवशेषों को लेकर दोबारा अंतिम संस्कार करें…….. या अस्पताल प्रबंधन इनका अंतिम संस्कार कर देगा……… वहीं इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवारों के दुख को फिर से ताजा कर दिया…….. बल्कि हादसे की भयावहता को भी एक बार फिर उजागर किया…….

वहीं हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई शव पहचान से परे हो गए थे…….. मृतकों के शरीर के अंग विमान के मलबे में चिपक गए थे…….. जिसके कारण उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग की जरूरत पड़ी…….. रेस्क्यू और मेडिकल टीमों ने मलबा हटाने के दौरान कई अवशेष अलग-अलग जगहों से बरामद किए…….. जिनमें कुछ अंग हॉस्टल की छत और आसपास के क्षेत्रों में पाए गए…..

हादसे के बाद अहमदाबाद सिविल अस्पताल में मृतकों की पहचान के लिए बड़े पैमाने पर डीएनए टेस्टिंग शुरू की गई……. अस्पताल प्रशासन, जिला प्रशासन……. और स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर ने मिलकर इस प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया……. 20 जून 2025 तक 231 शवों के डीएनए सैंपल परिजनों से मिलान किए जा चुके थे…….. जिनमें से 210 शव परिजनों को सौंपे गए…….. कुल 275 मृतकों में से 247 की पहचान 22 जून तक डीएनए टेस्ट के जरिए हो चुकी थी……… और 232 शव परिजनों को सौंपे जा चुके थे……

डीएनए टेस्टिंग की प्रक्रिया में 250 से अधिक रक्त के नमूने लिए गए…….. जिनमें से 62 का मिलान 16 जून तक हो चुका था……. 8 शवों की पहचान बिना डीएनए टेस्टिंग के की गई……. क्योंकि ये शव अपेक्षाकृत सही हालत में थे……. हालांकि कुछ मामलों में डीएनए सैंपल का मिलान नहीं हो पाया…….. जिसके लिए अन्य रिश्तेदारों से सैंपल मांगे गए……

24 जुलाई को मलबा हटाने के दौरान 26 मृतकों के अवशेष बरामद किए गए…….. ये अवशेष उन मृतकों के थे……… जिनके शव पहले ही डीएनए मिलान के बाद उनके परिजनों को सौंपे जा चुके थे…….. इन अवशेषों की पहचान डीएनए टेस्टिंग के जरिए की गई…… जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने संबंधित 26 परिवारों से संपर्क किया…….

जिसको लेकर अहमदाबाद सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि इन अवशेषों को लेकर परिवारों को दो विकल्प दिए गए……… वे इन अवशेषों को अपने साथ ले जाकर दोबारा अंतिम संस्कार कर सकते हैं……. यदि परिवार ऐसा नहीं करना चाहता……. तो अस्पताल प्रबंधन इनका अंतिम संस्कार कर देगा……. इस संवेदनशील स्थिति में 26 में से केवल 7 परिवारों ने अपने प्रियजनों के अवशेष लेने का फैसला किया…….. और दोबारा अंतिम संस्कार किया……. शेष 19 अवशेषों का अंतिम संस्कार अस्पताल प्रबंधन ने 24 जुलाई को किया…….

वहीं इस प्रक्रिया ने न केवल पीड़ित परिवारों के दुख को फिर से हवा दी…….. बल्कि हादसे की भयावहता को भी सामने लाया…….. कई परिवारों ने बताया कि यह उनके लिए एक भावनात्मक और मानसिक आघात था…….. क्योंकि उन्हें अपने प्रियजनों के अवशेषों को दोबारा देखना और अंतिम संस्कार करना पड़ा………

हादसे के बाद एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया…….. ब्रिटेन के कुछ परिवारों ने दावा किया कि उन्हें गलत शव सौंपे गए थे……. एक वकील पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहा था……. उसने मीडिया को बताया कि दो ब्रिटिश परिवारों को गलत अवशेष भेजे गए……. एक मामले में एक परिवार को एक ताबूत में दो यात्रियों के अवशेष मिले…….. जिसके कारण उन्हें अंतिम संस्कार से पहले अवशेषों को अलग करना पड़ा…….. एक अन्य परिवार को पता चला कि उनके प्रियजन का शव गलत था…….. जिसके बाद उनके पास दफनाने के लिए कुछ नहीं बचा………

हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इस मामले में सफाई दी कि डीएनए सैंपलिंग के बाद शवों को सीलबंद ताबूतों में भेजा गया था……. और इसमें एयरलाइन की कोई भूमिका नहीं थी……. अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने की बात कही…… और गलतियों को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए…..

हादसे के बाद विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने तुरंत जांच शुरू की……. ब्लैक बॉक्स हॉस्टल की छत पर मिला……. उसको बरामद कर लिया गया……. इस ब्लैक बॉक्स के जरिए हादसे के अंतिम क्षणों की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है…….. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि विमान के दाहिने इंजन को मार्च 2025 में बदला गया था……. और जून 2023 में इसकी विस्तृत मेंटेनेंस जांच की गई थी…….. कुछ विशेषज्ञों ने ईंधन में मिलावट की आशंका जताई……… जिसके कारण विमान को उड़ान भरने के लिए पर्याप्त शक्ति नहीं मिली…….. हालांकि यह केवल एक प्रारंभिक धारणा है…….. और जांच पूरी होने के बाद ही सटीक कारणों का पता चलेगा…….

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के प्रोटोकॉल के अनुसार की जा रही है……. इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है…….. जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ शामिल हैं……. बोइंग, जिसने इस विमान का निर्माण किया था……… और ब्रिटेन की एयर एक्सिडेंट्स इनवेस्टिगेशन ब्रांच भी जांच में सहयोग कर रही हैं…….

इस हादसे ने कई परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई……. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस हादसे में मारे गए…….. उनके शव को उनके परिवार को सौंपा गया……. और राजकोट में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया……. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह……… और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया……. पीएम मोदी ने सिविल अस्पताल का दौरा किया……. और घायलों व पीड़ित परिवारों से मुलाकात की……. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हादसे की सच्चाई जानने के लिए ब्लैक बॉक्स की जांच पर जोर दिया और मुआवजे की मांग की……

एयर इंडिया ने भी एक बयान जारी कर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की……. और हर संभव सहायता का वादा किया…….. एयरलाइन ने अपनी बोइंग 787 फ्लीट की सुरक्षा जांच शुरू की…… और डीजीसीए के दिशानिर्देशों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई…… अहमदाबाद विमान हादसा न केवल भारत, बल्कि विश्व के लिए एक त्रासदी है……… 26 अवशेषों का दोबारा अंतिम संस्कार इस हादसे की भयावहता…… और पीड़ित परिवारों के दर्द को दर्शाता है…….. डीएनए टेस्टिंग और शवों को सौंपने की प्रक्रिया में पारदर्शिता……. और संवेदनशीलता बरतने की कोशिश की गई…….. लेकिन गलत शव सौंपे जाने के दावों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए……

 

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