नीतीश के बुरे दिन शुरू, बगावत पर उतरे चिराग, इस्तीफा देंगे!
नीतीश कुमार की उल्टी गिनती शुरू.... चिराग बागी बने, इस्तीफा देंगे! NDA में हड़कंप... मोदी-शाह की उड़ी नींद... चिराग ने मानी अपनी गलती...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है……. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ खुली बगावत का ऐलान कर दिया है……. चिराग ने बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला…… और कहा कि उन्हें ऐसी सरकार का समर्थन करने में “शर्मिंदगी” महसूस हो रही है……. और उनके इस बयान ने न केवल बिहार बल्कि दिल्ली तक सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है……… क्या यह एनडीए गठबंधन में दरार की शुरुआत है……. क्या नीतीश कुमार की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है…… हम इस खबर में विस्तार से जानेंगे…..
दोस्तों चिराग पासवान ने बिहार में बढ़ते अपराध……. और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा……. और उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज की स्थिति है……. अपराधी बेलगाम हो गए हैं……. और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है……. मैं ऐसी सरकार का समर्थन करने में शर्मिंदगी महसूस करता हूं…… बता दें कि यह बयान चिराग ने पटना के एक हाई-प्रोफाइल हत्याकांड के बाद दिया…… जिसमें कारोबारी गोपाल खेमका की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी…….. चिराग ने सवाल उठाया कि जब राजधानी पटना में यह हाल है…… तो गांवों की स्थिति क्या होगी…….
बता दें कि चिराग पासवान का यह बयान केवल एक आलोचना मात्र नहीं है……. बल्कि एनडीए के भीतर एक बड़ी बगावत का संकेत माना जा रहा है……. उनके बयान ने न केवल नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया…….. बल्कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी असहज कर दिया…… वहीं सोशल मीडिया पर भी चिराग के इस बयान ने तूफान मचा दिया……. और चिराग पासवान ने बीजेपी की असलियत को उजागर कर दिया……. अब नीतीश की कुर्सी जाना तय है……
नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है……. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग ने नीतीश की जनता दल (यूनाइटेड) के खिलाफ बगावत कर दी थी……. और उन्होंने अपनी पार्टी को एनडीए से अलग कर लिया…… और 35 सीटों पर जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे…… इसका नतीजा यह हुआ कि जेडीयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा……. और वह केवल 43 सीटों पर सिमट गई……. उस समय चिराग ने नीतीश को “कंस” तक कह दिया था……. और दावा किया था कि उनका “चिराग मॉडल” बिहार के विकास के लिए सही है……..
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग और नीतीश ने एकजुटता दिखाई…….. चिराग की पार्टी ने एनडीए के साथ मिलकर पांच सीटों पर जीत हासिल की……. जिसमें हाजीपुर सीट पर नीतीश ने चिराग के लिए प्रचार भी किया……. लेकिन अब चिराग का ताजा बयान इस बात का संकेत देता है कि दोनों नेताओं के बीच की यह एकता ज्यादा दिन नहीं टिकने वाली है……
वहीं चिराग के इस बयान पर बीजेपी की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है….. बीजेपी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है….. लेकिन बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी चिराग और नीतीश के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है……. बीजेपी के लिए नीतीश कुमार बिहार में गठबंधन का एक अहम चेहरा हैं……. लेकिन चिराग पासवान को भी नजरअंदाज करना आसान नहीं है……. चिराग की पार्टी के पास पांच सांसद हैं……. और उनकी दलित वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है…….
सियासी जानकारों का मानना है कि चिराग की यह बगावत बीजेपी की रणनीति का हिस्सा भी हो सकती है…….. कुछ लोग इसे नीतीश को कमजोर करने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं…….. आपको बता दें कि बीजेपी को नीतीश की जरूरत तो है…… लेकिन वह उन्हें इतना मजबूत भी नहीं होने देना चाहती कि वह गठबंधन में हावी हो जाएं…….. वहीं चिराग का बयान बीजेपी के लिए एक मौका हो सकता है……
चिराग पासवान ने हाल के महीनों में बिहार की सियासत में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है……. और उन्होंने 2025 के विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है…….. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद भी बिहार से चुनाव लड़ेंगे और यह फैसला जनता करेगी कि वह कहां से लड़ें……… चिराग का यह बयान नीतीश कुमार और जेडीयू के लिए एक बड़ी चुनौती है…….
वहीं चिराग की इस रणनीति के पीछे अपना खुद का बॉस बनना भी हो सकता है….. जो साफ दिखाई दे रहा है…… वह बिहार को नंबर वन प्रदेश बनाने का सपना देख रहे हैं…… और खुद को एक युवा, दलित चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं……. उनके समर्थकों ने भी उनके लिए मुख्यमंत्री पद की मांग शुरू कर दी है…….. पटना में चिराग के समर्थकों ने उनके मुख्यमंत्री बनने के पोस्टर लगाए……… जिसने सियासी हलचल को और तेज कर दिया……
नीतीश कुमार की सेहत और उनकी पार्टी का 2020 का खराब प्रदर्शन पहले से ही उनकी स्थिति को कमजोर कर रहा है……. चिराग की बगावत ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं…… नीतीश के लिए यह स्थिति इसलिए भी चुनौतीपूर्ण है…… क्योंकि वह एनडीए में बीजेपी के सहयोग से सरकार चला रहे हैं……. अगर चिराग अपनी बगावत को और तेज करते हैं…… तो यह गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठा सकता है……
वहीं अब सोशल मीडिया पर भी नीतीश को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं…… एक यूजर ने लिखा कि चिराग पासवान ने नीतीश की उलटी गिनती शुरू कर दी है…… वहीं अब बीजेपी को फैसला लेना होगा कि वह नीतीश के साथ है या चिराग के हैं……
आपको बता दें कि बीजेपी के लिए यह स्थिति किसी तलवार की धार पर चलने जैसी है….. एक तरफ नीतीश कुमार बिहार में गठबंधन का चेहरा हैं…….. और दूसरी तरफ चिराग पासवान की युवा अपील और दलित वोट बैंक को नजरअंदाज करना मुश्किल है……. बीजेपी ने पहले भी चिराग को संदेश देने की कोशिश की थी……. जब उनके चाचा पशुपति पारस को केंद्र में मंत्री बनाया गया था…….. लेकिन अब चिराग की बढ़ती सक्रियता और बयानबाजी ने बीजेपी को सोचने पर मजबूर कर दिया है…….
जानकारी के मुताबिक, एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है…….. जिसमें जेडीयू को 102-103 सीटें…… बीजेपी को 101-102 सीटें और चिराग की पार्टी को 25-28 सीटें मिल सकती हैं……. लेकिन चिराग का 40-50 सीटों का दावा इस फॉर्मूले को बिगाड़ सकता है……
चिराग पासवान की बगावत के बीच उनकी पार्टी में भी अंदरूनी उथल-पुथल की खबरें सामने आई हैं……. खगड़िया जिले में 38 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया…….. जिसने चिराग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं……… इन नेताओं ने खगड़िया सांसद राजेश वर्मा के व्यवहार और नई नियुक्तियों पर आपत्ति जताई…… इससे यह सवाल उठता है कि क्या चिराग अपनी पार्टी को एकजुट रख पाएंगे…….
वहीं अब खासकर राष्ट्रीय जनता दल ने चिराग के बयान का स्वागत किया है……. आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि चिराग पासवान अगर बिहार में चुनाव लड़ना चाहते हैं…….. तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है……. वह सांसदी से इस्तीफा दें और मैदान में उतरें……. विपक्ष का मानना है कि चिराग की बगावत एनडीए को कमजोर करेगी…… जिसका फायदा उन्हें मिल सकता है……..
आपको बता दें कि चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि वह बिहार में एनडीए के साथ ही रहेंगे……. लेकिन उनकी बयानबाजी और रणनीति से यह सवाल उठता है कि क्या वह नीतीश कुमार की जगह लेने की कोशिश कर रहे हैं……. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि चिराग का यह कदम उनकी अपना खुद का बॉस बनने का हिस्सा है……. जिसमें वह खुद को बिहार के अगले बड़े नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं…….
वहीं चिराग ने यह भी कहा है कि वह बिहार के युवाओं को बाहर न जाना पड़े…….. इसके लिए काम करना चाहते हैं…….. उनकी यह अपील बिहार के युवा वोटरों को लुभाने की कोशिश हो सकती है…….. लेकिन सवाल यह है कि क्या वह नीतीश जैसे अनुभवी नेता को चुनौती दे पाएंगे……..
नीतीश कुमार ने अभी तक चिराग के बयान पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है……. लेकिन जेडीयू के नेताओं ने चिराग को जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी…….. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि चिराग पासवान को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए…….. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए मजबूत है……. वहीं जेडीयू के एक अन्य नेता ललन सिंह ने चिराग को “कालीदास” करार दिया था……. जो उस डाल को काटता है……. जिस पर वह बैठा होता है…….. इससे साफ है कि जेडीयू और चिराग के बीच तनाव चरम पर है…….
बीजेपी इस पूरे मामले में संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है…… पार्टी ने पहले भी चिराग को सख्त संदेश दिया था……. जब उनके बयानों को सरकार की लाइन के खिलाफ माना गया था……… लेकिन अब चिराग की बढ़ती सक्रियता और बिहार में उनकी अपील को देखते हुए बीजेपी उनके साथ टकराव मोल लेने से बच रही है……..



