हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर: कुल्लू के सैंज घाटी में भूस्खलन, इतने मकानों को खाली कराया गया
कुल्लू के उपायुक्त तारुल एस. रवीश ने बताया कि सभी प्रभावितों को लोक निर्माण विभाग (PWD) के विश्राम गृह में बनाए गए ट्रांजिट कैंप में शिफ्ट किया गया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी स्थित दुरीधार गांव में शनिवार को भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ।
इस आपदा में कुल 11 मकानों को खाली कराना पड़ा और लगभग 20 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। कुल्लू के उपायुक्त, तारूल एस. रवीश ने बताया कि प्रभावितों को लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में बनाए गए ट्रांजिट कैंप में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि इस आपदा को दौरान प्राथमिकता लोगों की जान बचाना थी, जिसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इसके अतिरिक्त, उपायुक्त ने बताया कि क्षेत्र का तकनीकी मूल्याकंन जल्द ही किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के उपायोंपर विचार किया जा सके।
कुल्लू के उपायुक्त तारुल एस. रवीश ने बताया कि सभी प्रभावितों को लोक निर्माण विभाग (PWD) के विश्राम गृह में बनाए गए ट्रांजिट कैंप में शिफ्ट किया गया है. प्राथमिकता लोगों की जान बचाना था, जो सफलतापूर्वक किया गया. जल्द ही क्षेत्र का तकनीकी मूल्यांकन किया जाएगा.
पहाड़ी का हिस्सा खिसकने लगा, पत्थर गिर रहे थे- पंचायत प्रधान
सैंज पंचायत के प्रधान भगतराम आजाद ने जानकारी दी कि गांव के पीछे की पहाड़ी का हिस्सा खिसकने लगा था और लगातार पत्थर गिर रहे थे, जिससे लोगों में डर का माहौल बन गया. प्रशासन ने समय पर कार्रवाई करते हुए सभी को सुरक्षित निकाल लिया. इस बीच हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 213 सड़कों पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया है. अकेले मंडी ज़िले में ही 140 सड़कें बंद हैं, जिसमें मनाली-कोटाली मार्ग (एनएच-70) प्रमुख है. सैंज को औट से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (305) भी भूस्खलन के कारण केखसू और झेड़ में बंद हो गया है.
अब तक 82 लोगों की मौत, 34 लापता
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, राज्यभर में बारिश से 31 विद्युत ट्रांसफॉर्मर और 141 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. 20 जून से शुरू हुए मानसून के दौरान राज्य में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 82 लोगों की जान जा चुकी है और 34 लोग लापता हैं. इस अवधि में हिमाचल में 42 बार बाढ़, 25 बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इन सबका संयुक्त नुकसान अब तक करीब 1,436 करोड़ रुपये का आंका गया है.
29 जुलाई को भारी बारिश का अलर्ट जारी
इस बीच शुक्रवार शाम से राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई. जाटों बैराज में 33.2 मिमी, पालमपुर में 33 मिमी, मंडी में 26.4 मिमी और शिमला में 8.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई. सुंदरनगर, शिमला और जुब्बड़हट्टी में गरज के साथ तेज बारिश भी हुई. मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों के कुछ हिस्सों में 29 जुलाई को भारी बारिश की संभावना जताई है और ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है.



