संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर जारी बहस, अखिलेश यादव ने सरकार से पूछे कई सवाल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को संबोधित करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों को सफलतापूर्वक ढेर कर दिया गया है। उन्होंने सुरक्षा बलों की बहादुरी और तत्परता की प्रशंसा की।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: संसद में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बहस जारी रही। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को संबोधित करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों को सफलतापूर्वक ढेर कर दिया गया है। उन्होंने सुरक्षा बलों की बहादुरी और तत्परता की प्रशंसा की।

इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बहस में हिस्सा लिया और सेना की बहादुरी की सराहना की, “हमें अपनी फौज पर गर्व है।” लेकिन उन्होंने सरकार की रणनीति पर भी सवाल उठाए, खासकर ‘ऑपरेशन महादेव’ को लेकर। अखिलेश ने पूछा कि आखिर यह ऑपरेशन कल ही क्यों चलाया गया। इसके साथ ही उन्होंने ऑपरेशन की समय सीमा और सीजफायर के कारणों पर भी सरकार से जवाब मांगा। संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा गहराती जा रही है और विपक्ष सरकार से अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहा है।

अखिलेश यादव ने सरकार से पूछा कि ऑपरेशन महादेव कल ही क्यों हुआ है? उन्होंने कहा कि जिन राफेल की नींबू से पूजा की गई थी वो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कितने उड़े थे? सीजफायर होने के बाद ड्रोन भारत की तरफ आ रहे थे. ये सीजफायर क्यों किया गया. हमारी सेना Pok को ले लेती.

कल ही क्यों हुआ ऑपरेशन?
अखिलेश यादव ने कहा कि सेना ने बहुत बहादुरी और पराक्रम, वीरता और अदम्य शौर्य का परिचय दिया, उसके लिए उनको बधाई देता हूं. मैं अभी जो सुन रहा था कि आतंकी मारे गए हैं. मैं भी इसके पक्ष में हूं. राजनीतिक लाभ कौन उठा रहा है.

अखिलेश ने कहा कि ये पूछ रहे हैं कि महादेव ऑपरेशन पर ये बधाई क्यों नहीं दे रहे हैं. पूछना चाह रहा हूं कि सारे राजनीतिक दल आपके साथ थे. एनकाउंटर कल ही क्यों हुआ. जब इतना ही टेक्नोलॉजी और इन सब चीजों को जानते हैं, समझते हैं, तो पुलवामा में जो गाड़ी आरडीएक्स लेकर आई, वो गाड़ी आजतक क्यों नहीं पकड़ी गई?

सीजफायर किसके दबाव में हुआ- अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी फौज दुनिया की सबसे साहसी फौज में से एक है. सेना के शौर्य पर हमें गर्व है.  वैसे तो सरकार के सभी इंजन टकराते दिखते हैं, लेकिन इस विषय पर सभी एक थे. किसी ने कहा कि छह महीने का समय मिल जाए, तो पीओके हमारा. लेकिन इनकी मित्रता बहुत है. इन्होंने अपने मित्र से ही कहा कि आप ही सीजफायर का ऐलान कर दीजिए, हमारा कोई काम नहीं है. क्या वजह थी कि सीजफायर का ऐलान किया गया, किस दबाव में सीजफायर हुआ?

अखिलेश ने कहा कि सरकार जनभावना का फायदा उठाती है. सरकार को यह जरूर बताना चाहिए कि वह क्या क्या कदम उठा रही है, जिससे ऐसी घटना दोबारा नहीं हो. पुलवामा में भी इंटेलिजेंस फेल्योर की बात आई थी, जिम्मेदारी किसकी है ये किसी को नहीं पता. खुफिया तंत्र क्यों नाकाम हो रहा.

चीन से उतना ही खतरा जितना आतंक से- अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का जिस तरह से ढोल पीटा गया, वह भी निंदनीय है. सरकार जवाब दे कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश खड़ा है. हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना आतंकवाद से. सरकार की नीतियां, फैसले ऐसे हैं जो सीमाओं का अतिक्रमण करने वाले की व्यापारिक गतिविधियों में मदद करने वाले हैं.

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