AAP विधायक संजीव झा ने सदन में उठाया सवाल: कहा- जनता की इच्छा का अपमान, संविधान का अपमान है
संजीव झा ने कहा कि कोई भी ऐसा आदेश जिससे विधान मंडल को नीचा दिखाने की कोशिश की जाए, चूंकि जनतंत्र में जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है और जनतंत्र व संविधान में सबसे सुप्रीम जनता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: आप विधायक संजीव झा ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि हमारा संरक्षण आप ही कर सकते हैं. सदन के संरक्षण की जिम्मेदारी और दायित्व विधानसभा अध्यक्ष के हाथ में है. सीएम द्वारा अफसरों को इस तरह का आदेश सदन की अवमानना है. वह सरकार से कहें कि अपना आदेश वापस लें.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने गुरुवार को सदन में दिल्ली सरकार के अफसरों पर फोन नहीं उठाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह एक जिलाधिकारी को फोन कर रहे हैं, लेकिन वह उनका फोन नहीं उठा रहे हैं. संजीव झा ने कहा कि ऐसे तमाम अफसरों को सीएम रेखा गुप्ता द्वारा जारी आदेश का बहाना मिल गया है.
उन्होंने कहा कि यह आदेश पूरी तरह से गलत है. ब्यूरोक्रेसी तो ऐसे ही इंतजार करती रहती है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के काम को रोकने के लिए कैसे कोई बहाना मिल जाए? यह आदेश सदन की अवमानना भी करता है. लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष से अपील है कि वह सरकार को अपना आदेश वापस लेने के लिए कहें.
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. चौथे दिन गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने मुद्दा उठाया कि अगर इस तरह से कार्यकारिणी विधान मंडल को कंट्रोल करने लगेगा, तो जनतंत्र की पूरी परिभाषा ही खत्म हो जाएगी.
संजीव झा ने कहा कि कोई भी ऐसा आदेश जिससे विधान मंडल को नीचा दिखाने की कोशिश की जाए, चूंकि जनतंत्र में जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है और जनतंत्र व संविधान में सबसे सुप्रीम जनता है. ऐसे में जनता की इच्छा का अपमान करना, संविधान का अपमान करने के बराबर है.
चुने हुए जनप्रतिनिधि कैसे अपना काम करेंगे
उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी ऐसे ही इंतजार करती रहती है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के काम को कैसे रोकें? सीएम द्वारा जारी आदेश सिद्ध कर रहा है कि इस आदेश के बाद डीएम, एसडीएम का फोन नहीं उठाने का एक बहाना मिल जाएगा और मेरा फोन डीएम नहीं उठा रहा है. सीएम का आदेश गलत है. सरकार इस आदेश को तत्काल वापस ले.



