गुजरात में CR पाटिल की छुट्टी तय? भूपेंद्र पटेल के दिल्ली दौरे से सियासत तेज!
गुजरात BJP में बड़े बदलाव की आहट... सीआर पाटिल की कुर्सी पर मंडरा रहे सवाल... नया अध्यक्ष कौन होगा? पार्टी के अंदरखाने तेज़ हुई हलचल, कई नाम दौड़ में...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक है….. और इसके संगठन में बदलाव हमेशा चर्चा का विषय रहता है…… इन दिनों गुजरात में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर खूब बातें हो रही हैं…… मौजूदा अध्यक्ष सीआर पाटिल केंद्रीय जल शक्ति मंत्री भी हैं….. उन्होंने अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है…… अब सवाल यह है कि उनकी जगह कौन लेगा……. सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते इस सवाल का जवाब मिल सकता है……
भारतीय जनता पार्टी में समय-समय पर संगठन के बड़े पदों पर बदलाव होते रहते हैं…… ये बदलाव पार्टी को मजबूत करने नई ऊर्जा लाने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए किए जाते हैं……. अभी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल भी चर्चा में है……. लेकिन गुजरात में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर ज्यादा उत्सुकता है……. ऐसा इसलिए क्योंकि गुजरात बीजेपी का गढ़ माना जाता है…… और यहां के संगठन का नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण होता है……
सीआर पाटिल पिछले पांच साल से गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष हैं….. उनके नेतृत्व में पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 182 में से 156 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया…… लेकिन अब, चूंकि वह केंद्रीय मंत्री हैं…… और उन्होंने पार्टी के नियम “एक व्यक्ति, एक पद” के तहत प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जताई है…… यही वजह है कि नए चेहरे की तलाश शुरू हो गई है…….
बीजेपी में अध्यक्ष का चयन एक व्यवस्थित और चरणबद्ध प्रक्रिया से होता है….. इसके लिए संगठन के चुनाव होते हैं……. जो कई चरणों में पूरे किए जाते हैं….. गुजरात में अभी तक संगठन के तीन चरणों के चुनाव हो चुके हैं…… जिसमें बूथ और मंडल स्तर के पदाधिकारी चुने गए हैं….. अब अगले चरण में जिला और शहर अध्यक्षों का चयन होगा….. इसके बाद ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा…….
सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते तक यह प्रक्रिया पूरी हो सकती है…… और नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है…… इस प्रक्रिया में बीजेपी के बड़े नेता, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं……. हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का दिल्ली दौरा और जेपी नड्डा की महासचिवों के साथ बैठक को भी इस चयन प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है….. गुजरात बीजेपी के नए अध्यक्ष के लिए कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं……
बता दें कि मनसुख मांडविया पोरबंदर से सांसद और वर्तमान में केंद्रीय खेल मंत्री हैं….. वह एक मजबूत ओबीसी नेता माने जाते हैं….. उनके नाम की चर्चा इसलिए जोरों पर है क्योंकि वह अनुभवी हैं….. और गुजरात की राजनीति में उनकी अच्छी पकड़ है…… मयंक नायक राज्यसभा सांसद हैं और ओबीसी मोर्चा के नेता हैं…… वह भी ओबीसी समुदाय से आते हैं, और बीजेपी उन्हें एक नए चेहरे के रूप में आगे ला सकती है…… खासकर, उत्तर गुजरात में कांग्रेस की बढ़ती ताकत को देखते हुए मयंक नायक जैसे ओबीसी चेहरे को मौका मिल सकता है……
बता दें कि शंकर चौधरी वर्तमान में गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष हैं…… और उत्तर गुजरात से आते हैं……. वह भी एक प्रभावशाली नेता हैं…… लेकिन उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी के संगठनात्मक पद से इस्तीफा दे दिया था……. फिर भी, उनके नाम की चर्चा हो रही है……. जगदीश विश्वकर्मा गुजरात सरकार में सहकारिता मंत्री हैं और ओबीसी समुदाय से हैं….. उनके नाम पर भी विचार हो रहा है….. पूर्णेश मोदी पूर्व मंत्री हैं और उनके नाम की भी चर्चा है…… वह अनुभवी नेता हैं और पार्टी में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है…… देवुसिंह चौहान खेडा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं…… वह भी ओबीसी समुदाय से हैं और अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं……
इनके अलावा कुछ अन्य नाम, जैसे विनोद चावड़ा और आई के जाडेजा भी चर्चा में हैं….. लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी किसी ऐसे चेहरे को चुनेगी जो संगठन को मजबूत कर सके और स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी को जीत दिलाए….. वहीं गुजरात में जातीय समीकरण राजनीति में हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं…… हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बनासकांठा सीट पर कांग्रेस की गेनीबेन ठाकोर ने हराया….. जो ओबीसी समुदाय की ठाकोर बिरादरी से आती हैं…….. इस हार ने बीजेपी को यह सोचने पर मजबूर किया है कि ओबीसी वोटरों को और मजबूती से जोड़ा जाए……. यही वजह है कि पार्टी किसी ओबीसी चेहरे को अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है…….
हालांकि कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी पर जातीय समीकरण साधने का ज्यादा दबाव नहीं है…… क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी समुदाय से हैं…… फिर भी पार्टी गुजरात में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए एक ऐसे चेहरे को चुनना चाहती है…… जो सभी वर्गों को साथ लेकर चल सके…….. सीआर पाटिल का गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल बहुत सफल रहा है……. उनके नेतृत्व में पार्टी ने न केवल 2022 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल की……. बल्कि स्थानीय निकाय चुनावों और उपचुनावों में भी शानदार प्रदर्शन किया……. पाटिल ने पेज समिति जैसे नए प्रयोगों के जरिए पार्टी को आम जनता से जोड़ा और संगठन को मजबूत किया…….
और उनकी कार्यशैली की खास बात यह थी कि वह आम लोगों की समस्याओं को सुनते थे…… और उन्हें हल करने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करते थे…… उनकी इस मेहनत की वजह से बीजेपी ने गुजरात में अपनी जड़ें और गहरी कीं……. अब नए अध्यक्ष के सामने चुनौती होगी कि वह पाटिल की इस विरासत को आगे बढ़ाए और पार्टी को और मजबूत करे……. गुजरात में बीजेपी का मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से है……. कांग्रेस ने हाल ही में अपने संगठन में बदलाव करते हुए ओबीसी नेता अमित चावड़ा को अध्यक्ष और तुषार चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया है…… वहीं, आप ने भी इसुदान गढ़वी को प्रदेश अध्यक्ष और चैतर वसावा को विधायक दल का नेता बनाया है……
वहीं इन दोनों पार्टियों ने आदिवासी और ओबीसी समुदायों पर फोकस किया है……. जिसके चलते बीजेपी भी अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है…… खासकर, बनासकांठा में कांग्रेस की जीत के बाद बीजेपी सतर्क हो गई है…… और वह चाहती है कि नया अध्यक्ष ऐसा हो जो इन समुदायों को पार्टी के साथ जोड़ सके…… गुजरात में जल्द ही जूनागढ़ नगर निगम, 66 नगर पालिकाओं और तीन तहसील पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं…… इन चुनावों में बीजेपी की जीत बहुत जरूरी है…… क्योंकि यह पार्टी की ताकत को दर्शाएगा…… सीआर पाटिल ने पहले ही कह दिया है कि वह इन चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करेंगे…… लेकिन नए अध्यक्ष का ऐलान भी जल्द होने की उम्मीद है…… नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी इन चुनावों में पार्टी को जीत दिलाना…… इसके लिए उसे संगठन को एकजुट रखना होगा और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरनी होगी…….
बीजेपी हमेशा से अपने फैसलों में चौंकाने वाली रणनीति अपनाती रही है……. चाहे वह मुख्यमंत्री का चयन हो या प्रदेश अध्यक्ष का…… पार्टी अक्सर ऐसे नाम सामने लाती है जिनका पहले कोई अंदाजा नहीं होता…… उदाहरण के लिए जब भूपेंद्र पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया…… तो यह कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक था…… ऐसे में यह भी संभव है कि बीजेपी किसी नए और अनपेक्षित चेहरे को अध्यक्ष बनाए……. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी युवा नेताओं को मौका दे सकती है…… जो संगठन में नई जान फूंक सकें……
गुजरात बीजेपी के नए अध्यक्ष का चयन न केवल राज्य की राजनीति को प्रभावित करेगा……. बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका असर दिखेगा……. गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है……. और यहां बीजेपी की मजबूत पकड़ को बनाए रखना पार्टी के लिए बहुत जरूरी है…… नया अध्यक्ष न केवल संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि भविष्य के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा……. इसके साथ ही, अगर बीजेपी किसी ओबीसी चेहरे को चुनती है……. तो यह पार्टी की सामाजिक समावेशिता की रणनीति को और मजबूत करेगा……



