विपक्ष का यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर तीखा प्रहार

मानसून सत्र का दूसरा दिन भी रहा हंगामेदार

  • सांप्रदायिक सौहार्द बिगडऩा सरकार का मोटिव : माता प्रसाद पांडेय

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने निशाने पर रही योगी सरकार। विपक्ष ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान स्कूल मर्जर, फतेहपुर की घटना, शिक्षक भर्ती और पत्रकार सुरक्षा के मुद्दों पर सरकार से तीखे सवाल किए। सत्ता पक्ष की तरफ से संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिए। नेता प्रतिपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करती है। मामले में 10 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंड मिलेगा।
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने फतेहपुर में मकबरे में हुए हंगामे की घटना को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि एक पार्टी के नेता ने सात दिन पहले लोगों को आने का आह्वान किया। तय समय पर हंगामा किया। पुलिस उसको संभाल नहीं पाई। सरकार का यह मोटिव हो चुका है कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े। वहीं कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। उन्होंने हत्या, छेड़छाड़, दुष्कर्म और पुलिस के उत्पीडऩ के आंकड़े रखते हुए अपने सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि हर जिले में पर्याप्त फोरेंसिक टीम नहीं है। ऐसे में कैसे आमजन को सुरक्षा मिलेगी। वहीं जलशक्ति मंत्री के बयान पर विधायक इमरान आक्रोशित हो उठे। उन्होंने कहा कि मंत्री झूठे बयान दे रहे हैं। आप फोन करके गांववालों से पूछ लीजिए, यदि पानी पहुंच रहा होगा तो मैं सदन से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने योजना की जांच कराने की मांग की।

हर मंडल में फोरेंसिक लैब बनाने का लक्ष्य : खन्ना

कानून व्यवस्था के सवाल पर जवाब देते हुए मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सैकड़ों मामलों में मिनिमम 22 दिन और अधिकतम 134 दिन के भीतर सजा हुई। इतनी जल्दी न्यायिक प्रक्रिया से किसी भी सरकार में सजा नहीं हुई। वर्तमान में प्रदेशभर में 12 फोरेसिंक लैब काम कर रही हैं। तीन जिलों में काम चल रहा है। बाकी तीन जिलों में जिस दिन जमीन मिल जाएगी, वहां भी फोरेंसिक लैब बना दी जाएगी। हर मंडल में फोरेंसिक लैब बनाने का लक्ष्य है।

बीबी की कसम खाकर बताइए : स्वतंत्र देव

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा विधायक इमरान अपनी बीबी की कसम खाकर बताइए कि आपके गांव में पानी नहीं पहुंच रहा है। इसका विपक्ष के नेताओं ने विरोध किया। मंत्री ने आगे कहा कि जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, उसने लिखकर दिया है कि 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। यदि काम नहीं हुआ तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

परिषदीय विद्यालयों के मर्जर पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

सपा विधायक ने प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक भर्ती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यदि व्यवस्था ठीक होती तो आज स्कूल मर्जर की जरूरत नहीं पड़ती। इससे पिछड़े और अनुसूचित जाति के बच्चों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल पूछा कि सरकार सरकारी स्कूलों में छह वर्ष की जगह चार वर्ष में बच्चों के नामांकन की व्यवस्था कराएगी या नहीं ? सरकार प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती करेगी नहीं या नहीं?

सदन में गूंजी फतेहपुर की घटना, विपक्ष का वॉकआउट

सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। शुरुआत में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने फतेहपुर जिले में मकबरे में हिंदू संगठनों के हंगामे की खबर पर बहस की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से आश्वासन मिला। विपक्ष के हंगामे और वाक आउट के बीच प्रश्नकाल और शोक संदेश पढऩे के साथ पहले दिन की कार्यवाही पूरी की गई।

1992 दोहराना चाहती है योगी सरकार : चंद्रशेखर आजाद

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इसे यूपी सरकार की सहमति से हुई घटना बताया है। उन्होंने इसे सरकार और कानून व्यवस्था की नाकामी कहा है। चन्द्र शेखर ने कहा कि इतनी बड़ी घटना एलानिया हो गयी, पुलिस, इंटेलिजेंस और एलआईयू कहां थी। चंद्रशेखर आजाद ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान माननीय सांसदों के लिए भारी बैरिकेडिंग की गई, लेकिन फतेहपुर में हंगामा करने वालों के लिए कोई रोक नहीं थी। उन्होंने इसे सरकार की खुली छूट करार दिया। उनका कहना है कि यह सब सोचा-समझा कदम है, जैसा 1992 में हुआ था, ताकि बुनियादी मुद्दों-रोटी, कपड़ा, मकान, स्कूल बंदी, और बाढ़-से ध्यान भटकाया जा सके।

बेजुबान जानवर मिटाने की चीज नहीं है: राहुल

  • सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों के आदेश पर नेता प्रतिपक्ष ने दी प्रतिक्रिया
  • कांग्रेस सांसद बोले- अधिकारी क्रूरता किए बिना सार्वजनिक सुरक्षा करें सुनिश्चित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस फैसले को दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान आधारित नीति से पीछे हटना बताया है। राहुल ने कहा कि इन बेजुबान जानवरों को मिटाया नहीं जा सकता। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे शेल्टर होम, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल को अपनाएं। इससे क्रूरता किए बिना सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
कुछ लोग इसे राहत बता रहे हैं, तो कुछ इसे गलत बता रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी राय रखी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश, दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान आधारित नीति से पीछे हटना है। उन्होंने कहा कि ये बेजुबान जानवर मिटाने की चीज नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की सडक़ों से सभी आवारा कुत्तों को हटाया जाए। उन्हें शेल्टर होम में रखा जाए। ये आश्रय घर दिल्ली सरकार, एमएसीडी, एनडीएमसी और नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के अधिकारी बनाएंगे। कोर्ट ने कहा कि समाज को सुरक्षित महसूस होना चाहिए। सडक़ पर कोई आवारा कुत्ता नहीं घूमना चाहिए।

आवारा कुत्तों को लेकर छलका मेनका गांधी का दर्द

अदालत के फैसले के बाद आवारा कुत्तों पर मेनका गांधी का दर्द छलक उठा है। पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को अदालत का ये फैसला बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कड़ी आलोचना करते हुए इसे आर्थिक रूप से अव्यावहारिक और क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन के लिए संभावित रूप से हानिकारक करार दिया है। मेनका गांधी ने कहा, दिल्ली में तीन लाख आवारा कुत्ते हैं। उन सभी को पकडक़र शेल्टर होम भिजवाया जाएगा। उनको सडक़ों से हटाने के लिए दिल्ली सरकार को 1 हजार या 2 हजार शेल्टर होम बनाने होंगे।क्यों कि ज्यादा कुत्तों को एक साथ नहीं रखा जा सकता। सबसे पहले तो उसके लिए जमीन तलाशनी होगी।

सरकार ने हमारे लोकतंत्र पर कलंक लगाया: उद्धव

  • बोले- भाजपा नेता ने मुझे ईवीएम हैक करके दिखाया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) पर तीखा हमला बोला और उन पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उद्धव ने कहा कि आज पूरी दुनिया ने तानाशाही देखी जब विपक्ष ने ईसीआई के खिलाफ प्रदर्शन किया। हमारी सरकार ने हमारे लोकतंत्र पर कलंक लगाया है। ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में तमाशा किया और कहा कि उन्होंने सुना है कि विपक्षी सांसदों को ईसीआई के पास ले जाने का आश्वासन देकर झूठा हिरासत में लिया गया।
उन्होंने याद दिलाया कि एक भाजपा नेता ने जब शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में थी एक बार उन्हें ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है पर एक प्रेजेंटेशन दिया था। नाम पूछने पर बस इतना कहा, वो अब भी बीजेपी में है। उन्होंने चेतावनी दी कि विपक्ष द्वारा पिछले लोकसभा चुनावों में कथित तौर पर की गई वोट चोरी आगामी बिहार चुनावों में दोहराई जा सकती है। ठाकरे की यह टिप्पणी ऐसे दिन आई है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में लगभग 300 विपक्षी नेताओं को कथित चुनावी धांधली के मुद्दे पर नई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च के दौरान पुलिस ने रोक दिया। गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया। ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र में कथित तौर पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बारे में की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा उनकी पार्टी में कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है जो नहीं चाहता कि वे 2024 के लोकसभा चुनावों में जीतें।

फतेहपुर मकबरा-मंदिर विवाद को गंभीरता से ले सरकार : मायावती

  • बसपा प्रमुख बोलीं – जरूरत हो तो सख्त कदम उठाए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। फतेहपुर में मकबरे के मंदिर होने का दावा करने को लेकर हुए बवाल पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार से अपील की है कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और जरूरत पड़े तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।
उन्होंने एक्स पर बयान जारी कर कहा कि यूपी के जिला फतेहपुर में मकबरा व मन्दिर होने को लेकर चल रहे विवाद व बवाल पर सरकार को किसी भी समुदाय को ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाने देना चाहिये जिससे वहां साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो जाये तथा आपसी भाईचारा व सद्भाव भी बिगड़े। सरकार इस मामले को जरूर गंभीरता से ले तथा जरूरत पडऩे पर सख्त कदम भी उठाये।

एसआईआर पर सुप्रीम सुनवाई शुरू

  • शीर्ष अदालत ने कहा- चुनाव आयोग पूरी तैयारी से आए
  • न्यायिक पीठ बोली- मतदाताओं से जुड़े तथ्यों और आंकड़ों पर सवाल तो किया जाएगा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया कराने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जयमाल्या बागची की पीठ ने राजद नेता मनोज झा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों से सुनवाई शुरू की।
सिब्बल ने तर्क दिया कि एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव आयोग ने दावा किया था कि 12 लोग मृत थे, लेकिन वे जीवित पाए गए, जबकि एक अन्य मामले में जीवित लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि इस तरह के अभियान में कुछ खामियां होना स्वाभाविक है। यह दावा करना कि मृत लोगों को जीवित घोषित किया गया और जीवित लोगों को मृत घोषित किया गया, हमेशा सही किया जा सकता है, क्योंकि यह केवल एक मसौदा सूची है। पीठ ने चुनाव आयोग से कहा कि वह तथ्यों और आंकड़ों के साथ तैयार रहे, क्योंकि कोर्ट प्रक्रिया से पहले मतदाताओं की संख्या, पहले और अब मृतकों की संख्या और अन्य प्रासंगिक विवरणों पर सवाल तो उठाएगा।

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