अलीबाबा 40 चोर का कुनबा है मप्र सरकार: जीतू पटवारी

- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- ईसी ने वोट चोरी में दिया साथ
- न्याय सत्याग्रह के आयोजन पर जुटे दिग्गज नेता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रीवा। कांग्रेस ने बुधवार को रीवा के ऐतिहासिक पद्मधर पार्क में न्याय सत्याग्रह का आयोजन किया, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया और विधायक सेमरिया अभय मिश्रा सहित कई विधायक और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। जीतू पटवारी ने मंच से प्रदेश की भाजपा सरकार को ‘अलीबाबा 40 चोर की सरकार’ बताते हुए कहा कि राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा बिल्कुल सही उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के सभी मंत्री भ्रष्ट हैं और एक भी मंत्री ईमानदार नहीं है।
पटवारी ने कहा, अगर हमारे विधायकों या कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाया गया, तो हम इसी तरह आंदोलन, प्रदर्शन और धरना देंगे। इस अवसर पर कांग्रेस ने कमिश्नर रीवा को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि भाजपा की 22 साल की सरकार किसानों, मजदूरों, युवाओं और व्यापारियों की समस्याओं के समाधान में पूरी तरह विफल रही है। ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश में जंगलराज की स्थिति है। सरकारी जमीनों और विभागों में खुली लूट और भ्रष्टाचार हो रहा है। किसान खाद के लिए परेशान हैं, आवारा पशु फसलें चौपट कर रहे हैं। जनता की आवाज उठाने वालों पर फर्जी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। महिलाओं के साथ अत्याचार और दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। बिजली विभाग की मनमानी से जनता त्रस्त है और सरकार कर्ज पर कर्ज लेकर जनता को बेहाल कर रही है।
राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त की जाए
इस दौरान कांग्रेस की ओर से ज्ञापन में अपनी मांगे रखी गईं। इसमें कानून व्यवस्था दुरुस्त की जाए और अपराधों पर अंकुश लगे। फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं। महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जाए। किसानों को डीएपी और यूरिया तत्काल उपलब्ध कराई जाए और नकली खाद के कारोबार पर कार्रवाई हो। किसानों को 24 घंटे बिजली दी जाए और भारी बिजली बिल से राहत मिले। अस्पतालों में मरीजों को उचित चिकित्सा और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं। नशे के कारोबार पर रोक लगाई जाए। लाडली बहनों को 3000 रुपये हर महीने दिए जाएं।
इलाज कराने बाहर जा रहे लोग
जीतू पटवारी ने रीवा के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यहां के अस्पतालों और डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है, इसलिए वे अपना इलाज बाहर कराते हैं। ज्ञापन देने के दौरान स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई। बैरिकेट तोड़ते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘कमिश्नर मुर्दाबाद’ के नारे लगाए और कार्यालय के अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने स्थिति संभाल ली।



