BJP विधायक के भाई की गुंडई, पार्टी नेता से की जमकर मारपीट

नर्मदा जिले में भाजपा बख्शीपंच मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. धवल पटेल ने आरोप लगाया कि नांदोद से विधायक डॉ. दर्शनाबेन देशमुख...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों नर्मदा जिले की भाजपा में आंतरिक कलह अब पुलिस शिकायत तक पहुंच गई है……… राजपीपला में एक मशाल रैली के बाद, नंदोद की एक महिला विधायक के भाई ने गुजरात भाजपा मुख्यालय कमलम में भाजपा बख्शीपंच मोर्चा अध्यक्ष के साथ कथित….. तौर पर मारपीट की और धमकियां दीं…… जिससे पूरे जिले में गर्म चर्चा शुरू हो गई…… राजपीपला पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार…… नर्मदा जिले में भाजपा बख्शीपंच मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. धवल पटेल ने आरोप लगाया……. कि नांदोद से विधायक डॉ. दर्शनाबेन देशमुख के भाई डॉ. रवि देशमुख ने उन पर हमला किया…… और उन्हें गरुड़ेश्वर में नहीं रहने देने की धमकी दी……

बता दें कि नर्मदा जिला गुजरात का एक महत्वपूर्ण आदिवासी बहुल क्षेत्र है……. जहां भारतीय जनता पार्टी का मजबूत आधार रहा है…… लेकिन हाल के दिनों में पार्टी के अंदर की कलह अब खुलकर सामने आ गई है……. 14 अगस्त को राजपीपला में आयोजित एक मशाल रैली के बाद…….. नंदोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक डॉ. दर्शनाबेन देशमुख के भाई डॉ. रवि देशमुख पर आरोप लगा है….. कि उन्होंने पार्टी के ही एक नेता डॉ. धवल पटेल पर हमला किया…….. यह हमला गुजरात भाजपा के मुख्यालय कमलम में हुआ…….. जहां डॉ. रवि ने कथित तौर पर डॉ. धवल को पीटा…… और उन्हें गरुड़ेश्वर में न रहने देने की धमकी दी…… इस घटना ने पूरे जिले में राजनीतिक चर्चा को गर्म कर दिया है…… राजपीपला पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर…….. यह मामला अब कानूनी जांच के दायरे में आ गया है…….

नर्मदा जिला गुजरात के दक्षिणी हिस्से में स्थित है…… जहां आदिवासी समुदाय की बड़ी आबादी है……. यह क्षेत्र नर्मदा नदी के किनारे बसा है…… और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है…….. राजनीतिक रूप से भाजपा यहां लंबे समय से मजबूत रही है……. 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने नर्मदा जिले की दोनों सीटों- नंदोद और देडियापाड़ा पर कब्जा किया था……. नंदोद से डॉ. दर्शनाबेन देशमुख ने कांग्रेस के उम्मीदवार को 28,202 वोटों के अंतर से हराया था……. लेकिन हाल के वर्षों में पार्टी के अंदर गुटबाजी और टिकट वितरण को लेकर विवाद बढ़े हैं…..

आपको बता दें कि भाजपा में आंतरिक कलह कोई नई बात नहीं है….. गुजरात में कई जिलों में नेता टिकट, पद और प्रभाव के लिए आपस में भिड़ते रहे हैं…… नर्मदा में भी आदिवासी मोर्चा और बख्शीपंच मोर्चा जैसे संगठनों के बीच तालमेल की कमी दिखाई देती है…… बख्शीपंच मोर्चा भाजपा का एक महत्वपूर्ण विंग है……. जो पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा करता है……. जिले में आदिवासी और पिछड़े समुदायों के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा भी कलह का कारण बनती है……. 2025 में लोकसभा चुनावों के बाद स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी में टिकट कटने की अफवाहें तेज हो गई हैं……. ऐसी ही एक अफवाह ने इस घटना को जन्म दिया…..

वहीं पिछले कुछ महीनों में नर्मदा जिले में भाजपा की आंतरिक लड़ाई कई बार सुर्खियों में आई है……. पर-तापी-नर्मदा नदी लिंक प्रोजेक्ट को लेकर आदिवासी समुदाय में विरोध हुआ…….. जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां उलझीं……. इस प्रोजेक्ट को स्थगित करने की घोषणा के बावजूद……. आदिवासी नेता असंतोष जता रहे हैं…… ऐसे में  पार्टी के अंदर की कलह संगठन को कमजोर कर सकती है……. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह कलह नहीं रुकी……. तो आगामी चुनावों में भाजपा को नुकसान हो सकता है…..

इस घटना में तीन मुख्य व्यक्ति डॉ. दर्शनाबेन देशमुख, उनके भाई डॉ. रवि देशमुख और पीड़ित डॉ. धवल पटेल शामिल हैं…… डॉ. दर्शनाबेन देशमुख नंदोद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक हैं…… 1968 में जन्मी डॉ. दर्शनाबेन एक एमडी गाइनकोलॉजिस्ट हैं….. और उन्होंने 2022 के चुनाव में जीत दर्ज की और पार्टी के आदिवासी चेहरे के रूप में जानी जाती हैं…… उनके पति भी डॉक्टर हैं……. डॉ. दर्शनाबेन का राजनीतिक करियर भाजपा के साथ जुड़ा है……. जहां वे महिलाओं और आदिवासी मुद्दों पर काम करती हैं….. इंस्टाग्राम पर वे सक्रिय हैं और पार्टी की गतिविधियों को साझा करती हैं…… इस घटना के समय वे कमलम में मौजूद थीं……. लेकिन उनका कोई सीधा आरोप नहीं है…..

डॉ. दर्शनाबेन के भाई डॉ. रवि एक डॉक्टर हैं…… उनकी भूमिका के बारे में ज्यादा सार्वजनिक जानकारी नहीं है……. लेकिन वे अपनी बहन के राजनीतिक करियर में सक्रिय दिखते हैं……. शिकायत के अनुसार वे टिकट संबंधी अफवाहों से नाराज थे…… और उन्होंने डॉ. धवल पटेल पर हमला किया……. ऐसे मामलों में परिवार के सदस्यों का हस्तक्षेप पार्टी की छवि को प्रभावित करता है…… डॉ. धवल पटेल नर्मदा जिले में भाजपा बख्शीपंच मोर्चा के अध्यक्ष हैं……. डॉ. धवल भी एक डॉक्टर हैं और पार्टी के पिछड़े वर्ग विंग को लीड करते हैं…… उनकी प्रोफाइल में ज्यादा विवरण नहीं मिलते……. लेकिन वे जिले में सक्रिय नेता हैं……. और इस घटना में वे पीड़ित हैं और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज की…..

वहीं इस मामले में एक अन्य व्यक्ति जितेशभाई तड़वी हैं…… जो जिला भाजपा उपाध्यक्ष हैं…… वे रैली में शामिल थे और उन्हें भी धमकी मिली है…… ये पूरा मामला 14 अगस्त को शुरू हुआ…….. जब राजपीपला में भाजपा ने एक मशाल रैली आयोजित की……. यह रैली पार्टी की एकता दिखाने के लिए थी……. लेकिन इसमें ही कलह की शुरुआत हुई……. रैली के दौरान डॉ. रवि देशमुख ने जितेशभाई तड़वी को फोन किया……. फोन पर उन्होंने गाली-गलौज की और टिकट कटने की अफवाह फैलाने का आरोप लगाया……. जितेशभाई ने इनकार किया…… लेकिन डॉ. रवि ने धमकी दी…..

वहीं रैली खत्म होने के बाद, डॉ. धवल पटेल और जितेशभाई कमलम गए……. वहां डॉ. रवि देशमुख ने डॉ. धवल पर हमला कर दिया……. शिकायत के अनुसार उन्होंने डॉ. धवल को पीटा…….. जिससे उनके कंधे और गर्दन पर चोटें आईं……. डॉ. रवि ने कहा कि डॉ. धवल को गरुड़ेश्वर में नहीं रहने देंगे…… और मारने की धमकी भी दी……. डॉ. दर्शनाबेन वहां मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया….. यह हमला पार्टी मुख्यालय में होना और भी गंभीर बनाता है…….. कमलम गुजरात भाजपा का केंद्र है, जहां ऐसी घटनाएं मुश्किल हैं……

15 अगस्त को डॉ. धवल पटेल ने राजपीपला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की…… शिकायत में उन्होंने विस्तार से घटना बताई…… पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है……. अभी तक डॉ. रवि की गिरफ्तारी नहीं हुई है…… लेकिन जांच चल रही है….. गुजरात पुलिस ने कहा कि तथ्यों की जांच की जाएगी…… वहीं यह घटना भाजपा के लिए शर्मनाक है……. पार्टी जो एकता का दावा करती है…… वहां आंतरिक लड़ाई पुलिस तक पहुंचना संगठन की कमजोरी दिखाता है……. नर्मदा जिले में आदिवासी वोट बैंक महत्वपूर्ण है….. अगर कलह बढ़ी तो कांग्रेस या अन्य पार्टियां फायदा उठा सकती हैं……

पर-तापी-नर्मदा प्रोजेक्ट जैसे मुद्दों पर पहले से विवाद है…… 11 अगस्त को कांग्रेस और भाजपा में इस पर बहस हुई……. ऐसे में आंतरिक कलह पार्टी को और कमजोर कर सकती है…….. विशेषज्ञ कहते हैं कि भाजपा उच्च नेतृत्व को हस्तक्षेप करना चाहिए….. जिले में यह घटना गर्म चर्चा का विषय बनी है……. सोशल मीडिया पर लोग भाजपा की एकता पर सवाल उठा रहे हैं……. पार्टी सदस्यों ने सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया…… लेकिन अंदरूनी सूत्रों के अनुसार गुटबाजी बढ़ रही है….. गुजरात में भाजपा की कलह पहले भी देखी गई है……. 2024 में वलसाड से धवल पटेल को टिकट मिलने पर विवाद हुआ….. नर्मदा में आदिवासी मुद्दे हमेशा संवेदनशील रहे हैं…..

 

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