ईडी की रेड से दिल्ली की सियासत हुई लाल

- एक बार फिर विपक्ष के नेता निशाने पर
- पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज पर कार्रवाई, भड़के केजरीवाल
- आप संयोजक बोले – आवाज दबाने की कोशिश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मानूसन की बारिश भले ही थम रही हो लेकिन ईडी के छापे की कार्रवाई की जद में कोई न कोई विपक्षी नेता आ ही जाता है। ताजा मामला एनसीआर रीजन में दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज से जुड़ा है। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के 13 ठिकानों पर आज सुबह से ईडी की छापेमारी चल रही है। आप नेता के घर पर भी प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है।
जांच एजेंसी की यह कार्रवाई दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में सरकारी अस्पतालों के निर्माण से संबंधित हजारों करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले को लेकर की जा रही है। दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच ने आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान अस्पतालों से जुड़ी एक परियोजना में बड़े पैमाने पर पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज व सत्येंद्र जैन के खिलाफ जून में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया था। जुलाई के महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में केस दर्ज किया।
आग बबूला हुए केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल छापेमारी से भड़क गये हैं और उन्होंने केन्द्र सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार आवाज को दबाना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल एक्स पर लिखा है कि सौरभ भारद्वाज के घर ईडी की रेड सरकार की ओर से एजेंसीज के दुरुपयोग का एक और मामला है। सरकार आम आदमी पार्टी के पीछे पड़ गई है। जिस तरह आप को टारगेट किया जा रहा है ऐसे इतिहास में किसी पार्टी को नहीं किया गया।
विपक्षी नेताओं ने छापेमारी की टाइमिंग पर उठाए सवाल
विपक्षी नेताओं ने ईडी की इस र्कारवाई की टाइमिंग पर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस का कहना है कि पिछले 8 सालों में ईडी की ज्यादातर कार्रवाइयां विपक्षी दलों पर ही केंद्रित रही हैं। 95 फीसदी से ज्यादा छापेमारी गैर भाजपा नेताओं पर की गयी है। बीजेपी से जुड़े नेताओं पर कार्रवाई नगण्य रही या फिर अदालत से राहत मिल गई। चुनावी साल आते ही ईडी की सक्रियता और बढ़ जाती है।
विपक्ष की ताकत से मोदी सरकार को लगता है डर : आतिशी
आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि यह सब राजनीति से प्रेरित है। मोदी सरकार को विपक्ष की ताकत से डर लगता है। जब-जब दिल्ली सरकार जनता के मुद्दे उठाती है तब-तब ईडी/सीबीआई हमारे दरवाजे पर भेज दी जाती है।
जानबूझकर की गयी देरी: विजेन्द्र गुप्ता
भाजपा नेता विजेन्द्र गुप्ता का आरोप है कि इन परियोजनाओं में जानबूझकर देरी की गयी ताकि भ्रष्टाचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि 94 पॉलिक्लिनिक की योजना 168 करोड़ में बनी थी लेकिन 220 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी सिर्फ 52 पॉलिक्लिनिक ही बन पाए। वित्तीय पारदर्शिता से बचने के लिए हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम को भी जानबूझकर रोका गया और कम लागत वाले एनआईसी के ई-हॉस्पिटल जैसे विकल्पों को नजरअंदाज किया गया। मामले की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो ने मई में खुलासा किया है कि परियोजनाओं की लागत बढ़ाई गई, उसमें जानबूझकर देरी की गई। साथ ही फंड का दुरुपयोग भी किया गया, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।
‘समय पर पूरी नहीं हुईं योजनाएं’
इस पूरे छापेमारी के पीछे दिल्ली विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की शिकायत है। उन्होंने गुप्ता शिकायत में कहा था कि सितंबर 2021 में 6 महीने में बनने वाले 7 आईसीयू अस्पताल 6,800 बेड, 1,125 करोड़ की लागत से मंजूर हुए थे, लेकिन उसमें जून 2025 तक केवल 50 फीसदी ही काम ही पूरा हुआ और खर्च 800 करोड़ तक पहुंच गया। इसके अलावा एलएनजेपी अस्पताल की नई इमारत की लागत भी 465 करोड़ से बढ़कर 1,125 करोड़ हो गई है। गुप्ता के मुताबिक वर्ष 2018-19 में कुल 5,590 करोड़ रुपये की लगातार से 24 अस्पतालों के निर्माण जिसमें 11 नये और 13 पुराने अस्पतालों का विस्तार शामिल था की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी लेकिन यह परियोजनाएं तय समय तक पूरी नहीं हो पाईं और उनकी लागत भी कई गुना बढ़ गई।




