SIR पर ममता बनर्जी का हमला, कहा- जब तक जिंदा हूं मताधिकार छिनने नहीं दूंगी

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में भाषाई आतंक फैला रही है और SIR का उपयोग मतदाताओं के अधिकार छीनने के लिए किया जा रहा है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस ने प्रस्तावित SIR के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में भाषाई आतंक फैला रही है और SIR का उपयोग मतदाताओं के अधिकार छीनने के लिए किया जा रहा है. अभिषेक बनर्जी ने भी इसकी निंदा की और केंद्र सरकार को चेतावनी दी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद और महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को राज्य में प्रस्तावित SIR के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब-तक वह जिंदा हैं, राज्य के लोगों को मताधिकार किसी को भी छीनने नहीं देंगी. उन्होंने भाजपा पर राज्य में भाषाई आतंक फैलाने का आरोप लगाया. वहीं, अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि SIR को लोगों को सरकार चुनने देने के बजाय “मतदाताओं को चुनने के साधन” के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि वैध मतदाताओं को हटाने के किसी भी प्रयास का नई दिल्ली में विरोध किया जाएगा.

ममता बनर्जी ने कहा कि वे SIR के जरिए वोटिंग अधिकार छीनने की कोशिश कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग किसी और का लॉलीपॉप बजा रहा है. वे 22 लाख प्रवासी मजदूरों को बुलाते हैं, जिनका काम अच्छा है, उन्हें ले जाते हैं, और अब उन पर अत्याचार कर रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि हमारे यहां भी 1.5 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं, हम उन्हें प्रताड़ित नहीं करते. जब चुनाव आता है तो एजेंसियों का दबाव बढ़ जाता है. भाजपा ने कहा था, वे हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, इन 14 सालों में उन्होंने कितने करोड़ लोगों की नौकरियां खा लीं, लेकिन हमने 2 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है. नीति आयोग का कहना है, वित्तीय वर्ष 2022-23 में वार्षिक बेरोजगारी दर केवल 22 प्रतिशत थी, राष्ट्रीय स्तर पर 3.2 प्रतिशत थी.

SIR के खिलाफ होगा प्रदर्शन
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि क्या आप उन लोगों के खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरेंगे जो SIR के जरिए हमारा वोटिंग अधिकार छीनने की कोशिश कर रहे हैं? बंगाल 2026 में राज्य के लोग करारा जवाब देंगे. संविधान ने हर नागरिक को मौलिक अधिकार दिए हैं. उससे छीनने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि पहले लोग सरकार चुनते थे, अब सरकार मतदाता चुन रही है. हमने दिल्ली में लड़ाई लड़ी, हमारी महिला सांसदों, एससी, एसटी, आदिवासी प्रतिनिधियों को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के कृषि भवन से घसीटकर बाहर निकाला.

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम दिल्ली से पैसा भले ही न ला पाए हों, लेकिन हमारी नेता, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 69 लाख जॉब कार्ड धारकों का बकाया चुकाया है. अगर हम यह लड़ाई लड़ सकते हैं, तो हम 10 करोड़ बंगालियों के लिए भी लड़ेंगे, जिन्हें वे बांग्लादेशी कहते हैं. मैं उन लोगों को जवाब दूंगा जो बंगाली का अपमान करते हैं और कहते हैं कि बंगाली नाम की कोई भाषा नहीं है.

अपराजिता बिल वापस किए जाने की आलोचना की
उन्होंने कहा कि अपराजिता विधेयक पारित हुए एक साल हो गया है. राज्यपाल ने अपराजिता विधेयक को रोक दिया है. अभिषेक ने आरजी रेप मामले को लेकर सीबीआई पर फिर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का सम्मान करता हूं जिन्होंने दोषियों को सजा देने के लिए रात में जुलूस निकाला था, लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली कोलकाता पुलिस ने जो 24 घंटे में किया, वो मोदी की सीबीआई एक साल में भी नहीं कर पाई.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार, कैबिनेट और विधानसभा ने अपराजिता विधेयक पारित करके सितंबर के पहले हफ्ते में राज्यपाल के पास भेज दिया था. इतना समय हो गया है कि उस विधेयक को भाजपा, राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भेजने के बाद भी मंज़री नहीं मिली. अब कांग्रेस और सीपीएम इस पर कोई सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं? वे सड़कों पर क्यों नहीं उतर रहे हैं?

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