मराठा आरक्षण आंदोलन समाप्त: मनोज जरांगे ने तोड़ा अनशन, कहा- हम जीत गए है
मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में 5 दिनों से जारी मनोज जरांगे का अनशन खत्म हो गया है. मनोज जरांगे ने मंत्रियों की उपस्थिति में अपने समर्थकों से कहा कि हम जीत गए हैं

4पीएम न्यूज नेटवर्क: मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में 5 दिनों से जारी मनोज जरांगे का अनशन खत्म हो गया है.
मनोज जरांगे ने मंत्रियों की उपस्थिति में अपने समर्थकों से कहा कि हम जीत गए हैं।मराठा आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन आज (मंगलवार, 2 सितंबर) खत्म हो गया. देवेंद्र फडणवीस सरकार के आश्वासन के बाद खुद आंंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने इसकी घोषणा की. जरांगे ने समर्थकों से कहा, ”सब अपने अपने गाव संभल कर जाएं. मुझे अभी अस्पताल जाना पड़ेगा. मैं बाद में आकर सबसे मिलूंगा.” इसके बाद मुंबई के आजाद मैदान में समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया.
राज्य सरकार ने जो 6 मांगे मानी है वो है-
1)-हैदराबाद गज़ट लागू करने का निर्णय.
2)-सातारा और औंध गज़ट्स की लागू करने की प्रक्रिया (15 दिनों में कानूनी अड़चनें दूर होंगी)
3)-आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आश्वासन.
4)-आंदोलन में मारे गए परिवारों को 15 करोड़ की आर्थिक सहायता और पात्रता अनुसार सरकारी नौकरी.
5)-58 लाख कुणबी नोंदी ग्राम पंचायत स्तर पर लगाई जाएगी.
6)-वंशवली (शिंदे) समिति को कार्यालय और कार्यावधि बढ़ाई जाएगी.
अब भी लंबित / आंशिक रूप से मान्य मांगें
“मराठा-कुणबी एक” का GR – सरकार ने कहा है कि प्रक्रिया शुरू हो गई है, पर अभी लागू नहीं हुआ.
सगे-सोयरे प्रमाणपत्र की छानबीन – इस पर भी प्रक्रिया जारी है, पर निर्णय अंतिम नहीं.
मतलब, जरांगे पाटिल की 8 में से 6 मांगे सरकार ने मान ली हैं, और बाकी 2 पर प्रक्रिया जारी है.
हैदराबाद गैजेट क्या है?
यह हैदराबाद रियासत सरकार की अधिसूचना (Gazette Notification) है. इसमें कुनबी (किसान जाति) को सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग बताया गया था. आंदोलनकारियों का दावा है कि मराठा = कुनबी है, इसलिए अगर कुनबी को OBC में मान्यता मिली थी, तो मराठों को भी उसी श्रेणी में रखा जाना चाहिए. इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और आंदोलनकारियों दोनों से कड़े सवाल किए.
मराठा आरक्षण पर देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट उप समिति के प्रमुख और मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मुलाकात की. मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को मराठा समुदाय को कुनबी का एक हिस्सा बताने वाला सरकारी आदेश (जीआर) जारी करने के लिए दो महीने का ‘अल्टीमेटम’ दिया.
केस होंगे वापस
मनोज जरांगे ने कहा, ”महाराष्ट्र सरकार ने अगर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सरकारी आदेश जारी कर दिया तो आज रात नौ बजे तक मुंबई से रवाना हो जाऊंगा.” मनोज जरांगे ने मंत्रियों की उपस्थिति में अपने समर्थकों से कहा कि ‘‘हम जीत गए हैं.’’ इसके साथ ही मनोज जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का वादा किया है.
हाई कोर्ट ने कहा कि आंदोलन के चलते कई नियमों का पालन नहीं किया गया. यह भी देखा गया कि लोगों ने गाड़ियां कहीं भी खड़ी थी जिसकी वजह से ट्रैफिक की समस्या हुई मुंबई के लोगों को इसका सामना करना पड़ा. कोर्ट में राज्य सरकार को भी कहा कि आपने स्थिति को इस हद तक क्यों आने दिया. आपने क्या कुछ किया ताकि ट्रैफिक ना हो, लोग गाड़ी यहां वहां ना लगाएं.
मराठा आंदोलनकारियों ने कल रात आज़ाद मैदान में धरना जारी रखने के लिए पुलिस से अनुमति बढ़ाने की मांग की थी, जिसे मुंबई पुलिस ने आज सुबह खारिज कर दिया. इसके बाद आंदोलनकारियों ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जहां उनकी ओर से एडवोकेट सतीश मानशिंदे पेश हुए.
क्या कदम उठाए- हाई कोर्ट
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आंदोलनकारियों से पूछा कि जब 60 हजार से 1 लाख लोग शहर में पहुंचे तो उन्होंने क्या कदम उठाए. मानशिंदे ने कहा कि उन्होंने मीडिया के जरिए अपील की और लोगों को गाड़ियां हटाने और शहर से बाहर जाने को कहा. हालांकि, कोर्ट इस जवाब से संतुष्ट नहीं दिखा और साफ कहा कि “अगर तुरंत जगह खाली नहीं हुई तो 3 बजे के बाद हम सख्त कार्रवाई करेंगे.”
राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल डॉक्टर बीरेंद्र सराफ ने दलील दी कि पुलिस लगातार भीड़ हटाने की कोशिश कर रही है. जगह-जगह लाउडस्पीकर से घोषणाएं की गईं और कई वाहनों को हटाया भी गया. सरकार ने कोर्ट को बताया कि उनके पास कार्रवाई के फोटो और वीडियो सबूत मौजूद हैं.
लेकिन कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि केवल फोटो और वीडियो पर्याप्त नहीं हैं. कोर्ट ने टिप्पणी की कि “आपने स्थिति को इस स्तर तक पहुंचने क्यों दिया? अगर आदेश की अवहेलना हुई तो कठोर कदम उठाए जाएंगे.” अब इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी.



