नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने जीएसटी दरों पर केंद्र से किए अहम सवाल

उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई को एक पत्र लिखकर देश की सभी अदालतों में बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लगाना अनिवार्य करने की मांग की है। चंद्रशेखर आज़ाद ने अपनी यह मांग सोशल मीडिया पर साझा की है, जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा हो रही है।
पत्र में क्या हैं मुख्य बिंदु?
सांसद ने अपने पत्र में कहा है कि बाबासाहेब ने ही हमें वह संविधान दिया, जिस पर हमारी न्यायपालिका खड़ी है और जो हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर सिर्फ एक महान विधिवेत्ता (jurist) नहीं थे, बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और समान न्याय प्रणाली के मार्गदर्शक भी थे।
चंद्रशेखर आज़ाद ने तीन मुख्य बातें रखी हैं:
सभी न्यायालयों में बाबासाहेब की तस्वीर लगाई जाए।
यह कदम न्यायपालिका की निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा।
इससे शोषित और वंचित वर्ग को यह संदेश जाएगा कि अदालतें सिर्फ कानून का ही नहीं, बल्कि संविधान निर्माता के विचारों का भी सम्मान करती हैं।
चंद्रशेखर आज़ाद का मानना है कि यह कदम हमारी लोकतांत्रिक और संवैधानिक परंपराओं को और भी मज़बूत करेगा। इस पहल को न्याय व्यवस्था में सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
टैरिफ के खिलाफ केंद्र सरकार से की हस्तक्षेप की मांग
एक अन्य ट्वीट में, चंद्रशेखर आज़ाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ (आयात शुल्क) के कारण भारत के कारीगरों और निर्यातकों पर पड़ रहे बुरे प्रभाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प, फुटवियर और रेडीमेड गारमेंट जैसे उद्योग इस संकट का सामना कर रहे हैं।
सांसद ने कहा कि देशभर में कई बड़ी इकाइयाँ कुशल कारीगरों को काम से निकाल रही हैं, क्योंकि उन्हें ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और जीएसटी परिषद (@GST_Council) से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।
जीएसटी दरों में बदलाव की मांग
चंद्रशेखर आज़ाद ने इस स्थिति से निपटने के लिए कई सुझाव दिए।
हस्तशिल्प और हथकरघा वस्तुओं पर जीएसटी दर को 5% पर तय किया जाए।
₹1000 तक के फुटवियर पर जीएसटी दर को 5% के स्लैब में वापस लाया जाए।
रेडीमेड गारमेंट्स पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% किया जाए।
निर्यातकों को लागत समानीकरण (cost equalization) और ब्याज समानीकरण (interest equalization) जैसी योजनाओं में तत्काल राहत दी जाए।
निर्यातकों को आयकर अधिनियम की पूर्ववर्ती धारा 80HHc की तरह आयकर में छूट दी जाए।
बढ़ी हुई दरों के साथ भारत से MEIS (Merchandise Exports from India Scheme) को फिर से लागू किया जाए।
हस्तशिल्प वस्तुओं के लिए बढ़ी हुई RoDTEP (Remission of Duties and Taxes on Exported Products) और शुल्क वापसी दरें तय की जाएं।



