मणिपुर जा सकते हैं PM मोदी, दौरे से पहले हुआ SoO समझौते का नवीनीकरण

समझौते पर हस्ताक्षर के बाद गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र, मणिपुर और कुकी-जो समूहों के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। राज्य में जातीय हिंसा भड़काने के बाद से यह उनकी पहली मणिपुर यात्रा होगी।

इस महत्वपूर्ण दौरे के पहले केंद्र सरकार ने राज्य में Suspension of Operations समझौते को पुन: नवीनीकृत कर दिया है।इस समझौते से मणिपुर में क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रहेगी. हिंसा के बाद से अभी तक इसका नवीकरण नहीं हो पाया था. इस त्रिपक्षीय समझौते का मकसद मणिपुर में कुकी उग्रवाद को नियंत्रित करना और शांति स्थापित करना है.

केंद्र और मणिपुर सरकार ने कुकी उग्रवादी समूहों के साथ अगस्त 2008 में एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसका मुख्य उद्देश्य कुकी उग्रवादी समूहों के साथ राजनीतिक संवाद शुरू करना और हिंसा को समाप्त करना है. समझौता एक साल के लिए होता है, जिसे हर साल बढ़ाया जाता है. 2008 से इसे नियमित रूप से बढ़ाया जाता रहा है. मगर हाल के वर्षों में इसको लेकर विवाद काफी बढ़ गया था.

साल 2023 में मणिपुर सरकार ने कुकी नेशनल आर्मी और जोमी रिवॉल्यूशनरी आर्मी के साथ इस समझौते से वापसी की घोषणा की. वहीं, पिछले साल मणिपुर विधानसभा में इस समझौते को केंद्र सरकार से खत्म करने की बात कही गई. मणिपुर के लिए पिछले दो साल काफी बुरे हैं. पूरा मणिपुर हिंसा की चपेट में रहा. इस कारण इसका रिन्यू नहीं हो पाया. मगर अब चीजें पटरी पर लौट रही हैं.

PM मोदी के दौरे से पहले यह समझौता
प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर दौरे से पहले यह तीनों पक्षों में यह समझौता हुआ है यानी इसे फिर से रिन्यू किया गया है. इस समझौते के जरिए तीनों पक्षों ने मणिपुर में स्थायी शांति और स्थिरता लाने पर सहमति व्यक्त की. इसके अलावा नेशनल हाइवे- 2 को खोलने और उग्रवादी शिविरों को शिफ्ट करने को लेकर भी सहमति बनी.

समझौते पर हस्ताक्षर के बाद गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र, मणिपुर और कुकी-जो समूहों के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए. कुकी-जो समूहों के साथ समझौते के तहत मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखा जाएगा. यह समझौता कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट के तहत 25 कुकी उग्रवादी समूहों के साथ लागू है, जो मणिपुर में लगभग 30 कुकी उग्रवादी समूहों में से हैं.

इस त्रिपक्षीय समझौते की शर्त ये है कि न तो सुरक्षा बल और न ही उग्रवादी समूह कोई ऑपरेशन शुरू करेंगे. इसी तरह इसकी अपनी कानूनी बाध्यता भी है. कुकी-जो समूह भारत के संविधान, कानूनों और मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता का पालन करेंगे.

आपको बता दें,कि मणिपुर में 3 मई 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी. हिंसा की शुरुआत मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में हुई थी. तब से अब तक इस हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई जबकि हजारों लोग घायल हुए. 21 महीने की हिंसा के बाद राज्य में फरवरी में राष्ट्रपति शासन लगाया गया. अगस्त में इसे और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया.

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