अवधेश प्रसाद का EC पर बड़ा आरोप, कहा- सच्चाई को छुपाया गया
अवधेश प्रसाद ने कहा कि चुनाव आयोग का यह बयान दबाव में लिया गया है. हमारे नेता अखिलेश यादव द्वारा जिन 18,000 नामों के कटने में प्रार्थना पत्र दिया गया था,उसे झूठा ठहराना तथ्यहीन है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: अवधेश प्रसाद ने कहा कि चुनाव आयोग का यह बयान दबाव में लिया गया है. हमारे नेता अखिलेश यादव द्वारा जिन 18,000 नामों के कटने में प्रार्थना पत्र दिया गया था,उसे झूठा ठहराना तथ्यहीन है.
समाजवादी पार्टी के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कथित तौर पर 18,000 वोट कटने के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग के जवाब पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चुनाव आयोग के बयान को सरासर झूठा, सत्यों से विपरीत और सत्ता से परे करार दिया है. अवधेश प्रसाद ने मांग की है कि इस मामले में न्यायिक जांच कराई जाए और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश की देखरेख में एक समिति गठित की जाए.
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि चुनाव आयोग का यह बयान दबाव में लिया गया है. हमारे नेता अखिलेश यादव द्वारा जिन 18,000 नामों के कटने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया गया था, उसे झूठा ठहराना तथ्यहीन है. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सच्चाई को छुपाने की कोशिश की है और सत्ता के दबाव में काम किया है. प्रसाद का मानना है कि अगर इस मामले की गहन जांच होगी, तो चुनाव आयोग का बयान झूठा और गलत साबित होगा.
न्यायिक जांच की मांग
सपा सांसद ने मांग की कि इस मामले में न्यायिक जांच की जाए और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित की जाए. उन्होंने कहा कि यह मामला केवल सपा का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का है. चुनाव आयोग को अपनी विश्वसनीयता साबित करनी होगी. प्रसाद ने यह भी कहा कि अगर जांच होगी, तो सच्चाई सामने आएगी और चुनाव आयोग के दावों की पोल खुल जाएगी.
क्या था पूरा मामला ?
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने आरोप लगाया था कि मतदाता सूची से 18,000 नाम काटे गए, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ. अखिलेश यादव ने हालिया s एवोत चोरी के मुद्दे के तहत उठाया गया था. चुनाव आयोग ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि नाम काटे गए वोटर या तो दोहराव वाले थे या मृत थे. हालांकि, सपा ने इस जवाब को असंतोषजनक बताया और अब न्यायिक जांच की मांग की है.



