बिहार में इतने लाख मतदाता सूची से बाहर, अभिषेक मनु सिंघवी ने उठाए SIR पर गंभीर सवाल

अभिषेक मनुन सिंघवी ने कहा कि इस बार अचानक जून के अंत में चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया शुरू कर दी.यह बिना किसी सूचना या चेतावनी की .

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी और आधार कार्ड को अनदेखा करने का आरोप लगाया है. सिंघवी ने कहा कि 65 लाख मतदाताओं को सूची से हटाए जाने का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लॉ, ह्यूमन राइट्स व RTI विभाग के चेयरमैन अभिषेक मनु सिंघवी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, ऐसे में उसे क्या आवश्यकता है कि जब कोर्ट कोई निर्देश दे, तब वे कदम उठाएं? उन्हें बिहार में SIR के मामले में स्वयं ही काम करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कोर्ट कचहरी आदेश दे, तब चुनाव आयोग कदम उठाए. चुनाव आयोग ने खुद कदम क्यों नहीं उठाएं?

उन्होंने कहा कि SIR के मामले में चुनाव आयोग ने शुरुआत से ही जनता को विश्वास में नहीं लिया. चुनाव आयोग ने यह भी नहीं बताया कि बिहार में पहले जो प्रक्रिया हुई थी, वो लोकसभा चुनाव से एक साल पहले और विधानसभा चुनाव से 2 साल पहले शुरू हुई थी.

अभिषेक मनुन सिंघवी ने कहा कि इस बार अचानक जून के अंत में चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया शुरू कर दी.यह बिना किसी सूचना या चेतावनी की . जब हमने इसपर सवाल पूछा तो इसका जवाब चुनाव आयोग ने आजतक नहीं दिया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और अरुणाचल में इसी मुद्दे पर एसआईआर स्थगित की गई थी. जिस कारणों से पहले नहीं किया. अभी क्यों किया. यह रहस्य नहीं बताया गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने एक पूरी सूची दी कि कब, क्यों और कैसे बिहार में SIR की प्रक्रिया होगी और कौन से दस्तावेज लगेंगे, लेकिन इनमें आधार कार्ड को बाहर रख दिया गया.

आपको बता दें,कि  अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब 65 लाख वोटर लिस्ट से हटाए गए, तब चुनाव आयोग ने इसका कोई कारण नहीं बताया. इसके अलावा- सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों के बाद भी अधिकारियों ने आधार कार्ड को स्वीकार नहीं किया और जिन अधिकारियों ने आधार कार्ड स्वीकार किया, उन्हें ‘कारण बताओ नोटिस’ दे दिया गया. उन्होंने कहा कि राशन, पेंशन, टैक्स में आधार स्वीकार है, तो मतदाता सूची में क्यों इनकार है.

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