बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन रहा है RSV वायरस, हालिया स्टडी में खुलासा

हाल ही में प्रकाशित एक स्टडी में छोटे बच्चों और शिशुओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। इस अध्ययन में सामने आया है किRSV बच्चों के लिए एक बार खतरा बन सकता है, भले ही वे स्वस्थ क्यों न हों।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: हाल ही में प्रकाशित एक स्टडी में छोटे बच्चों और शिशुओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। इस अध्ययन में सामने आया है किRSV बच्चों के लिए एक बार खतरा बन सकता है, भले ही वे स्वस्थ क्यों न हों।

RSV यानी Respiratory Syncytial Virus एक सामान्य वायरस है जो रेस्पिरेट्री सिस्टम यानी नाक, गला और फेफड़ों को प्रभावित करता है. यह ज्यादातर छोटे बच्चों और शिशुओं में सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं पैदा करता है. कई माता-पिता सोचते हैं कि केवल कमजोर या बीमार बच्चे ही इससे प्रभावित होते हैं, लेकिन हाल ही में हुई स्टडी में यह पाया गया है कि स्वस्थ और पूर्ण समय पर जन्मे शिशु भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं, खासकर जन्म के पहले तीन महीनों में. RSV का संक्रमण तेजी से फैल सकता है और शिशुओं में गंभीर मामलों में ICU में भर्ती की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए इस वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए और बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी है.

स्वीडन के Karolinska Institute के शोधकर्ताओं ने 2001 से 2022 के बीच जन्मे 23 लाख से अधिक बच्चों का
डेटा एनालिसिस किया. स्टडी में पता चला कि लगभग 1.7% बच्चों में RSV संक्रमण हुआ और इनमें से लगभग 12% को गंभीर बीमारी हुई. गंभीर मामलों में शिशु या तो ICU में भर्ती हुए या लंबे समय तक अस्पताल में रहे. स्टडी ने यह भी देखा कि तीन महीने से कम उम्र के शिशु सबसे ज्यादा जोखिम में हैं.

इसके अलावा, सर्दियों में जन्म लेना, छोटे भाई-बहन या जुड़वां होना, जन्म के समय कम वजन या किसी पूर्व चिकित्सीय समस्या से पीड़ित होना, ये सभी जोखिम बढ़ाने वाले कारण हैं. स्टडी ने यह भी बताया कि नवजात शिशुओं के लिए प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए टीके RSV से बचाव में मदद कर सकते हैं.

RSV से बचाव कैसे करें?
RSV से बच्चों को बचाने के लिए शुरुआती चेतावनी संकेतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. शिशु में तेज खांसी, सांस लेने में दिक्कत, बुखार या नींद न आना जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें. स्टडी के अनुसार, सभी शिशुओं के लिए, भले ही वे स्वस्थ हों पर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. छोटे बच्चों के लिए, घर में साफ-सफाई, हाथों को समय-समय पर धोना, संक्रमित लोगों से दूरी रखना और घर में धूल-मिट्टी कम रखना मदद कर सकता है.

अगर शिशु में गंभीर लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. RSV के प्रति जागरूकता फैलाना भी
जरूरी है ताकि माता-पिता समय रहते अपने बच्चों की देखभाल कर सकें. यह वायरस आम है, लेकिन सावधानी
और समय पर मदद से गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है.

इन चीजों का रखें ध्यान
बच्चों के हाथ और चेहरे को नियमित रूप से साफ रखें. बीमार व्यक्तियों से शिशु को दूर रखें.घर की सफाई और हवा की सफाई का ध्यान रखें. शिशु में खांसी, बुखार या सांस की दिक्कत दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. नवजात शिशुओं के लिए उपलब्ध प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट और टीके का उपयोग करें. सर्दियों में विशेष सावधानी बरतें. बच्चों को धूल-मिट्टी और धुएं से बचाएं.

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