मोदी की अंतिम अग्नि परीक्षा! चुनाव आयुक्त पर उठे सवाल, ‘गुमनाम’ ने खोला वोट चोरी का खेल?

लोकतंत्र पर सबसे बड़ा सवाल! चुनाव आयुक्त पर उठ रहे हैं गंभीर आरोप... क्या मोदी-ज्ञानेश का खेल किसी ‘गुमनाम व्यक्ति’ ने उजागर कर दिया है?

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों भारतीय लोकतंत्र के सबसे संवेदनशील मुद्दों में से एक पर आज फिर सियासी तूफान खड़ा हो गया है.. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे ‘वोट चोरों’ की ढाल बनकर लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं.. कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में कथित तौर पर 5 हजार 994 वोटरों के नाम डिलीट करने की साजिश को आधार बनाकर.. राहुल ने दावा किया कि उनके पास 101 प्रतिशत सबूत हैं.. और उन्होंने इसे ‘हाइड्रोजन बम’ जैसा धमाकेदार खुलासा बताया और सीईसी को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया…

आपको बका दें कि वोट चोरी का यह विवाद केवल आलंद तक सीमित नहीं है.. राहुल ने सॉफ्टवेयर के जरिए बड़े पैमाने पर वोट चोरी की साजिश का जिक्र किया.. जिसमें एक ‘गुमनाम व्यक्ति’ ने कथित रूप से ईवीएम और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी उजागर की.. क्या यह मोदी सरकार की ‘अंतिम अग्नि परीक्षा’ है? क्या चुनाव आयुक्त को इस्तीफा देना पड़ेगा? आइए इस पूरे मामले पर विस्तार से बात करते हैं..

दोस्तों राहुल गांधी ने आज नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई.. यहां उन्होंने एक स्लिक प्रेजेंटेशन दिखाया.. जिसमें कर्नाटक के आलंद क्षेत्र का केस स्टडी के रूप में पेश किया.. राहुल गांधी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है.. वोट चोरी की फैक्ट्री चल रही है.. और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसे छिपा रहे हैं… बता दें कि 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी 2023 में किसी ने 5 हजार 994 वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से डिलीट करने की कोशिश की.. ये वोट ज्यादातर कांग्रेस समर्थक, आदिवासी और गरीब वर्ग के थे..

जिसको लेकर एक बूथ लेवल ऑफिसर को फॉर्म-7 मिला.. जिसमें एक वोटर ‘ए’ का नाम हटाने की मांग थी.. दावा किया गया कि वह व्यक्ति कहीं चला गया है.. लेकिन फॉर्म पर हस्ताक्षर एक अन्य वोटर ‘बी’ के नाम से थे.. संयोग से ‘ए’ बीएलओ का भाई था.. जो अभी भी वहीं रहता था.. जब ‘बी’ से संपर्क किया गया, तो उसने फॉर्म भरने से इनकार कर दिया.. वहीं जांच में पता चला कि ये फॉर्म फर्जी थे.. सभी ऑनलाइन सबमिट किए गए थे.. कांग्रेस की शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई.. केस सीआईडी को सौंपा गया.. लेकिन चुनाव आयोग ने तकनीकी डेटा नहीं दिया.. जिससे जांच रुक गई..

आपको बता दें कि मई 2023 के चुनाव में कांग्रेस ने आलंद सीट 10 हजार 348 वोटों से जीती.. जिसके बाद राहुल गांधी ने दावा करते हुए कहा कि अगर यह साजिश सफल हो जाती, तो भाजपा जीत जाती.. राहुल ने कहा कि एक ‘गुमनाम व्यक्ति’ ने सॉफ्टवेयर हैकिंग के जरिए यह खेल उजागर किया.. और उन्होंने ईवीएम और वोटर रजिस्ट्रेशन सिस्टम में बैकडोर एंट्री का जिक्र किया, लेकिन डिटेल्स नहीं दिए.. और ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सीईसी वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं.. वे मोदी जी के इशारे पर काम कर रहे हैं.. राहुल ने एक हफ्ते में जवाब मांगा, वरना ‘हाइड्रोजन बम’ गिराने की धमकी दी…

आलंद विधानसभा क्षेत्र कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में है.. यह आदिवासी बहुल इलाका है, जहां गरीबी और पिछड़ापन ज्यादा है.. 2023 चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार नारायण राव ने भाजपा के के. एम. नारायण स्वामी को 10 हजार 348 वोटों से हराया.. फरवरी 2023 में बीएलओ को फर्जी फॉर्म-7 मिले.. एक फॉर्म में वोटर ‘ए’ का नाम हटाने की मांग.. लेकिन हस्ताक्षर ‘बी’ के..जिसके बाद ‘बी’ ने इनकार किया.. कि मैंने कोई फार्म नहीं दिया है.. मार्च 2023 में कांग्रेस ने स्थानीय चुनाव अधिकारी को शिकायत की.. जांच में 5 हजार 994 फॉर्म फर्जी पाए गए.. ये सभी सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन सबमिट किए गए थे..

जून 2023 में कर्नाटक पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.. और केस सीआईडी को ट्रांसफर हो गया.. 2024-2025 में सीआईडी ने ईसीआई से आईपी लॉग्स मांगे.. लेकिन ईसीआई ने ‘डेटा गोपनीयता’ का हवाला देकर मना कर दिया… बता दें कि राहुल ने नाम नहीं लिया, लेकिन संकेत दिया कि यह एक गुमनाम व्यक्ति है.. जो सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट है.. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में इसे ‘हैकर’ कहा गया… लेकिन कोई प्रमाण नहीं.. वहीं चुनाव आयोग ऑफ इंडिया ने राहुल के आरोपों को तुरंत खारिज कर दिया.. और कहा कि ये आरोप बेबुनियाद और गलत हैं.. वोटर लिस्ट डिलीशन प्रक्रिया पारदर्शी है.. फॉर्म-7 केवल वेरिफाइड केस में स्वीकार होते हैं.. आलंद में कोई मास डिलीशन नहीं हुई..

आपको बता दें कि राहुल ने कहा कि वोटर लिस्ट से नामों को डिलीट सेट्रलाइज्ड तरीके से किया गया.. और नामों को डिलीट करने के लिए व्यक्ति का नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया.. राहुल ने उदाहरण देते हुए कहा कि इन सीरियल नंबर को देखिए, हर जगह सीरियल नंबर वन है.. सीरियल नंबर वन.. सीरियल नंबर वन का मतलब यह है कि ये बूथ का पहला वोटर है.. एक सॉफ्टवेयर बूथ के पहले नंबर के वोटर को चुन रहा है.. जो भी वोटर लिस्ट में पहले नंबर पर आता है वही डिलीट कर रहा है.. ये सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है.. सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कह रहा है कि सीरियल नंबर 1 को निकालो. और उसकी ओर से डिलीट करो..

राहुल ने कहा कि ये प्लान था और ये सेंट्रलाइज्ड तरीके से किया जा रहा है.. किसी ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जिसने तय किया कि हर बूथ का पहला वोटर नाम डिलीट करने के लिए आवेदक था.. नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि इसी व्यक्ति को राज्य से बाहर का सेलफोन नंबर मिला.. जिसके जरिये वोट डिलीशन का आवेदन फाइल किया गया.. ये किसी निचले स्तर पर नहीं किया गया.. बल्कि इसे कॉल सेंटर पर किया गया.. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन लोगों को मंच पर बुलाया.. जिन्हें कथित तौर पर वोट डिलीशन का आवेदक बनाया गया था.. लेकिन उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी.. राहुल ने कहा कि जिन बूथों पर डिलीशन हुआ वो कांग्रेस वोट के मजबूत केंद्र थे.. राहुल गांधी ने कहा कि ये 2023 के विधानसभा चुनाव के उदाहरण हैं..

आपको बता दें कि राहुल ने कहा कि कर्नाटक में इस मामले पर लगातार जांच चल रही है.. 18 महीने में 18 चिट्ठियां राज्य CID ने चुनाव आयोग को भेजी हैं.. और चुनाव आयोग से कुछ सवाल पूछे हैं.. जैसे कि जिन डेस्टिनेशन IP के जरिये ये फॉर्म्स भरे गए हैं.. उनकी जानकारी दीजिए.. डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स की जानकारी दीजिए जहां से ये आवेदन भरे गए थे.. और सबसे जरूरी हमें OTP ट्रेल के बारे में बताइए क्योंकि जब आप फॉर्म्स भरते हैं तो आपको OTP मिलता है.. बता दें कि 18 महीनों में कर्नाटक CID ने 18 चिट्ठियां चुनाव आयोग को भेजकर पूछा है.. लेकिन चुनाव आयोग इसकी जानकारी नहीं दी है.. क्योंकि इससे इस पूरे मामले का भांडाफोड़ हो जाएगा..

राहुल ने आगे कहा कि उनका हाइड्रोजन बम वाला खुलासा आया नहीं है.. बल्कि आने वाला है.. राहुल गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के दो निर्वाचन क्षेत्रों में वोट चोरी होने का दावा किया.. और उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र में 6 हजार 18 वोटर्स के नाम डिलीट करने की कोशिश की गई.. वोटर्स के नाम डिलीट करने के लिए कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबर्स का प्रयोग किया गया.. और उन्होंने कहा कि वोट डिलीट किया जाता है.. तो विपक्ष को टारगेट किया जाता है.. जिन इलाकों में कांग्रेस मजबूत है.. वहां के वोटर्स को टारगेट किया गया है..

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने कहा कि जो तरीका कर्नाटक के अलंद में प्रयोग में लगाया गया.. महाराष्ट्र में भी उसी सिस्टम के तहत वोटर जोड़े गए हैं.. अलंद में डिलीट किए गए और राजुरा में जोड़े गए.. राहुल गांधी ने दावा किया कि राजुरा में 6 हजार 850 वोटर्स जोड़े गए थे.. राहुल गांधी ने कहा कि गोदा बाई के नाम पर 12 वोटर्स डिलीट किए गए.. और इनको मालूम ही नहीं कि इनके नाम पर वोटर्स डिलीट किए गए.. सवाल ये है कि ये नंबर किसके हैं और किसने ऑपरेट किए.. आईपी एड्रेस क्या था और ओटीपी किसने शेयर किया.. सूर्यकांत नाम के शख्स के नाम से 12 वोटर्स को 14 मिनट में डिलीट कर दिया गया.. बबिता चौधरी के नाम एक वोटर डिलीट किया गया.. जब हमने उनसे पूछा कि आपने ये कैसे किया.. तो उन्होंने बताया कि हमने तो ये किया ही नहीं.. हमको मालूम ही नहीं है..

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वोटर लिस्ट में जो पहले नंबर पर है.. वही वोटर्स डिलीट कर रहा है.. ये सारा काम सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है.. पहले नाम का प्रयोग करके ये हो रहा है.. टारगेटेड डिलीशन किए जा रहे हैं.. जहां पर कांग्रेस सबसे ज्यादा मजबूत थी. उस बूथ को टारगेट किया गया.. 2018 में जिन 10 बूथों में से कांग्रेस 8 पर जीती थी.. इन आठ बूथों पर 6 हजार लोगों को डिलीट करने की कोशिश की गई.. ये प्लान तहत हो रहा है.. और उन्होंने आगे कहा कि हमारे दिगाम में पहले था कि क्या चुनाव आयोग भी सोया हुआ है.. लेकिन नहीं, सोए नहीं हैं, जगे हुए हैं.. ये सब सिस्टम के तहत हो रहा है.. चीफ इलेक्शन कमीशन के बारे में मैंने बोला कि ये शख्स वोट चोरों की रक्षा कर रहा है.. मैं यहां पर जो बोल रहा हूं.. सौ फीसदी सुबूत के साथ बोल रहा हूं…

 

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