हिंडनबर्ग मामले में सेबी से राहत मिलते ही रॉकेट हुए अडानी ग्रुप के शेयर, झटके में हुआ 48,000 करोड़ का फायदा

शुक्रवार का दिन अडानी ग्रुप और उसके निवेशकों के लिए बेहद खास बन गया है, शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों ने जबरदस्त उछाल दिखाया. ये तेजी इसलिए देखने को मिली क्योंकि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों को बिलकुल बेबुनियाद करार देते हुए अडानी ग्रुप को पूरी तरह क्लीन चिट दे दी.
शेयरों में दिखी बंपर तेजी
गुरुवार को सेबी के फैसले के बाद, जब शुक्रवार को शेयर बाजार खुला तो अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर ने तेज रफ्तार पकड़ ली. इस बीच अडानी टोटल गैस ने सबसे ज्यादा छलांग लगाई, जिसके शेयर में 12.57% की बढ़त देखी गई. इसी तरह, अडानी पावर के शेयर करीब 9% चढ़े, जबकि अडानी एंटरप्राइजेज ने लगभग 5.23% की छलांग मारी.
खबर लिखे जाने तक अडानी ग्रुप की कंपनियां जैसे अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में भी 2 से 3% की तेजी आई. एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स, और सांघी इंडस्ट्रीज जैसे सीमेंट स्टॉक्स में भी जोरदार तेजी देखी गई.
अडानी ग्रुप को हुआ 48,612 करोड़ रुपए का फायदा
शेयरों में तेजी के कारण शुक्रवार को अडानी ग्रुप के कंपनियों के मार्केट कैप में भी बढ़त देखने को मिली. इस एक दिन की तेजी के चलते अडानी ग्रुप की कुल मार्केट वैल्यू में लगभग ₹48,612 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है, ये आंकड़ा दिखाता है कि निवेशकों ने सेबी के फैसले का खुलकर स्वागत किया है और उनका भरोसा दोबारा मजबूत हुआ है.
क्या था मामला?
जनवरी 2023 में अमेरिका की रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर बड़े पैमाने पर शेयरों की हेराफेरी, इनसाइडर ट्रेडिंग, और प्रकटीकरण नियमों के उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और ग्रुप का मार्केट कैप लगभग 150 अरब डॉलर तक घट गया था.
नहीं हुआ नियमों का उल्लंघन – सेबी
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने गुरुवार को अडानी ग्रुप को क्लीन चिट देते हुए साफ कर दिया कि अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले. रिपोर्ट में कहा गया कि जिन कंपनियों के जरिए लेन-देन किए गए थे, वे अडानी ग्रुप से जुड़े ‘रिलेटेड पार्टी’ नहीं थे, इसलिए किसी भी आरपीटी (Related Party Transaction) नियम का उल्लंघन नहीं हुआ. सेबी ने यह भी कहा कि अडानी ग्रुप ने समय पर सभी लोन चुका दिए थे और किसी तरह का धोखाधड़ी वाला व्यवहार नहीं पाया गया.

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