अमेरिका के नए टैरिफ फैसले पर प्रियंका चतुर्वेदी का केंद्र पर तंज, कहा- उठो अनारकली..,

प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने पोस्ट के जरिए ट्रंप के नए 100% फार्मा टैरिफ पर बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरा. यह कदम अमेरिकी और भारतीय फार्मा इंडस्ट्री पर असर डाल सकता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कःप्रियंका चतुर्वेदी ने अपने पोस्ट के जरिए ट्रंप के नए 100% फार्मा टैरिफ पर बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरा. यह कदम अमेरिकी और भारतीय फार्मा इंडस्ट्री पर असर डाल सकता है. शिवसेना उद्धव गुट की नेता और राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अमेरिका के नए टैरिफ फैसले को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीखा व्यंग्य किया. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “उठो अनारकली, एक और ट्रंप टैरिफ आ गया है.”

प्रियंका चतुर्वेदी ने पोस्ट के जरिए न सिर्फ ट्रंप के टैरिफ पर ध्यान आकर्षित किया, बल्कि बीजेपी पर भी हमला किया. उनके व्यंग्यपूर्ण अंदाज ने यह संदेश दिया कि केंद्र सरकार को अमेरिका जैसी वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए.सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनकी राय को समर्थन दिया, जबकि कुछ ने जेनेरिक दवाओं और भारतीय निर्यात पर संभावित असर को लेकर चिंता जताई.

प्रियंका का यह संदेश न सिर्फ ट्रंप की लगातार जारी व्यापार नीतियों की ओर इशारा था, बल्कि उन्होंने इसे केंद्र सरकार की विदेश नीति और व्यापारिक तैयारियों पर सवाल उठाने के तौर पर भी पेश किया. उनके पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी.

नया टैरिफ धमाका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है.ट्रंप ने कहा कि यदि कोई कंपनी अमेरिका में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बना रही है यानी “ब्रेकिंग ग्राउंड” या “अंडर कंस्ट्रक्शन” कर रही है, तो उस पर टैरिफ नहीं लगेगा. इसका उद्देश्य अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना और बजट घाटे को कम करना बताया गया है.

भारत अमेरिका को लगभग 30-35% फार्मा निर्यात करता है, जिसकी कुल वैल्यू करीब 30 अरब डॉलर है. इस टैरिफ से बड़ी कंपनियों जैसे सन फार्मा, सिप्ला, डॉ. रेड्डीज, ल्यूपिन और बायोकॉन को सीधा असर पड़ सकता है. हालांकि टैरिफ मुख्य रूप से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर लागू है, लेकिन भारत की कई कंपनियां अमेरिका में ब्रांडेड फॉर्मुलेशन और कॉम्प्लेक्स जेनेरिक्स भी निर्यात करती हैं.

भारतीय शेयर मार्केट भी गिरा
टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय फार्मा शेयरों में गिरावट देखने को मिली. कुछ कंपनियों के शेयर 4% तक नीचे गए, जिनमें सन फार्मा और सिप्ला सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. वैश्विक स्तर पर जॉनसन एंड जॉनसन, एली लिली और मर्क जैसे स्टॉक्स में भी उतार-चढ़ाव हुआ. ट्रंप का “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडा वैश्विक कंपनियों को अमेरिकी मिट्टी पर निवेश करने के लिए मजबूर कर रहा है. भारतीय फार्मा इंडस्ट्री के लिए यह समय रणनीतिक बदलाव का है. यदि भारत समय रहते कदम नहीं उठाता, तो निर्यात बाजार सिकुड़ सकता है. प्रियंका चतुर्वेदी जैसे सांसद इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाकर सरकार और जनता का ध्यान वैश्विक व्यापार की चुनौतियों की ओर खींच रहे हैं.

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