BJP अध्यक्ष का ऐलान! शाह के करीबी को मिली कमान, RSS पर भारी पड़ी गुजरात लॉबी?
भाजपा में बड़ा बदलाव! नए अध्यक्ष के रूप में शाह के करीबी को मिली जिम्मेदारी... नड्डा का भविष्य अधर में, क्या गुजरात लॉबी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों बीजेपी में अध्यक्ष चुने जाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है.. बीजेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ा रही है लेकिन अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार खोजने में नाकाम है.. तमाम राज्यों में बीजेपी ने अध्यक्ष की घोषणा भी कर दी है.. लेकिन तमाम राज्य ऐसे हैं.. जहां पर अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है.. मोदी- शाह ही अब बीजेपी है.. लेकिन अध्यक्ष पद के लिए कोई अछ्छा उम्मीदवार नहीं तलाश पा रही है.. बता दें कि 2024 चुनाव के बाद से मोदी की तानाशाही में कमी आई है.. उनका दबाव पार्टी के ऊपर नहीं रह गया है.. नेता कोई भी बात मान नहीं रहे हैं.. संघ ने भी अब आंख दिखाना शुरू कर दिया है.. और अपने मनमुताबिक उम्मीदवार को अध्यक्ष बनाने की बात कर रहा है.. जिसको लेकर बीजेपी और संघ में रस्साकशी चल रहा है.. इसी बीच बीजेपी ने गुजरात में अध्यक्ष की घोषणा कर दी है..
जी हां दोस्तों बीजेपी अध्यक्ष नहीं तलाश पा रही है.. लेकिन गुजरात में अध्यक्ष का ऐलान कर दिया है.. बता दें कि गुजरात में भी बीजेपी की जमीन खिसक रही है.. और मोदी- शाह का वर्चस्व धीरे- धीरे कम होता जा रहा है.. बीजेपी की साख पर सवाल उठ रहे हैं.. बीजेपी के खिलाफ तमाम समुदायों नाराजगी भरी पड़ी है.. ओबीसी समुदाय सबसे ज्यादा भड़का हुआ है.. जिसको देखते हुए ओबीसी को साधने के लिए बीजेपी ने गुजरात में ओबीसी समुदाय पर दांव खेला है.. और अध्यक्ष पद की कमान जगदीश विश्वकर्मा के हाथों में सौप दी है.. जिससे साफ पता चल रहा है कि अब ओवीसी समुदाय से मोदी प्रेम जाग रहा है.. आपको बता दें कि कांग्रेस ने भी हाल ही में अध्यक्ष पद का ऐसान किया था.. ओबीसी के सबसे बड़े नेता अमित चावड़ा को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी.. बता दें कि अमित चावड़ा गुजरात में ओबीसी समुदाय का सबसे बड़ा चेहरा है.. उनकी ओबीसी समुदाय में अच्छी पकड़ है.. और उनके अध्यक्ष बनते ही.. बीजेपी की जमीन खिसकती हुई दिखाई दे रही थी.. जिसके चलते ओबीसी समुदाय को अपनी ओर खींचने के लिए इस बार ओबीसी दांव चला है..
आपको पता है ही कि मोदी सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.. कभी खुद को भगवान का अवतार बताते है.. तो कभी खुद को भगवान का भक्त बताते है.. और सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं.. और जहां पहुंचते है वहीं का बखान करने लगते हैं.. लेकिन अब समय बदल चुका है.. जनता जाग गई है.. और उनकी जमीन धीरे- धीरे खिसक रही है..जिसको देखते हुए सभी समुदाय को साधने के लिए उसी समुदाय के लोगों को जिम्मेदारी सौंप रही है..
गुजरात में जगदीश विश्वकर्मा अब बीजेपी जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.. गुजरात का आगामी विधानसभा चुनाव भी जगदीश विश्वकर्मा के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.. जिससे ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के इस फैसले से कांग्रेस के संगठन पर प्रभाव पड़ सकता है.. जगदीश विश्वकर्मा (पांचाल) निकोल सीट से विधायक हैं.. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मंत्री जगदीश विश्वकर्मा पहले भी साथ काम कर चुके हैं.. जब जगदीश विश्वकर्मा अहमदाबाद में बीजेपी के जिला अध्यक्ष थे.. तब भूपेंद्र पटेल स्थायी समिति के अध्यक्ष थे.. दोनों ने अहमदाबाद नगर निगम चुनाव में बीजेपी को शानदार सफलता दिलाई थी.. अब दोनों राज्य स्तरीय जोड़ी के रूप में काम करेंगे..
जगदीश विश्वकर्मा (पांचाल) बीजेपी के सीनियर नेता हैं.. उनका का जन्म 12 अगस्त 1973 को अहमदाबाद में हुआ था.. वे साल 2012 में अहमदाबाद शहर के निकोल क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.. इसके बाद, जगदीश साल 2017 में फिर से निकोल क्षेत्र से विधायक बने.. मौजूदा समय में वे भूपेंद्र पटेल सरकार में राज्य मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं.. जगदीश विश्वकर्मा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में स्वतंत्र रूप से सहकारिता, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम, कुटीर, खादी एवं ग्रामीण उद्योग और नागरिक उड्डयन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाल रहे हैं..
निकोल विधयाक जगदीश विश्वकर्मा के राजनीतिक जीवन की बात करें तो वे पहले अहमदाबाद शहर बीजेपी अध्यक्ष के रूप में संगठन में भी योगदान दे चुके हैं.. जगदीश विश्वकर्मा ने पिछले चुनाव में अपने हलफनामे में 29 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी.. यह आंकड़ा उन्हें अहमदाबाद का सबसे अमीर विधायक बनाता है.. उनके पेशे की बात करें तो वे कपड़ा मशीनरी निर्माण, डेवलपर्स और इंफ्रा मार्केटिंग से जुड़े हैं.. अगर उनकी शिक्षा की बात करें तो उन्होंने मार्केटिंग में बीए.. और एमबीए की पढ़ाई की है और उन्हें पढ़ने, तैराकी, बैडमिंटन और समाज सेवा का शौक है..



