कफ सिरप बनी बच्चों की आफत, मौत पर सियासत
बच्चों के मरने पर स्वास्थ्य मंत्री ने ठहराई माताओं की जिम्मेदारी, बेनीवाल ने भाजपा सरकार को घेरा, तमिलनाडु सरकार ने कुछ कफ सिरप पर रोक लगाई

केंद्र सरकार ने भी राज्यों को जारी की एडवाइजरी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। भाजपा शसित राज्य मप्र व राजस्थान में कप सिरप पीने से बच्चों क ी मौत के बाद सियासत गरमा गई। दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हंै। इस घटना के बाद विपक्ष के निशाने पर वहां की सरकारें आ गर्ईं हैं। उधर तमिलनाडु सरकार ने कुछ कफ सिरप पर रोक लगा दी है। इन घटनाओं केबाद केंद्र सरकार ने भी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दिया है।
राजस्थान के सीकर, भरतपुर, बांसवाड़ा और जयपुर समेत कई जिलों में दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौतों ने स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। अब तक कम से कम 2 मासूमों की जान जा चुकी है और कई की हालत बिगड़ी हुई है। सिरप पीने के बाद उल्टी, दस्त, सांस लेने में तकलीफ और किडनी फेलियर जैसे लक्षण सामने आए। भिभावकों का कहना है कि यह दवा सरकारी डॉक्टरों की सलाह पर दी गई थी।

जांच और कार्रवाई की कवायद
घटनाओं के बाद राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने सिरप के 19 बैचों पर रोक लगा दी। ड्रग कंट्रोलर ने उपयोग और वितरण पर तुरंत प्रतिबंध लगाया। स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों व डॉक्टरों को सतर्क रहने की सलाह दी है। तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मामले की निगरानी शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान और विवाद गहराया
इस विवाद के बीच चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि जिन बच्चों की हालत बिगड़ी या जिनकी मौत हुई, उनकी माताओं ने दवा कहीं से खरीदकर या लाकर दी थी। यह हमारे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की सलाह पर नहीं दी गई। जब कोई मां-बाप खुद से दवा लाकर देते हैं, तो विभाग की क्या जिम्मेदारी? यह हमारे दायरे से बाहर है। मंत्री ने आगे जोड़ा कि जांच चल रही है और जयपुर लौटते ही और गहन जांच करवाएंगे। हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने कहा कि अभी मैं कुछ नहीं कहूंगा। विभाग की रिपोर्ट पर ही कार्रवाई होगी। रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की बात होगी। मंत्री के इस बयान को लेकर विपक्ष का कहना है कि निशुल्क दवा योजना के तहत वितरित सिरप पर प्रतिबंध के बावजूद यह बाजार में कैसे पहुंचा, इसकी कोई स्पष्टता नहीं। आरएमएससीएल ने सिरप के बैचों पर रोक लगाई, लेकिन सरकारी केंद्रों पर स्टॉक की जांच में लापरवाही के आरोप लगे हैं। फिर भी मंत्री का बयान सुनकर अभिभावक आक्रोशित हैं।
हनुमान बेनीवाल ने उठाए गंभीर सवाल
नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। बेनीवाल ने सोशल मीडिया और मीडिया ब्रीफिंग में मंत्री खींवसर पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब तो मंत्री जी जाग जाओ। आपको पता ही नहीं कि आपके विभाग में क्या हो रहा है। मंत्री जी को खुद यह मालूम नहीं कि विभाग में क्या चल रहा है। बेनीवाल ने गुर्दे की चोरी के पुराने मामले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कुछ डॉक्टरों को निलंबित किया गया, लेकिन बाद में उन्हें वापस पोस्टिंग दे दी गई। अब यह कप सिरप का मामला। छह माह पहले जिस कंपनी को पूर्ण प्रतिबंध लगाया था, वही कंपनी दूसरा लेबल चिपकाकर बाजार में बेच रही है। यह सब सरकारी संरक्षण के बिना संभव नहीं।
एफआईआर दर्ज करवाकर कड़ी कार्रवाई की जाए
सांसद बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री से अपील की कि ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने तंज कसा कि हां, ठीक बात है कि आपके बड़े-बड़े रोजगार हैं, इसलिए आप भूल जाते हैं। आप राजा हो तो राजा-महाराजाओं को राजनीति नहीं करनी चाहिए, घर बैठना चाहिए।
मोहन यादव बोले-दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कफ सिरप की बिक्री पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया है। इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है. सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सिरप बनाने वाली कंपनी और उसके उत्पादों की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि, छिंदवाड़ा में कोल्डरिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है. इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगाई जा रही है। इस सिरप का उत्पादन तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित फैक्ट्री में किया जाता है। सीएम ने बताया कि सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है।
मप्र में नौ बच्चों ने गंवाई जान
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पिछले दो हफ्तों में किडनी फेल होने से नौ बच्चों की मौत हो गई है। शुरुआत में इन मामलों को मौसमी बुखार माना जा रहा था, लेकिन राजस्थान में भी इसी तरह का मामला सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य अधिकारियों को संदेह है कि अंग विफलता के ये मामले दूषित कफ सिरप के सेवन से जुड़े हैं। इन दुखद घटनाओं के बाद, डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप के कुछ बैचों की तत्काल जांच की गई और राज्य भर में उनके वितरण पर रोक लगा दी गई है।वर्तमान में, सर्दी, बुखार और फ्लू जैसे लक्षणों वाले 1,420 बच्चों की सूची पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यह प्रोटोकॉल तय किया गया है कि दो दिनों से ज्यादा समय तक बीमार रहने वाले किसी भी बच्चे को सिविल अस्पताल में छह घंटे निगरानी में रखा जाएगा। हालत बिगडऩे पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा। प्राइवेट डॉक्टरों को भी निर्देश दिया गया है कि वे वायरल रोगियों का निजी तौर पर इलाज न करें, बल्कि उन्हें सीधे सिविल अस्पताल भेजें। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पीड़ितों पर किए गए पानी और मच्छर-संबंधी परीक्षण सामान्य रहे, और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान को भेजा गया एक नमूना भी सामान्य पाया गया। ष्टस्ढ्ढक्र द्वारा परीक्षण के लिए भेजे गए पानी के नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है।
चिराग बनें मुख्यमंत्री तो हमें सबसे ज्यादा खुशी होगी: पशुपति कुमार
बिहार में एनडीए की स्थिति सही नहीं, बदलेगी सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हाजीपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को अपने भतीजे चिराग पासवान को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर चिराग पासवान बिहार के मुख्यमंत्री बनते हैं तो हमें सबसे ज्यादा खुशी होगी। वह हमारे घर का लडक़ा है, हमारा भतीजा है और इससे बड़ी खुशी हमें और किसको होगी।
पशुपति पारस ने कहा कि मुख्यमंत्री बन जाना अच्छी बात है, लेकिन यह तभी संभव है जब बिहार की जनता चाहेगी। जनता के हाथ में सुप्रीम पावर है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक-एक वोट की अहमियत होती है। एक वोट से ही देश का प्रधानमंत्री, संसद सदस्य और विधानसभा का सदस्य चुना जाता है। एनडीए और महागठबंधन की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की स्थिति सही नहीं है। महागठबंधन के लोग और सामाजिक न्याय से जुड़े दल एकजुट हैं। हालांकि अभी महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। चुनाव की घोषणा के बाद सीटों पर बात होगी।
पारस ने आरोप लगाया कि भारत सरकार के लोग चुनाव आयोग पर दबाव डालकर बिहार में 67 लाख लोगों को मौलिक अधिकार से वंचित कर रहे हैं। यह संविधान की अवहेलना है। इसी दौरान उन्होंने अपने पुत्र यश पासवान को लेकर भी बड़ा बयान दिया। पारस ने कहा कि यश पासवान इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि जहां से वे खुद आठ बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं, उसी अलौली विधानसभा क्षेत्र से यश पासवान चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। वह लगातार क्षेत्र में मेहनत कर रहे हैं। हालांकि पारस ने साफ किया कि अंतिम फैसला पार्टी का होगा और जो भी सीट मिलेगी, उसी से चुनाव लड़ा जाएगा।
बिहार की जनता राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता बहुत राजनीतिक रूप से जागरूक है और यहां लोग हर फैसला सोच-समझकर लेते हैं। इसलिए बिहार की जनता जिसको वोट देगी वही मुख्यमंत्री बनेगा। अगर चिराग पासवान मुख्यमंत्री बनते हैं तो परिवार के लिए यह गर्व और खुशी की बात होगी। उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए तब मतदाता सूची सही थी, फिर अब अचानक एसआईआर (स्पेशल समरी रिवीजन) की जरूरत क्यों पड़ी?
नेताओं को निष्पक्ष होकर बोलना चाहिए
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और हम नेता जीतन राम मांझी के बयान पर भी पशुपति पारस ने प्रतिक्रिया दी। मांझी ने हाल ही में वोटर लिस्ट को गंगाजल की तरह शुद्धबताया था। इस पर जवाब देते हुए पारस ने कहा कि मांझी अभी सरकार में हैं इसलिए सरकार की ही बात करेंगे। लेकिन नेताओं को निष्पक्ष होकर बोलना चाहिए।
मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों को बेकाबू कार ने रौंदा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गाजियाबाद। गाजियाबाद में राकेश मार्ग पर शनिवार तडक़े जबरदस्त हादसा हुआ। बेकाबू कार ने मॉर्निंग वॉक पर निकले कई लोगों को रौंद दिया। इसमें सावित्री देवी 60 वर्ष और 56 वर्षीय मीनू प्रजापति निवासी न्यू कोट गांव की मौत हो गई। जबकि विपिन शर्मा निवासी श्याम विहार कॉलोनी और न्यू कोट गांव निवासी कमलेश शर्मा घायल हो गए।
जिन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कमलेश शर्मा की मौत हो गई। एसीपी उपासना पांडे ने बताया कि कार चालक की पहचान नेहरू नगर निवासी मंजुल के रूप में हुई है। वह भी घायल हुआ है। जानकारी मिली है कि वह बुलंदशहर से लौट रहा था। नींद की झपकी आने की वजह से यह हादसा हुआ।
कार पहले डिवाइडर पर चढ़ी, इसके बाद उसने लोगों को रौंदा। उसकी हालत भी गंभीर बनी हुई है अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उत्तर भारत में भारी बारिश का अलर्ट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत में अक्टूबर की शुरुआत होते ही मौसम ने करवट ले ली है। भारतीय मौसम विभाग ने 4 से 7 अक्टूबर तक देशभर में भारी बारिश, आंधी-तूफान और बर्फबारी की चेतावनी दी है। कई राज्यों में येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों हल्की ठंडक और बादलों के बीच सुहाना मौसम बना हुआ है, लेकिन 6 अक्टूबर से मौसम का रुख बदलने वाला है। इस दौरान तेज बारिश और आंधी-तूफान की संभावना है। मौसम विभाग ने 7 अक्टूबर तक येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश का दौर जारी है. लखनऊ समेत कई जिलों में शुक्रवार रात जोरदार बारिश हुई। शनिवार को भी सुबह से बारिश हो रही है। शहर में जगह-जगह है जलभराव होने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
महाराष्ट्र में साइक्लोन शक्ति का कहर
महाराष्ट्र में साइक्लोन शक्ति के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने 3 से 7 अक्टूबर 2025 तक के लिए हाई अलर्ट जारी किया है. इस चक्रवात की तीव्रता उच्च से मध्यम स्तर की होगी। यह तटीय जिलों के साथ-साथ विदर्भ, मराठवाड़ा और कोकण क्षेत्रों में भारी तबाही मचा सकता है।
विस चुनाव की तैयारियां परखने पटना पहुंचे ज्ञानेश कुमार
केंद्रीय पर्यवेक्षकों केसाथ मुख्य चुनाव आयुक्त ने की बैठक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का एक प्रतिनिधिमंडल आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को पटना पहुंचा। टीम में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी शामिल हैं। चुनाव आयोग आमतौर पर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले ही चुनावी राज्यों का दौरा करता है।
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए राज्य में चुनाव उस तारीख से पहले पूरे होने चाहिए। चुनाव आयोग ने अपने बिहार दौरे की शुरुआत राज्य में मान्यता प्राप्त 12 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके की। इस दौरे को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए, चुनाव आयोग ने ङ्ग पर कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के नेतृत्व में चुनाव आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की चुनावी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज पटना पहुँचा है।
चुनाव आयोग ने सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग आयोजित की, जिन्हें बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ उपचुनावों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया जाएगा। आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में 287 आईएएस अधिकारी, 58 आईपीएस अधिकारी और आईआरएस, आईआरएएस, आईसीएएस और अन्य सेवाओं के 80 अधिकारियों सहित कुल 425 अधिकारी शामिल हुए। पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने उन्हें लोकतंत्र के प्रकाश स्तंभ बताया। उन्होंने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सभी चुनाव कानूनों, नियमों और दिशानिर्देशों से परिचित होने, प्रत्यक्ष क्षेत्रीय जानकारी प्रदान करने और उनका सख्त और निष्पक्ष अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पर्यवेक्षकों को यह भी कहा गया कि वे राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं की शिकायतों का समाधान करने के लिए पूरी तरह से उपलब्ध रहें और मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग द्वारा हाल ही में की गई पहलों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्रों का दौरा करें।



