RTI की 20वीं वर्षगांठ पर जयराम रमेश का हमला, कहा- मोदी सरकार ने पारदर्शिता खत्म की

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने RTI Act के 20 साल पूरे होने पर इसके कमजोर पड़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने RTI Act के 20 साल पूरे होने पर इसके कमजोर पड़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2019 के संशोधनों और Digital Data Protection Actके जरिए इस क्रांतिकारी कानून की पारदर्शिता और जवाबदेही को नष्ट किया है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) 2005 के 20 पूरे होने पर इसके कमजोर पड़ने पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 20 साल पहले यह क्रांतिकारी कानून आया था. हालांकि आज 20 साल बाद इसकी हकीकत कुछ और है. इसका मकसद था कि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जाए.

जयराम रमेश ने कहा कि पहले जब मनमोहन सिंह PM थे तो अधिकार आधारित कानून बनते थे, जिसकी शुरुआत RTI Act से हुई थी, RTI से एक दबाव आया था, जो 2013 तक रहा है. हालांकि 2014 से 2019 तक छेड़छाड़ नहीं हुई, लेकिन 2019 में संशोधन लाया गया. इसका मकसद अधिकारों को कमजोर करना था.

उन्होंने कहा कि जब RTI एक्ट बना था, तो इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजा था, जहां कई जरूरी सिफारिशें दी और मनमोहन सिंह की सरकार ने सारी सिफारिशों को मान लिया. जब कानून पास हुआ तो इन संशोधनों के साथ पारित हुआ था. मोदी सरकार ने 2019 में स्थाई समिति के लिए गए संशोधनों को नहीं माना है.

जयराम रमेश ने बताया कि मोदी सरकार के संशोधन करने के पीछे के भी कई कारण थे. उन्होंने 5 कारणों के बारे में भी बताया है.CIC के मुखिया ने निर्णय दिया कि PM की तथाकथित डिग्री MA in Entire Political Science की जानकारी हासिल होनी चाहिए. ये सनसनीखेज निर्णय था. नाराजगी की पहली वजह यही डिग्री थी.

पीएम ने कहा था कि करोड़ों लोगों का बोगस राशन कार्ड है, लेकिन RTI से पता चला कि ये दावा फर्जी था. ये दावे गलत थे.RTI से निकली गई जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के 4 घंटे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सेंट्रल कमेटी की बैठक में कहा गया था कि नोटबंदी से काले धन और नकली नोटों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. किसी ने RTI में एप्लीकेशन पूछा कि बकायेदारों की सूची दीजिए, तो जवाब आया कि ये सूची PMO में RBI ने भेज दिया है. 20 ऐसे लोगों की जिन्होंने जान बूझकर कर्जा वापस नहीं किया.

किसी ने जानकारी मांगी कि कितना काला धन वापस आया? और RTI से जवाब आया कि कोई काला धन वापस नहीं आया है. सरकार का मकसद RTI को कमजोर करना- जयराम जयराम रमेश ने कहा कि 17 दिसंबर 2019 को मैने मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर SC में चुनौती दी थी, लेकिन 6 साल हो गए आज भी ये मामला SC में लंबित है. इतना महत्वपूर्ण मामला, करोड़ों भारतीय से जुड़ा मामला, 6 साल के बाद भी SC में लंबित है.

आगे कहा कि 20 साल बाद CIC में न कोई मुखिया है और 7 इनफॉर्मेशन कमिश्नर की नियुक्ति नहीं की गई है. पिछले 11 साल में 7 बार ऐसा समय आया है जब CIC ही नहीं है. सरकार का मकसद है RTI को नजरअंदाज और कमजोर करो, जितना हो सके उतना दंतहीन संस्था बना दो.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मार्च 2023 में Digital Data Protection Act पारित हुआ और इसकी आखिरी दो लाइन में धारा 44(3) में RTI का श्राद्ध, अंतिम संस्कार हो गया. इसमें कहा गया कि RTI का संशोधन इस कानून के तहत किया जा रहा है, जो व्यक्तिगत जानकारी है उसपर RTI लागू नहीं होगी.

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