Bollywood एक्ट्रेस को बेटे की याद का लगा सदमा, बीमार मां को देखने तक नहीं आया बेटा। हुआ निधन!
एंटरटेनमेंट की दुनिया में रहने वाले सितारों की ज़िंदगी आम लोगों की ज़िंदगी से बिलकुल अलग होती है। आखिर, कोई सितारा अपनी ज़िंदगी में बेशुमार खुशियां पाता है..

4पीएम न्यूज नेटवर्कः एंटरटेनमेंट की दुनिया में रहने वाले सितारों की ज़िंदगी आम लोगों की ज़िंदगी से बिलकुल अलग होती है। आखिर, कोई सितारा अपनी ज़िंदगी में बेशुमार खुशियां पाता है..तो, कई ऐसे भी सेलेब्स होते हैं..जिन्हें सिर्फ और सिर्फ दुःख ही मिलते हैं। तो, ऐसे ही, गम से भरी रही उस मशहूर एक्ट्रेस की ज़िंदगी..जिसने अपने बेटे की याद में दम ही तोड़ दिया।
जी हां, एक मशहूर एक्ट्रेस जिन्होंने बॉलीवुड की एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया। लेकिन, किस्मत का खेल देखिए कि, लाखों लोग के दिलों पर राज करने वालीं ये एक्ट्रेस अपने आखिरी समय में बिलकुल अकेले पड़ गई। फिर, नतीजा ये हुआ कि, ये एक्ट्रेस अपने बेटे के इंतजार में ही इस दुनिया को छोड़ गई। और, हैरानी की बात तो ये रही कि, एक्ट्रेस के आखिरी वक़्त में उनका बेटा ही उनसे मिलने तक नहीं आया।
4pmbollywood की इस रिपोर्ट में हम बात कर रहे हैं..दिवंगत एक्ट्रेस अचला सचदेव की। वही अचला, जिनपर फिल्माया गया गाना ‘ऐ मेरी जोहरा जबीं’ आज भी लोगों को याद है। आखिर, ये गाना सदाबहार होने के साथ-साथ हर किसी की जुबां पर जो है। ‘मां’ से लेकर ‘दादी’ तक के किरदार अचला सचदेव ने कई फिल्मों में निभाए। जिसके चलते उन्हें ”मदर ऑफ बॉलीवुड” का टैग भी मिला था।
जहां अचला हर फिल्म में मां के रोल में नजर आती थीं और उनके बेटे कहानी के हीरो हुआ करते थे, वहीं उनकी रियल लाइफ में सबकुछ अलग था। दरअसल, अचला ने फिल्म डायरेक्टर ज्ञान सचदेव से शादी की थी और दोनों का एक बेटा जोथिन सचदेव भी था।
कुछ समय बाद अचला और ज्ञान के रिश्ते में दरार आने लगी और इनका अलगाव हो गया। पेरेंट्स के अलग होने के बाद जोथिन अमेरिका चले गए थे। तो, तलाक के बाद अचला ने क्लिफोर्ड डॉग्लस पीटर्स से दूसरी शादी की। लेकिन कुछ समय बाद उनके पति का 2002 में निधन हो गया और अचला एक बार फिर अकेली हो गईं।
जिसके बाद अचला पुणे में रहने लगीं। पूना क्लब के पास कोणार्क एस्टेट अपार्टमेंट के दो बेडरूम फ़्लैट में अकेली ही रहती रहीं। इस दौरान सिर्फ रात में एक अटेंडेंट वहां रहकर उनकी देखभाल करता था। फिर, उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि अपना खुद का काम करना भी उनके लिए मुसीबत बन गया था। अपनी इसी कमजोरी के चलते वो 2011 में एक हादसे का शिकार हुईं। किचन में काम करते हुए उनका पैर फिसला और फ्रैक्चर हो गया। कुछ समय बाद कुछ ‘ब्रेन एम्बोलिस्म’ की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उनकी तबीयत लगातार खराब होती चली गई। उनकी आंखों की रोशनी भी चली गई। उनके शरीर को लकवा मार गया था।
फिर, किसी तरह कुछ दिन अस्पताल में कटे और आखिर में 30 अप्रैल 2012 को अचला ने अपनी अंतिम सांस लीं। साल 2012 में 91 साल की उम्र में अचला सचदेव का निधन हो गया। जब वो दुनिया छोड़कर गईं तो, इस दौरान यूएस में रह रहे बेटे ज्योतिन ने भी उनकी कोई सुध नहीं ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अचला ने जिंदगी का अंतिम दौर बेहद तंगहाली में काटा था।
गौरतलब है कि, अचला सचदेव ने अपने करियर में लगभग 130 से अधिक फिल्में की थीं। उन्होंने फिल्म ‘दिलरूबा(1950)’ से करियर शुरू करते हुए ‘कभी खुशी कभी गम(2001)’ तक का सफर तय किया। अचला को फिल्म ‘वक्त’ (1965) के लिए भी जाना जाता है। इस फिल्म में उन्होंने बलराज साहनी की पत्नी का रोल किया था। अचला और बलराज पर फिल्माया गया सॉन्ग ‘ऐ मेरी जोहरा जबीं’ इतना पॉपुलर हुआ था कि आज भी लोगों की जुबान पर है। साल 2001 के बाद वो बड़े पर्दे से दूर हो गईं।



