अहमदाबाद प्लेन क्रैश केस में नया मोड़: ‘लकीमैन’ विश्वास लंदन पहुंचे, कानूनी सलाहकार के साथ उतरे मैदान में!
अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले में एक बड़ा ट्विस्ट सामने आया है... हादसे के बाद चर्चा में आए ‘लकीमैन’ विश्वास कुमार रमेश अब लंदन पहुंच चुके हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुआ एयर इंडिया का विमान हादसा भारत के इतिहास में सबसे बड़े हवाई दुर्घटनाओं में से एक बन गया.. इस हादसे में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171.. अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी.. टेकऑफ के महज 30-33 सेकंड बाद क्रैश हो गई.. प्लेन एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में जा गिरा.. जिससे आग लग गई और भयानक तबाही मच गई.. कुल 242 लोग सवार थे.. जिनमें से 241 की मौत हो गई.. इसके अलावा जमीन पर मौजूद कुछ लोग भी इसकी चपेट में आए.. जिससे कुल मौतों की संख्या 270 के करीब पहुंच गई.. लेकिन इस भयानक हादसे में एक चमत्कार हुआ.. एक यात्री जीवित बच गया.. उसका नाम विश्वास कुमार रमेश है.. विश्वास ब्रिटिश नागरिक हैं, लेकिन भारतीय मूल के हैं.. वे लीसेस्टर, यूके में रहते हैं.. और हादसे के बाद ‘लकी मैन’ के नाम से मशहूर हो गए.. चार महीने बाद.. यानी अक्टूबर 2025 में विश्वास लंदन वापस लौट चुके हैं.. लेकिन उनका जीवन हमेशा के लिए बदल चुका है..
12 जून 2025 का दिन अहमदाबाद के लिए काला दिन साबित हुआ.. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी… जो दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ हुई.. प्लेन में 242 लोग सवार थे.. 227 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स थे.. यह फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जा रही थी.. टेकऑफ के तुरंत बाद सिर्फ 30 सेकंड में प्लेन में तेज आवाज आई.. और वह नियंत्रण से बाहर हो गया.. प्लेन सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ही एक मेडिकल कॉलेज के कैंपस में क्रैश हो गया.. क्रैश की जगह एक हॉस्टल थी.. जहां कई स्टूडेंट्स और स्टाफ मौजूद थे.. प्लेन के गिरते ही आग लग गई और धमाके हुए.. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्लेन टुकड़ों में बंट गया… और चारों तरफ धुआं और आग फैल गई..
एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक क्रैश की वजह अभी जांच के अधीन है.. शुरुआती रिपोर्ट्स में इंजन फेलियर या टेक्निकल फॉल्ट की बात कही गई है.. भारत की एविएशन अथॉरिटी, DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन), अमेरिका की NTSB (नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड) और बोइंग कंपनी की टीम जांच कर रही है.. प्लेन के ब्लैक बॉक्स को रिकवर किया गया है.. जो हादसे की वजह बताएगा.. वहीं इस हादसे ने भारत में हवाई सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं.. पहले भी भारत में कई प्लेन क्रैश हुए हैं.. जैसे 2020 में कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस का हादसा.. जिसमें 21 लोग मारे गए थे.. लेकिन अहमदाबाद का यह हादसा सबसे बड़ा है.. क्योंकि एक ही प्लेन में इतनी मौतें पहले नहीं हुईं.. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तुरंत शुरू हुआ.. फायर ब्रिगेड, पुलिस, आर्मी और NDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं.. लेकिन आग इतनी भयानक थी कि कई घंटों तक शवों को निकालना मुश्किल रहा… अस्पतालों में घायलों को ले जाया गया.. लेकिन ज्यादातर लोग मारे जा चुके थे.. इस बीच, एक खबर आई कि एक यात्री जीवित मिला है..
आरको बता दें कि विश्वास कुमार रमेश 40 साल के हैं.. वे मूल रूप से दमन और दीव के रहने वाले हैं.. लेकिन पिछले 20 साल से यूके के लीसेस्टर में रहते हैं.. वे ब्रिटिश नागरिक हैं और वहां अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहते हैं.. विश्वास भारत परिवार से मिलने के लिए आए थे.. उनके साथ उनके बड़े भाई अजय कुमार रमेश भी थे.. दोनों भाई लंदन वापस जा रहे थे.. विश्वास की सीट थी 11A, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी.. उनके भाई अलग रो में बैठे थे..
विश्वास ने बाद में मीडिया को बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद तेज आवाज आई.. प्लेन क्रैश हो गया.. मुझे लगा मैं मर जाऊंगा.. लेकिन जब आंखें खोलीं तो देखा कि मैं जिंदा हूं.. सीटबेल्ट खोला और फ्यूजलाज (प्लेन का बॉडी) में एक छेद से बाहर निकला.. वे खून से लथपथ थे.. लेकिन चलकर बाहर आ गए.. एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.. जिसमें वे घायल हालत में एम्बुलेंस की तरफ जाते दिखे.. डॉक्टरों ने कहा कि उनकी चोटें गंभीर नहीं थीं.. छाती, आंखों और पैरों पर चोटें लगी.. लेकिन जान को खतरा नहीं था..
विश्वास को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया.. वहां उनकी हालत स्थिर थी.. डॉक्टर राजनीश पटेल ने सीएनएन को बताया कि वह आराम से हैं, लेकिन सख्त निगरानी में हैं.. विश्वास का जीवित बचना एविएशन एक्सपर्ट्स के लिए चमत्कार जैसा है.. पूर्व एयर क्रैश इन्वेस्टिगेटर टोनी केबल ने कहा कि विश्वास को लॉटरी टिकट खरीदना चाहिए.. सीट 11A के पास स्पेस था.. जिससे उन्हें निकलने का मौका मिला..
सिविल अस्पताल में विश्वास का इलाज चला.. हादसे के अगले दिन, 13 जून 2025 को.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अस्पताल पहुंचे और विश्वास से मिले.. पीएम मोदी ने विश्वास का हालचाल पूछा और उन्हें हौसला दिया.. विश्वास ने पीएम को हादसे के बारे में बताया.. इसके अलावा, होम मिनिस्टर अमित शाह भी उनसे मिले.. इन मुलाकातों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं.. विश्वास ने मीडिया से सिर्फ एक बार बात की.. उन्होंने कहा कि मैं लोगों को अपनी आंखों के सामने मरते देखा.. मुझे नहीं पता मैं कैसे बच गया.. उसके बाद उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली..
डॉक्टरों ने विश्वास को कुछ दिनों में डिस्चार्ज कर दिया.. 18 जून 2025 को वे अस्पताल से बाहर आए.. लेकिन यह खुशी का मौका नहीं था.. उन्हें अपने भाई अजय की डेडबॉडी लेनी थी.. अजय की पहचान DNA टेस्ट से हुई.. विश्वास दीव स्थित अपने घर गए.. जहां परिवार इंतजार कर रहा था.. वहां पहुंचकर वे भाई की बॉडी देखकर फूट-फूटकर रो पड़े.. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वास ने अजय के शव को कंधा दिया.. और अंतिम संस्कार किया.. यह दृश्य दिल दहला देने वाला था..
हादसे ने विश्वास को गहरा सदमा दिया.. वे बार-बार एक ही बात कहते थे.. प्लेन फट्यो छे! प्लेन फट्यो छे!” (मतलब प्लेन फट गया है).. उनके परिवार ने बताया कि वे रातों को नींद नहीं सो पाते, सपनों में हादसा देखते हैं.. डॉक्टरों ने उन्हें PTSD का शिकार बताया.. इसलिए उनकी नियमित काउंसलिंग शुरू हुई.. जुलाई 2025 में, एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया कि विश्वास बात नहीं करते, अकेले रहते हैं..
ट्रॉमा सिर्फ विश्वास का नहीं, पूरे परिवार का है.. उनके पिता रमेश भालिया ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि बेटा सदमे में है.. हम ज्यादा नहीं बोल सकते.. परिवार ने जानकारी शेयर नहीं की कि विश्वास कब.. और किस फ्लाइट से लंदन गए.. लेकिन यह पता चला कि एयर इंडिया ने फ्लाइट AI-171 को रीनेम करके AI-159 कर दिया.. विश्वास करीब एक हफ्ते पहले लंदन पहुंचे..
आपको बता दें कि चार महीने पूरे होने पर.. यानी अक्टूबर 2025 में बड़ा अपडेट आया कि विश्वास लंदन वापस चले गए हैं.. टाइम्स ऑफ इंडिया की टीम ने उनके दीव स्थित घर पर संपर्क किया.. तो पिता ने बताया कि विश्वास लंदन चले गए हैं.. परिवार ने ज्यादा डिटेल्स नहीं दी.. लंदन में विश्वास ने मीडिया से दूरी बनाई हुई है.. वे वहां अपनी पत्नी और बच्चे के साथ हैं.. लेकिन जीवन सामान्य नहीं है..
बता दें कि परिवार ने विश्वास के लिए वकील और क्राइसिस मैनेजमेंट कंसल्टेंट हायर किए हैं.. जब टाइम्स ऑफ इंडिया ने सीगर से संपर्क किया.. तो उन्होंने कहा कि हमारे पास कहने को कुछ नहीं है.. उन्होंने परिवार से संपर्क करने पर आपत्ति भी जताई.. एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि विश्वास सरवाइवर, पीड़ित और चश्मदीद हैं.. जांच में उनकी गवाही महत्वपूर्ण है.. कई एजेंसियां उनसे बात करना चाहेंगी.. इसलिए कानूनी मदद ली गई है.. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भाई की मौत से वे पीड़ित हैं.. लेकिन उनकी जानकारी जांच के लिए जरूरी है..



