शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की, कहा- भारत अपने फैसलों की घोषणा खुद करेगा

शशि थरूर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ट्रंप का भारत के फैसलों की घोषणा करना उचित है. मुझे लगता है कि भारत खुद अपने फैसलों की घोषणा करेगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि हम दुनिया को अमेरिका के फैसलों के बारे में नहीं बताते हैं, इसलिए भारत क्या करेगा इसके बारे में भी उन्हें बात करने की आवश्यकता नहीं है. भारत अपने फैसलों के बारे में दुनिया को खुद बताएगा.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत को लेकर की गई घोषणाओं की आलोचना
की. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले प्रतिक्रिया दी थी कि भारत साल के अंत तक रूस से तेल आयात में कमी लाएगा. इस पर कांग्रेस सांसद ने टिप्पणी की और कहा कि जिस तरह भारत अमेरिका की बात नहीं करता, उसी तरह ट्रंप को भी भारत के फैसलों की घोषणा दुनिया के सामने नहीं करनी चाहिए.

शशि थरूर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ट्रंप का भारत के फैसलों की घोषणा करना उचित है. मुझे लगता है कि भारत खुद अपने फैसलों की घोषणा करेगा. हम दुनिया को यह नहीं बताते कि ट्रंप क्या करेंगे. मुझे लगता है कि ट्रंप को दुनिया को यह नहीं बताना चाहिए कि भारत क्या करेगा.

ट्रंप ने क्या किया दावा?
22 अक्टूबर को ट्रंप ने दावा किया कि भारत साल के अंत तक रूस से तेल आयात को कम कर देगा. ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ऐसा आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि रूस से तेल आयात को स्टेप बाई स्टेप खत्म करने पर काम किया जाएगा. ट्रंप ने दावा किया कि भारत साल के अंत तक इसे लगभग पूरी तरह से समाप्त कर देगा.

ट्रंप ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने मुझसे कहा था कि वे इसे रोक देंगे. यह एक प्रक्रिया है, आप इसे यूं ही नहीं रोक सकते. लेकिन, साल के अंत तक उनके पास लगभग शून्य मात्रा में तेल रह जाएगा. यह बहुत बड़ी बात है, क्योंकि यह लगभग 40 प्रतिशत तेल है. भारत बहुत अच्छा रहा है. ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से बात की और ये बिल्कुल शानदार रही.

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव मार्क रूट की मेज़बानी करते हुए मीडिया से बातचीत के दौरान ये सभी बातें शेयर की थीं. हालांकि, भारत ने रूस के तेल पर इस तरह के समझौते के उनके दावों का खंडन किया है. भारत ने कहा कि उसकी प्राथमिकता उपभोक्ता हितों की रक्षा करना है और ऊर्जा नीति स्थिर कीमतों और सुरक्षित आपूर्ति को ही वरीयता देती है.

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