व्यापार में उन्नति और धन-समृद्धि के लिए करें ये उपाय, मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जिसे लाभ पंचमी या लाभ पंचम कहा जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि अत्यंत शुभ माना जाता है,बल्कि व्यपारियों और व्यवसाययियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जिसे लाभ पंचमी या लाभ पंचम कहा जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि अत्यंत शुभ माना जाता है,बल्कि व्यपारियों और व्यवसाययियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।

दीपावली महापर्व का समापन इस दिन होता है। मान्यता है कि लाभ पंचमी को सौभाग्य पंचमी या ज्ञान पंचमी के नाम से जाना जाता है। हर साल के कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है, जो इस बार 26 अक्टूबर को मनायाजा रहा है।

दीपावली के महापर्व का समापन लाभ पंचमी के दिन होता है, जिसे अत्यंत विशेष और शुभकारी दिन माना गया है. इसे सौभाग्य पंचमी, ज्ञान पंचमी या लाभ पंचम भी कहा जाता है. यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की
पंचमी तिथि को पड़ता है, जो कि आज यानी 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. यह दिन विशेष रूप से व्यापारियों
और व्यवसायियों के लिए खास होता है क्योंकि इस दिन दिवाली के बाद नए बही खातों का शुभारंभ किया जाता है
और नए व्यावसायिक साल की शुरुआत होती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा और
कुछ उपाय करने से सालभर व्यापार में लाभ और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं कि लाभ
पंचमी के दिन क्या उपाय करने चाहिए.

गणेश-लक्ष्मी का पूजन
लाभ पंचमी की शाम भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का एक साथ पूजन करना अत्यंत शुभ होता है. शाम को स्नान के बाद पूजा स्थल को साफ करें. फिर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. सबसे पहले भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक और सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र, कमल या गुलाब के फूल, इत्र और खीर का भोग लगाएं.

लाभ पंचमी के दिन ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः’ या भगवान गणेश के मंत्र वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।’ का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए.

बहीखातों की पूजा
व्यवसायियों के लिए यह दिन नए खातों की शुरुआत का होता है. इस दिन नए बहीखातों या अपनी तिजोरी/कैश काउंटर की सफाई करें. फिर पूजा के समय बहीखातों को भी पूजा स्थल पर रखें और उनपर रोली, अक्षत और फूल अर्पित करें. मान्यता है कि इससे व्यापार में वृद्धि और लाभ के योग बनते हैं.

दान का महत्व
धर्म शास्त्रों के अनुसार, दान से बड़ा कोई लाभ नहीं है. इस शुभ दिन पर अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र या धन का दान जरूर करें. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय होता है और इससे मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं, जिससे घर में हमेशा धन का प्रवाह बना रहता है.

घर और कार्य स्थल की सफाई
लाभ पंचमी पर पूजा से पहले पूरे घर और कार्यस्थल को अच्छी तरह साफ करें और फिर हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें. ऐसी मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है. साथ ही, शाम के समय घर और कार्यस्थल पर दीपक जरूर जलाना चाहिए.

तिजोरी या धन स्थान का उपाय
लाभ पंचमी की पूजा के बाद एक लाल कपड़े में हल्दी की गांठ, एक सिक्का और थोड़े से अक्षत बांधकर अपनी तिजोरी, कैश बॉक्स या पैसों वाली जगह पर रखें. धार्मिक मान्यता है कि इस उपाय को करने से धन आकर्षित होता है और स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.

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